आमतौर पर कंडोम का इस्तेमाल सुरक्षित सेक्स करने, अनचाहे गर्भ से बचे रहने और यौन जनित रोगों से सुरक्षित रहने के लिए किया जाता है। लेकिन, जहां इसके इतने सारे फायदे हैं, वहीं कंडोम के नुकसान भी हो सकते हैं। कंडोम के भी साइड इफेक्ट्स होते हैं, जो न केवल सेक्स लाइफ को प्रभावित कर सकता है बल्कि, कई यौन संबंधित बीमारियों का भी शिकार बना सकता है।
कंडोम के नुकसान से पहले समझें क्या है कंडोम
आमतौर पर कंडोम बहुत ही आसानी से मिल जाते हैं और यह इस्तेमाल में भी बहुत ही आसान होते हैं। अनचाही प्रेग्नेंसी से लेकर कंडोम एसटीडी दोनों से ही बचाव करने में मददगार होता है। साथ ही, कंडोम का इस्तेमाल सेक्स को भी बेहतर बना सकता है क्योंकि यह अलग-अलग फ्लेवर और अलग-अलग प्रकार में भी आता है। हालांकि, कंडोम के जहां कुछ फायदे हैं वहीं कंडोम के नुकसान भी है। वैसे तो कंडोम का इस्तेमाल सेक्स के लिए 99 फीसदी सुरक्षित माना जाता है। लेकिन, अगर कंडोम के इस्तेमाल में लापरवाही बरती जाए, तो कंडोम के नुकसान भी कई हो सकते हैं।
जानिए कंडोम के नुकसान
1.कंडोम के नुकसान: लेटेक्स एलर्जी
अधिकतर ब्रांड कंडोम बनाने के लिए लेटेक्स का इस्तेमाल करते हैं। ये एक तरह का तरल पदार्थ होता है, जो रबर के पेड़ से प्राप्त किया जाता है। द अमेरिकन अकेडमी ऑफ एलर्जी अस्थमा एंड म्यूनोलॉजी के दावे के अनुसार, सेहत के लिए सुरक्षित नहीं होता है। उनके अनुसार, रबर में प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है, जिसकी वजह से कुछ लोगों में एलर्जी के लक्षण देखे गए हैं।
कैसे करें लेटेक्स एलर्जी के लक्षणों की पहचान?
- सेक्स करने के बाद लगातार छींक आना
- नाक बहना
- पित्ती
- गुप्तांग में खुजली
- घरघराहट
- सूजन
- चक्कर आदि।
- इसके अलावा, कई मामलों में लेटेक्स से होने वाली एलर्जी से ऐनफलैक्सिस का खतरा भी देखा जाता है। इसलिए, अगर आपको इससे एलर्जी है, तो आप सिंथेटिक कंडोम का इस्तेमाल करें।
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2.कंडोम के नुकसान: गर्भधारण का जोखिम
हर बार कंडोम का इस्तेमाल करना 100 फीसदी तक सुरक्षित नहीं माना जाता है, इसलिए कंडोम के नुकसान भी हो सकते हैं। हालांकि, अगर कंडोम का इस्तेमाल सही तरीके से किया जाता है, तो यह 98 फीसदी तक सुरक्षित माना जाता है और कंडोम के नुकसान से बचा जा सकता है। हालांकि, बताए गए निर्देशों के अनुसार कंडोम का इस्तेमाल करने के बाद 100 में से 15 महिलाओं ने अनचाहे गर्भ की शिकायत की है। इसलिए, कंडोन के नुकसान से बचने के लिए एक्सपायरी कंडोम का इस्तेमाल भूलकर भी न करें, साथ ही कटे-फटे कंडोम का भी इस्तेमाल न करें।
3.कंडोम के नुकसान: महिला साथी की सेहत पर हो सकता असर
कुछ रिसर्च के दावों में पाया गया है कि पुरुष साथी के कंडोम इस्तेमाल करने से महिला साथी की सेहत पर बुरा असर देखा गया है। इसकी वजह से कई महिलाओं को कैंसर जैसी घातक बीमारियों का सामना भी करना पड़ सकता है। साथ ही, इसकी वजह से महिलाओं में ओवेरियन कैंसर जैसी घातक बीमारी का जोखिम भी बढ़ जाता है। इसका कारण इस पर लगा ड्राई ल्यूब्रिकेंट होता है। कई अध्ययन के अनुसार कंडोम पर इस्तेमाल किए जाने वाला पाउडर महिलाओं में ओवेरियन कैंसर का खतरा पैदा कर सकता है और फैलोपियन ट्यूब पर फाइब्रोसिस महिला को बांझ बन सकता है। जर्नल ऑफ दी अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के अनुसार, अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने सर्जिकल ग्लव्स पर पाउडर के खतरे को देखते हुए और इस तरह के कंडोम के नुकसान को समझते हुए इसके इस्तेमाल और निर्माण पर बैन लगा दिया था, हालांकि, इसका इस्तेमाल अभी भी किया जाता है।
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4.कंडोम के नुकसान: लिंग इरेक्शन में समस्या
कई पुरुषों की शिकायत रहती है कि कंडोम का इस्तेमाल करने के बाद उन्हें लिंग इरेक्शन को बरकरार रखने में परेशानी होती है। वहीं, अधिकतर लोग गलत साइज के कंडोम का इस्तेमाल करते हैं, जिसके कारण उन्हें सेक्स के दौरान तकलीफ हो सकती है।
5.कंडोम के नुकसान: सेक्स के आनंद में कमी ला सकता है
कई महिलाएं सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करना पसंद नहीं करती हैं। उनका कहना होता है कि पुरुष साथी के कंडोम के इस्तेमाल करने से सेक्स का आनंद कम मिलता है। साल 2002 में किए गए एक अध्ययन में इसका दावा भी किया गया है। इस रिसर्च में पाया गया कि 293 महिलाओं ने बताया कि कंडोम के इस्तेमाल से उन्हें सेक्स का कम आनंद मिलता है।
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6.कंडोम के नुकसान: दर्द का एहसास
सेक्स एक्सपर्ट के मुताबिक ‘हफ्ते में दो से अधिक बार कंडोम का इस्तेमाल करने से योनि की आंतरिक परत और झिल्ली में संवेदनशीलता धीरे-धीरे खत्म होने लगती है, जिसके कारण महिलाओं की योनि से स्खलित होने वाला प्राकृतिक ल्यूब्रिकेंट का स्खलन कम हो जाता है। कई मामलों में इस स्खलन पूरी तरह से बंद भी पाया गया है। इसकी वजह से योनि में लिंग द्वारा रगड़ से खराश या सूखेपन की समस्या देखी जाती है।
7.संवेदना में कमी का कारण बन सकता है कंडोम के नुकसान
कंडोम के ज्यादा इस्तेमाल करने से महिला साथी के साथ-साथ पुरुष साथी के भी संवेदनाएं कम हो सकती है। जिसके कारण सेक्स से इनकी रूची भी घट सकती है।
इन सब खतरों के अलावा, कुछ यौन संचारित रोगों का जोखिम भी बढ़ सकता है। हालांकि, कंडोम के इस्तेमाल से एचआईवी और क्लैमाइडिया, सूजाक और एचपीवी जैसे गंभीर रोगों से सुरक्षित रहा जा सकता है। लेकिन, इससे यौन संचारित रोगों का खतरा कुछ हद तक बना रहता है क्योंकि ये योनि और लिंग की बाहरी त्वचा को सुरक्षित नहीं रख पाता है, जिसकी वजह से खुजली और इंफेक्शन का खतरा हो सकता है।
कंडोम के नुकसान से बचने के लिए क्या करें?
- कंडोम के नुकसान से बचने के लिए निम्न बातों का ध्यान रख सकते हैंः
- हमेशा किसी अच्छी क्वालिटी और भरोसेमंद ब्रांड के ही कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए।
- कंडोम खरीदने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट की जांच जरूर करें।
- कंडोम का पैक खोलने से पहले उसके लेबल पर लिखे गए दिशा-निर्देशों को सावधानी से पढ़ें। कंडोम का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए, इसकी पूरी सटीक जानकारी पैक के लेबल पर दिया गया होता है। जिसे पढ़कर आप कंडोम का सही और सुरक्षित इस्तेमाल कर सकेंगे और कंडोम के नुकसान से बचाव भी कर सकेंगे।
- कंडोम का पैक खोलते समय सिर्फ हाथों का ही इस्तेमाल करें। इसके लिए दांत या मुंह का इस्तेमाल न करें।
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