के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
आमतौर पर बढ़ती उम्र के साथ कई बीमारियां पनपने लगती है जैसे हेल्थ और त्वचा से जुड़ी समस्या होने लगती है जिसे ज्यादातर लोग अंदेखा कर देते हैं। बढ़ती उम्र के उसी दौर में एक और समस्या शामिल है जिसे एक्टिनिक केराटोसिस ( actinic keratosis) कहते हैं। एक्टिनिक केराटोसिस बूढ़े लोगों में देखा जाता है। जैसे-जैसे आप बूढ़े होते हैं, आप अपने, हाथों या चेहरे पर दिखने वाले खुरदरे धब्बों को देखना शुरू कर सकते हैं। इन्हीं धब्बों को एक्टिनिक केराटोस कहा जाता है, लेकिन इन्हें आमतौर पर लोग सनस्पॉट या उम्र के धब्बे के रूप में जानते हैं।ज्यातर लोग एक्टिनिक केराटोसिस के लक्षण को देखकर भी अंदेखा कर देते हैं लेकिन ऐसा करना नहीं चाहिए इसका सही उपचार करवा लेना चाहिए।
-एक्टिनिक केराटोसिस आमतौर पर आपके उन क्षेत्रों में होते हैं, जो कई सालों तक सूर्य के तेज धूप को झेलकर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ये खासतौर पर तभी होते हैं जब आपको एक्टिनिक केराटोसिस (एके) होता है, जो त्वचा की एक बहुत सामान्य स्थिति है। शरीर के इन हिस्सों में इनके होने की संभावना अधिक होती है।
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-एक्टिनिक केराटोसिस तब होता है जब केराटिनोसाइट्स आपकी त्वचा की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं, जिससे आपकी त्वचा पपड़ीदार, फीकी पड़ जाती है। त्वचा पर पड़ी हुई पैच इनमें से किसी भी रंग के हो सकते हैं, नीचे देखें-
एक्टिनिक केराटोसिस किसी प्रकार का कैंसर नहीं है,लेकिन वे स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (एससीसी) में बदल सकते हैं, लेकिन ऐसा होने की संभावना बहुत कम होती है। जब वे बिना इलाज के छोड़ दिए जाते हैं, तो लगभग 10 प्रतिशत तक एक्टिनिक केराटोस एससीसी में बदल सकते हैं। ये त्वचा कैंसर का दूसरा सबसे आम प्रकार है। इसलिए इसको बिना लेट किए इसका उपचार करवा लेना चाहिए।
एक्टिनिक केराटोसिस के लक्षण जानना बेहद आसान है नीचे दिए हुए इन कारकों पर जानें नजर डालें क्या इनमें से कोई लक्षण आपके अंदर दिखाई दे रहें हैं।
-एक्टिनिक केराटोसिस मुख्य रूप से सूर्य के संपर्क में आने वाले क्षेत्रों पर पाए जाते हैं, जैसे कि आपका चेहरा, होंठ, कान, हाथ, प्रकोष्ठ, खोपड़ी और गर्दन।
-क्या आपकी त्वचा खुरदरी, सूखी या पपड़ीदार पैच, आमतौर पर व्यास में 1 इंच (2.5 सेंटीमीटर) से कम होती है।
-त्वचा की ऊपरी परत पर उभरे हुए पैच
-कुछ मामलों में एक कठोर, मस्सा वाली सतह
-गुलाबी रंग, लाल या भूरे रंग के रूप में विविध
-प्रभावित क्षेत्र में खुजली या जलन होना
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आपको बताएं गैर-कैंसर स्पॉट और कैंसर स्पॉट वाले लोगों के बीच अंतर करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए ऐसे में डॉक्टर द्वारा परीक्षण करवाना सबसे बेहतर हो सकता है। अगर कोई स्पॉट या घाव ऐसा है जो ठीक नहीं हो पा रहा है तो बिना देरी किए आप डॉक्टर को दिखा सकते हैं
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एक्टिनिक केराटोसिस के कारण मुख्य रूप से सूर्य के प्रकाश में लंबे समय तक रहने के कारण होता है। एक्टिनिक केराटोसिस के कारण और भी कई हो सकते हैं इससे जुड़े हुए कुछ कारण नीचे लिखे गए हैं ध्यान से पढ़े।
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एक्टिनिक केराटोसिस का इलाज कई तरीकों से किया जा सकता है लेकिन कई बार ऐसा भी होता है की एक्टिनिक केराटोसिस अपने आप ही गायब हो जाते हैं। लेकिन सूरज के ज्यादा संपर्क में आने से यह दोबारा भी हो सकता है। यह कह पाना बेहद मुश्किल होता है की कौन से घाव कैंसर का रुप ले सकते हैं या कौन से सामान्य है। एक्टिनिक केराटोस का इलाज इस प्रकार से किया जा सकता है।
दवाएं
यदि आपको एक्टिनिक केराटोस अधिक हैं, तो आपको एक्टिनिक केराटोस के इलाज के ऐसी दवा लेनी चाहिए जो उस पूरे एरिया का इलाज करें। इस दौरान लागू होने वाले कुछ प्रिस्क्रिप्शन इस प्रकार हो सकते हैं।ये क्रीम भी आपके शरीर में जलन का कारण बन सकती हैं।
सर्जिकल और अन्य प्रक्रियाएं द्ववारा इलाज
ठंड (क्रायोथेरेपी)। लिक्यूइड नाइट्रोजन के साथ उन्हें फ्रीज करके एक्टिनिक केराटोस को हटाया जा सकता है। इस इलाज के दौरान आपका डॉक्टर प्रभावित त्वचा पर पदार्थ को लगाया है, इसके जरिए जैसे-जैसे आपकी त्वचा ठीक होती है, घाव बंद हो जाते हैं, और नई त्वचा नजर आने लगती है। क्रायोथेरेपी इसके लिए सबसे आम उपचार है।इसमें केवल कुछ मिनट लगते हैं। इसमें साइड इफेक्ट्स के रुप में इलाज की जगह पर फफोले, दाग, त्वचा में बदलाव, संक्रमण और त्वचा का काला पड़ना शामिल हो सकता है।
स्क्रैपिंग (इलाज)।बता दें एक्टिनिक केराटोस के इलाज प्रक्रिया में आपका सर्जन क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को हटाने के लिए एकउपकरण का उपयोग करता है। इलेक्ट्रोसर्जरी द्वारा स्क्रैपिंग का पालन किया जा सकता है, जिसमें डॉक्टर इसमें प्रभावित ऊतक को काटकर निकालने और नष्ट करने के लिए एक एक उपकरण का उपयोग करता है। इसमें साइड इफेक्ट्स के रुप में संक्रमण, निशान और इलाज की जगह पर त्वचा के रंग में परिवर्तन हो सकता है।
फ़ोटोडायनॉमिक थेरेपी। एक्टिनिक केराटोस के इस इलाज प्रक्रिया में आपका डॉक्टर प्रभावित त्वचा पर एक प्रकाश-संवेदनशील रासायनिक सॉल्यूशन लगाता है और फिर इसपर एक स्पेशल लाइट डाली जाती है। जो एक्टिनिक केराटोसिस को नष्ट करने में सक्षम होता है। इसमें साइड इफेक्ट के रुप में आपकी त्वचा लालिमा, सूजन और जलन हो जाती है।
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एक्टिनिक केराटोस का रोकथाम करना बेहद आवश्यक है इससे पहले की यह स्थिति त्वचा कैंसर का रुप ले, आपको इसका इलाज करना जरुरी है। एक्टिनिक केराटोसिस का इलाज इन तरीकों से किया जा सकता है।
अपनी त्वचा को धूप से ऐसे बचाएं
अपना धूप में रहने का समय सीमित रखें, जैसा की हम सभी जानते हैं की सबसे ज्यादा धूप दोपहर में होती है तो कोशिश करें की उस वक्त आप घर पर ही रहें। इस वक्त निकलने से आप सबसे अधिक तेज प्रभाव आपकी त्वचा पर पड़ सकता है। जो एक्टिनिक केराटोज और त्वचा कैंसर के विकास के जोखिम को बढ़ा सकता है।
सनस्क्रीन का प्रयोग करें। यदि आप दिन के समय दोपहर में बाहर निकलते हैं तो ध्यान से सनस्क्रीन का उपयोग करके ही बाहर निकले। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी कम से कम 30 एसपीएफ के स्पेक्ट्रम, वाटर रेजिडेंट लोशन का उपयोग करने की सलाह देते है। जो अंग आपका ज्यादा खुला हुआ होता है उनपर खासतौर पर सनस्क्रीन लगाना चाहिए।इसके साथ-साथ अपने होठों लिप बाम का उपयोग करें।
चेहरे को छिपाना। सूरज से अपनी त्वचा को बचाने के लिए आप अपने चेहरे को अच्छी तरह से कसकर कवर कर सकते हैं। इसके अलावा ब्रॉड-ब्रिमेड टोपी पहन सकते हैं।
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बढ़ती उम्र के साथ किसी भी व्यक्ति को एक्टिनिक केराटोज हो सकते हैं।आपके लिए इसके जोखिम अधिक हो सकते हैं, जब आप इन कारकों के जुड़े होते हैं।
यदि आपका इलाज जल्दी किया जाता है, तो आपकी त्वचा, त्वचा कैंसर में विकसित होने से पहले लगभग सभी एक्टिनिक केराटोस को साफ या हटाया जा सकता है। यदि यह बिना उपचार के ही छोड़ दिया जाता है, तो इनमें से कुछ स्पॉट स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा में बदल सकते हैं यह एक प्रकार का कैंसर है जो आमतौर पर जानलेवा नहीं होता है, समय रहते इसका इलाज होने पर यह ठीक हो सकता है। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें।
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