जानिए प्रेग्नेंसी में पानी के सेवन से होने वाले 11 लाभ
“जल ही जीवन है’ … यह वाक्य हमने कई जगह पढ़ा है और इसकी अहमियत भी समझते हैं। पानी के बिना जिंदगी की कल्पना करना भी मुमकिन नहीं है। लेकिन, क्या आप यह जानते हैं पानी का सेवन संतुलित मात्रा में नहीं करने से शारीरिक परेशानी शुरू हो सकती है? प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला के आहार का विशेष देखभाल किया जाता है। लेकिन, आहार के साथ-साथ प्रेग्नेंसी में पानी का सेवन सही मात्रा में करना आवश्यक है। प्रेग्नेंसी में पानी का सेवन ठीक तरह से नहीं करने पर गर्भवती महिला के साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी खतरनाक हो सकता है।
मुंबई के जसलोक अस्पताल की ऑब्स्टेट्रिक्स एवं गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. सुदेशना राय कहती हैं कि “महिलाओं को प्रेग्नेंसी में पानी का सेवन ऐसा नहीं है की सामान्य दिनों से ज्यादा करना है बल्कि गर्भधारण कर चुकी महिलाओं को गर्मियों के मौसम तीन से साढ़े तीन लीटर पानी पीना चाहिए। गर्भवती महिला को और उनका ध्यान रख रहें लोगों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए की गर्भवती महिला डिहाइड्रेशन का शिकार न हों। क्योंकि डिहाइड्रेशन या प्रेग्नेंसी में पानी का सेवन कम करने से प्रेग्नेंट लेडी कमजोरी महसूस करने लगेंगी जिसका असर मां और शिशु दोनों पर होगा। इसलिए प्रेग्नेंसी में पानी का सेवन भी बैलेंस डायट की तरह ही लें। न कम पानी पीएं और न अत्यधिक ज्यादा।’
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प्रेग्नेंसी में पानी का सेवन सही मात्रा में करने से क्या-क्या लाभ मिल सकते हैं?
गर्भावस्था में पानी का सेवन सही मात्रा में करने से निम्नलिखित लाभ मिल सकते हैं। जैसे:-
- गर्भवती महिला के बॉडी का टेम्प्रेचर प्रेग्नेंसी के दौरान सामान्य दिनों की तुलना में ज्यादा रहता है। इसलिए प्रेग्नेंसी में पानी का सेवन ठीक तरह से करने से बॉडी का टेम्प्रेचर नॉर्मल बना रहता है।
- गर्भावस्था में पानी के सेवन से शरीर के विषाक्त भी यूरिन के माध्यम से निकल जाते हैं।
- गर्भवती महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान कब्ज की समस्या भी होती है लेकिन, पानी का सेवन नियमित और बैलेंस्ड करने से गर्भावस्था के दौरान होने वाले कब्ज की समस्या से बचा जा सकता है।
- गर्भ में पल रहे शिशु तक पोषण पहुंचाने में पानी की अहम भूमिका होती है।
- गर्भावस्था के दौरान एमिनो एसिड फ्लूइड (Amino acid fluid) के लेवल को संतुलित बनाये रखता है।
- ब्लैडर इंफेक्शन की परेशानी से गर्भवती महिला दूर रह सकती हैं।
- गर्भावस्था के दौरान शरीर में होने वाले सूजन की समस्या से बचा जा सकता है।
- कुछ रिसर्च के अनुसार प्रेग्नेंसी में पानी का सेवन कम करने से गर्भ में पल रहे शिशु की त्वचा को संपूर्ण नमी नहीं मिल सकती है।
- गर्भावस्था के दौरान होने वाले शारीरिक पीड़ा को भी सही मात्रा में पानी का सेवन कम करने में मददगार हो सकता है।
- गर्भावस्था में पानी का सेवन संतुलित करने से जोड़ों की परेशानी नहीं होती है।
डॉ. सुदेशना राय के अनुसार गर्भवती महिलाओं को हाइड्रेट रहने चाहिए। जिसे सामान्य भाषा में समझें तो प्रेग्नेंसी में पानी का सेवन कम नहीं करना चाहिए, क्योंकि पानी की कमी गर्भवती महिला की शारीरिक परेशानी को बढ़ा सकता है।
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प्रेग्नेंसी में डिहाइड्रेशन के लक्षण क्या हैं?
गर्भावस्था के दौरान निम्नलिखित परेशानी महसूस होने पर प्रेग्नेंट लेडी डिहाइड्रेशन की शिकार हो सकती हैं। जैसे:-
- गला और मुंह सूखने की समस्या
- सूखे और होठों का फटा हुआ होना
- रूखी त्वचा होना
- यूरिन कम होना
- यूरिन का रंग डार्क होना
- गर्म मौसम होने के बावजूद भी पसीना नहीं आना
- कमजोरी महसूस होना
- सिरदर्द होना
- कब्ज की समस्या होना
ऊपर बताये गए लक्षण समझ आने पर गर्भवती महिला को जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान सिरदर्द और कब्ज जैसे अन्य परेशानी गर्भवती महिला महसूस कर सकती हैं लेकिन, अगर ऐसी कोई भी परेशानी होने पर इसे नजरअंदाज करना आपकी परेशानी बढ़ा सकता है। क्योंकि डिहाइड्रेशन बढ़ने की वजह से निम्नलिखित परेशानी भी हो सकती है।
- दिल की धड़कन तेज होना
- ब्लड प्रेशर कम होना
- चक्कर आना
- भ्रम में रहना
- गर्भ में पल रहे शिशु के मूवमेंट पैटर्न में बदलाव आना
- न्यूरल ट्यूब डेफेक्ट्स होना
- समय से पहले शिशु का जन्म होना
- बर्थ डिफेक्ट होना
- ब्रेस्ट मिल्क फॉर्मेशन ठीक तरह से न होना (मां का दूध कम बनना)
प्रेग्नेंसी में पानी का सेवन कैसे करें?
प्रेग्नेंसी में पानी का सेवन निम्नलिखित तरह से की जा सकती है। जैसे:-
- गर्भवती महिला को सुबह से रात के सोने के वक्त तक गर्मियों के दिनों में तीन से साढ़े तीन लीटर पानी का सेवन करना चाहिए।
- सर्दियों और अन्य मौसम में दो से तीन लीटर पानी का सेवन करना चाहिए।
- गर्भवती महिला पानी के साथ-साथ जूस का सेवन भी कर सकती हैं।
- गर्भवती महिला गुनगुने पानी का भी सेवन कर सकती हैं।
प्रेग्नेंसी में पानी का सेवन विशेषकर गुनगुने पानी से कई फायदे होते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार खाली पेट भी गुनगुने पानी का सेवन किया जा सकता है। जैसे-
- डायजेशन बेहतर होता है
- प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली मॉर्निंग सिकनेस दूर हो सकती है
- ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है
- एसिडिटी की समस्या होती है दूर
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प्रेग्नेंसी में पानी की कमी न हो इसलिए गर्भवती महिलाओं को क्या करना चाहिए?
गर्भवती महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में पानी की कमी न हो इसलिए ताजे पानी के अलावा निम्नलिखित टिप्स अपनाने चाहिए। इन टिप्स में शामिल है:
- दूध का सेवन नियमित करें
- फलों के जूस का सेवन करना चाहिए
- नारियल पानी का सेवन करें
- हरी सब्जियों से बने सूप का सेवन किया जा सकता है
गर्भवती महिलाओं को स्वीट वॉटर या सोडा के सेवन से बचना चाहिए और किसी भी पेय पदार्थों के सेवन के लिए अच्छी क्वॉलिटी के बोतल का इस्तेमाल करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को ध्यान रखना चाहिए की उन्हें नियमित पानी या अन्य लाभकारी पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए। प्रेग्नेंसी में चाय या कॉफी का सेवन भी संतुलित करना चाहिए।
गर्भवती महिला को किन परिस्थितियों में डॉक्टर से जल्द संपर्क करना चाहिए?
- शिशु का गर्भ में ठीक तरह मूवमेंट न होना
- वजायनल ब्लीडिंग होना
- समय से पहले लेबर पेन होना
- किडनी से संबंधित परेशानी होना
- 12 घंटे से ज्यादा वक्त तक उल्टी या डायरिया होना
- तरल पदार्थ के सेवन के बावजूद पसीना नहीं आना
- यूरिन नहीं आना या अत्यधिक यूरिन कम होना
- बेहोश होना
अगर आप प्रेग्नेंसी में पानी का सेवन सही तरह से नहीं करती हैं, तो इसके नुकसान हो सकते हैं। इसलिए गर्भावस्था में पानी के सेवन से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहती हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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