
बढ़ती उम्र में अल्जाइमर की परेशानी एक सामान्य परेशानी है। बहुत से लोगों को पता नहीं चलता कि उन्हें ये परेशानी है और कुछ लोगों में ये डायग्नोज हो जाता है।
अल्जाइमर (Alzheimer) क्या है ?
अल्जाइमर, डिमेंशिया (डिमेंशिया के लक्षण) का सबसे सामान्य कारण है। बढ़ती उम्र में अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो जाती है। याददाश्त कमजोर होने की वजह से व्यक्ति के सोचने-समझने की क्षमता पर असर पड़ने के साथ-साथ दैनिक कार्यों को भी पूरा करने में कठिनाई शुरू हो जाती है।
बढ़ती उम्र में अल्जाइमर के कारण ब्रेन में सेल्स बनने के साथ-साथ खत्म भी होने लगते हैं। बढ़ती उम्र में अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति के स्वभाव में लगातार नकारात्मक बदलाव आता है। इसका कोई ठोस इलाज नहीं है, जिससे अल्जाइमर की बीमारी ठीक हो सके। बढ़ती उम्र में अल्जाइमर की वजह से डिहाइड्रेशन, कुपोषण या इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
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आखिर क्या होता है अल्जाइमर में?
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार बढ़ती उम्र में अल्जाइमर, एक परेशानी वाली समस्या है। बढ़ती उम्र में अल्जाइमर की स्थिति में मस्तिष्क के टिशू पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके लक्षण भी तुरंत नजर नहीं आते हैं। इस बीमारी में मस्तिष्क की कोशिकाएं डी-जेनरेट हो कर नष्ट हो जाती हैं और इसी कारण याददाश्त धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है। उम्र ज्यादा होने के साथ-साथ जेनेटिकल, तनाव, डिप्रेशन, हाई ब्लड प्रेशर या सिर में चोट लगने के वजह अल्जाइमर का कारण बनता है।
बढ़ती उम्र में अल्जाइमर से स्वभाव में आते हैं ये बदलाव
विशेषज्ञों के अनुसार अल्जाइमर के पेशेंट के स्वभाव में कई बदलाव आने लगते हैं। जैसे अत्यधिक गुस्सा होना, बेचैनी, चिड़चिड़ापन, भूलना, शांत हो जाना, किसी से मिलना नहीं, अकेले रहना साथ ही ऐसे लोग डिप्रेशन, हैल्यूसिनेशन यानी मतिभ्रम जैसी स्थिति भी निर्मित हो सकती है। बढ़ती उम्र में अल्जाइमर का अबतक कोई ठोस इलाज नहीं है। सिर्फ न्यूरोलॉजिस्ट ही इसका पहचान कर सकते हैं।
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अल्जाइमर के लक्षण क्या हैं ?
बढ़ती उम्र में अल्जाइमर के तीन मुख्य स्टेज होते हैं: माइल्ड अल्जाइमर (अर्ली स्टेज), मॉडरेट अल्जाइमर (मिडिल स्टेज) और सिवीयर अल्जाइमर (लेट स्टेज)। तीनों स्टेज में लक्षण अलग-अलग होते हैं।
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अर्ली स्टेज- इसे माइल्ड अल्जाइमर भी कहते हैं और 2 से 4 साल तक रहता है।
माइल्ड अल्जाइमर के लक्षण-
- थका हुआ महसूस होना।
- लोगों से मिलने की इच्छा न होना।
- काम नहीं करना।
- तुरंत की बातों को भूलना।
- बात करने में कठिनाई महसूस होना।
- ठीक से निर्णय लेने में परेशानी होना।
- स्वभाव में अत्यधिक बदलाव होना।
- रास्ता भूलना।
इन परेशानियों को देख यह सुनिश्चित करना की यह अल्जाइमर की बीमारी ही है, वह ठीक नहीं है। क्योंकि इन लक्षणों के साथ-साथ कुछ लक्षण और भी हैं। उनमें शामिल है:
- थाइरॉइड की समस्या होना।
- ऐसी दवाइयों का सेवन करना जिसे एक साथ नहीं लिया जा सकता।
- पार्किसंस डिजीज (Parkinson’s disease) की समस्या।
- अत्यधिक तनाव होना।
- डिप्रेशन होना।
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मिडिल स्टेज:
इस स्टेज को मॉडरेट अल्जाइमर (Moderate Alzheimer’s) भी कहते हैं। इस स्टेज में याद्दाश्त बहुत कमजोर हो जाती है और दैनिक जीवन में समस्याएं पैदा करने लगती हैं। यह स्टेज 2 से 10 वर्ष तक रह सकती है।
मॉडरेट अल्जाइमर के लक्षण:
- ठीक से बात नहीं कर पाना।
- किसी भी समस्या को ठीक करने में परेशानी होना।
- समय और जगह को लेकर असमंजस में रहना।
- मौसम के अनुसार कपड़े नहीं पहनना।
- कभी-कभी व्यक्ति खुद को भी नुकसान पहुंचा लेता है।
मॉडरेट अल्जाइमर से पीड़ित कुछ लोगों को यह भी पता चल जाता है कि वे अपने जीवन का नियंत्रण खो रहे हैं, जिससे वे और भी निराश या उदास हो सकते हैं। यह स्थिति और ज्यादा कठिनाइयों भरा हो सकता है।
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लेट स्टेज:
इस स्टेज को सिवीयर अल्जाइमर (Severe Alzheimer’s) कहते हैं, जो सबसे गंभीर अवस्था मानी जाती है। यह आम तौर पर 1 से 3 साल तक रहता है।
इस स्टेज में निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:
- पहले क्या हुआ और अब क्या हो रहा है, इस बात को लेकर भ्रम में रहना।
- जो याद हो उसे ठीक से समझा नहीं पाना।
- खाना खाने में परेशानी महसूस होना।
- यूरिन कंट्रोल नहीं कर पाना।
- त्वचा संबंधी परेशानी होना।
- वजन कम होना और बार-बार बीमार पड़ना।
- स्वभाव में अत्यधिक बदलाव होना।
- खुद से अपना काम नहीं कर पाना।
- अत्यधिक भ्रम में रहना।
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अल्जाइमर क्या सिर्फ बढ़ती उम्र का कारण है ?
कभी-कभी भूलना सामान्य हो सकता है। लेकिन, पिछली बातों को भूलते जाना और भ्रम में रहना इसका मुख्य कारण है। इसका कोई ठोस इलाज नहीं है, जिससे अल्जाइमर की बीमारी ठीक हो सके। इस बीमारी की वजह से डिहाइड्रेशन, कुपोषण या इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। पेशेंट के व्यवहार में बदलाव भी शुरू हो जाता है।
मुंबई के जसलोक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के कंसल्टेंट डॉ. आजाद एम ईरानी कहते हैं ‘अल्जाइमर 55 से 65 वर्ष या इससे ज्यादा उम्र के लोगों में होने के चांसेस ज्यादा होते हैं और इसका सबसे मुख्य कारण बदलती लाइफस्टाइल, जेनेटिक और तनाव है। साथ ही इसका अभी तक कोई इलाज नहीं है। इसलिए सिर्फ दवा से ही इसके लक्षणों पर नियंत्रण किया जा सकता है। पीड़ित व्यक्ति को एक्टिव रहने के लिए प्रोत्साहित करते रहें और सुडोकू जैसे अन्य ब्रेन गेम खेलने की आदत डालें।’ॉ
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ऐसी स्थिति में निम्नलिखित बदलाव नजर आते हैं:
- डिप्रेशन
- उदास रहना
- लोगों से मिलना जुलना नहीं
- मूड स्विंग होना
- लोगों से भरोसा उठना
- चिड़चिड़ापन
- गुस्सा होना
- वक्त पर नहीं सोना
- कहीं भी घूमते रहना
- चोरी के भ्रम में रहना
अल्जाइमर होने पर क्या करना चाहिए ?
यदि आपको लगता है कि आपके किसी प्रियजन को बढ़ती उम्र में अल्जाइमर या उससे जुड़ी परेशानी है, तो सबसे बेहतर होगा कि डॉक्टर से बात करें। वह आपको बता सकते हैं कि इन लक्षणों का क्या मतलब है और उनके उपचार के लिए आपके पास क्या विकल्प हैं। बढ़ती उम्र में अल्जाइमर के लिए डॉक्टर आपको सही सलाद देता है। कई बार डॉक्टर अल्जाइमर के लिए थेरेपी देने की बात करते हैं लेकिन इसका इलाज हर किसी के लिए अलग-अलग है। बढ़ती उम्र में अल्जाइमर होन पर परेशान होने से बेहतर है कि परिवार से व्यक्ति को सहानूभुति मिले ताकि अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति खुद को अकेला ना समझें।
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