हेल्दी स्किन आखिर कौन नहीं चाहता है। हेल्दी स्किन ही हमें खूबसूरती प्रदान करती है। हेल्थी डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल की मदद से हेल्दी स्किन मेंटेन रहती है। अगर किसी कारण से आपकी स्किन में सूजन, जलन या फिर खुजली की समस्या (Itching problem) हो जाती है, तो इसे डर्माटाइटिस की समस्या कहते हैं। इस वजह से स्किन में छाले भी पढ़ सकते हैं या फिर पपड़ी भी दिख सकती है। डर्माटाइटिस के प्रकार के हो सकते हैं। पेरिओरल डर्माटाइटिस (Perioral Dermatitis) की समस्या अक्सर मुंह के आसपास होती है। इस समस्या के कारण मुंह के आसपास की त्वचा में सूजन के साथ ही दाने हो जाते हैं।
दाने नाक या आंखों तक भी फैल सकते हैं। पेरिओरल डर्माटाइटिस (Perioral Dermatitis) आमतौर पर एक पपड़ीदार या लाल अजीब दाने के रूप में दिखाई पड़ता है। पेरिओरल डर्माटाइटिस (Perioral Dermatitis) की कंडीशन 20 से 45 वर्ष की महिलाओं में सबसे आम है लेकिन ये समस्या किसी भी उम्र में दिखाई पड़ सकती है। ये समस्या यह किसी भी उम्र के बच्चों को भी हो सकती है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको रिओरल डर्माटाइटिस (Perioral Dermatitis) के बारे में जानकारी देंगे और साथ ही आपको इस कंडीशन से बचने के उपाय के बारे में बताएंगे।
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पेरिओरल डर्माटाइटिस (Perioral Dermatitis) के कारण
ट्रीटमेंट के बिना भी पेरीओरल डार्माटाइटिस दूर किया जा सकता है, लेकिन यह बाद में फिर से हो सकता है। पेरियोरल डर्मेटाइटिस के एपिसोड हफ्तों और महीनों तक भी रह सकते हैं। अगर समय पर ट्रीटमेंट मिल जाए, तो इस कंडीशन को कंट्रोल करने में आसानी होती है। स्किन संबंधी कंडीशन पेरिओरल डर्माटाइटिस (Perioral Dermatitis) के लिए एक नहीं बल्कि कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। जो लोग स्ट्रांग टॉपिकल स्टेरॉइड का इस्तेमाल करते हैं, उनमें भी यह कंडीशन दिखाई पड़ सकती है। वहीं कॉर्टिकोस्टेरॉइड नोज स्प्रे का इस्तेमाल भी पेरिओरल डर्माटाइटिस को पैदा कर सकता है। जो लोग कॉस्मेटिक यूज करते हैं और जिन प्रोडक्ट्स में पेरिओरल होता है, वह भी सूजन की समस्या (Inflammation problem) को पैदा कर सकता है। हो सकता है कि आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन पेट्रोलियम जेली या फिर पैराफिन बेस वाली क्रीम भी इस कंडीशन को पैदा कर सकती है।फ्लोराइड और सोडियम लॉरिल सल्फेट भी त्वचा संबंधी बीमारी को पैदा कर सकती है।
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पेरिओरल डर्माटाइटिस के लक्षण (Perioral Dermatitis symptoms)
पेरिओरल डर्माटाइटिस के लक्षण आमतौर पर आसानी से दिख जाते हैं। त्वचा में लालिमा के साथ में सूजन भी पैदा हो जाती है। आमतौर पर मुंह के चारों ओर और नाक के आसपास की त्वचा में बम्प्स जैसे उभार हो जाते हैं। धक्कों में पपड़ी भी दिख सकती है। आंखों के नीचे, माथे पर या ठुड्डी पर भी दाने दिख सकते हैं। आपको इन दानों में मवाद या तरल पदार्थ दिख सकता है। ये पिंपल जैसे भी दिख सकते हैं। समय के साथ ही इन दानों में जलन या खुजली भी महसूस हो सकती है। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि पेरियोरल डर्माटाइटिस रोसेसिया (rosacea) का एक प्रकार है। वहीं कुछ एक्सपर्ट्स इन्हें दो अलग-अलग स्थितियां या कंडीशन मानते हैं। आप पेरिओरल डर्माटाइटिस के अन्य लक्षणों के बारे में डॉक्टर से जानकारी ले सकते हैं।
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पेरिओरल डर्माटाइटिस से जुड़े रिस्क फैक्टर्स (Perioral Dermatitis risk factor)
पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को पेरिओरल डर्माटाइटिस (Perioral Dermatitis) का खतरा अधिक होता है। अगर उम्र बात की जाए तो पेरिओरल डर्माटाइटिस (Perioral Dermatitis) वयस्क लोगों को, मध्यम आयु के लोगों को और अधिक उम्र के लोगों को भी हो सकता है। जो लोग स्टेरॉयड क्रीम का इस्तेमाल चेहरे पर ज्यादा करते हैं, उन लोगों को भी इस बीमारी का अधिक खतरा रहता है। अगर आपके परिवार में एलर्जी का इतिहास रहा है, तो आपको इस बीमारी की संभावना ज्यादा होगी। हॉर्मोन में असंतुलन के कारण भी स्किन संबंधी यह कंडीशन हो सकती है। आपको इस बारे में डॉक्टर से जानकारी लेनी चाहिए कि यह बीमारी किन अन्य कारणों से हो सकती है। ऐसा करने से आप बीमारी के प्रति सतर्क हो जाएंगे।
पेरिओरल डर्माटाइटिस का डायग्नोसिस (Perioral Dermatitis Diagnosis)?
डॉक्टर या डर्मेटोलॉजिस्ट ( Dermatologist) विजुअल एग्जामिनेशन (visual examination) के माध्यम से स्किन संबंधी इस बीमारी को डायग्नोज करते हैं। डर्मेटोलॉजिस्ट स्किन कल्चर टेस्ट (skin culture test) भी करते हैं, जो स्किन संबंधी संक्रमण के बारे में जानकारी देता है। जो भी क्षेत्र प्रभावित हुआ है, वहां से स्किन स्वैब की जाती है। जरूरत पड़ने पर स्किन बायोप्सी (Skin biopsy) भी की जा सकती है। बीमारी की जांच के लिए कौन से टेस्ट किए जाने हैं, यह डॉक्टर स्किन की समस्या को देखकर बताते हैं। आपको इसके बारे में अधिक जानकारी डॉक्टर से लेनी चाहिए।
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पेरिओरल डर्माटाइटिस का ट्रीटमेंट (Perioral Dermatitis treatment)
अमेरिकन ओस्टियोपैथिक कॉलेज ऑफ डर्मेटोलॉजी की मानें, तो स्टेरॉयड क्रीम या स्टेरॉयड नोज स्प्रे का इस्तेमाल बंद कर आप इस स्किन कंडीशन से छुटकारा पा सकते हैं। ये जहां एक ओर लक्षणों को अधिक बीगाड़ सकते हैं, वहीं ये बीमारी का कारण भी हो सकते हैं। डॉक्टर आपको जांच के बाद माइल्ड सोप लगाने की सलाह दे सकते हैं और साथ ही फ्लोरिनेटेड टूथपेस्ट इस्तेमाल न करने की भी सलाह दे सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ये चीजें बीमारी के लक्षणों तो बदतर बनाने की काम करती हैं।
डॉक्टर इम्यूनोसप्रेसिव क्रीम (immunosuppressive creams) या मरहम जैसे कि पिमेक्रोलिमस (pimecrolimus) आदि लगाने की सलाह दे सकते हैं। टॉपिकल एंटीबायोटिक्स जैसे कि मेट्रोनिडाजोल और एरिथ्रोमाइसिन (erythromycin) का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। कुछ ओरल एंटीबायोटिक्स जैसे कि डॉक्सीसाइक्लिन,टेट्रासाइक्लिन,मिनोसाइक्लिन, आइसोट्रेटिनॉइन आदि एंटीबायोटिक्स खाने की सलाह दी जा सकती है। आपको बिना डॉक्टर से परामर्श किए इन दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए।
इन बातों का भी रखें ध्यान!
आपको दवाओं के इस्तेमाल के साथी लाइफस्टाइल में बदलाव करना बहुत जरूरी है। आपको चेहरे को साफ करने के लिए हार्ड सोप का यूज या फिर परफ्यूम्ड क्लीजनर्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। आप हल्के गुनगुने पानी से चेहरे को साफ कर सकते हैं। आप चाहें तो डॉक्टर की सलाह से माइल्स सोप का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन त्वचा को स्क्रब करने से बचें। साथ ही आप जो भी क्रीम इस्तेमाल करें, उसमें स्टेरॉयड ना हो। मेकअप. कॉस्मेटिक्स या केमिकल सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना ठीक नहीं होगा। आपको खाने में सादा भोजन लेना चाहिए। खाने में अधिक तेल या मसाला भी आपकी स्किन संबंधी समस्या को बढ़ाने का काम कर सकता है।कुछ चीजें हैं, जो पेरिओरल डर्माटाइटिस (Perioral Dermatitis) को कम करने में मदद कर सकते हैं। आपको माइल्ड क्लीन्जर और मॉइस्चराइजर पर स्विच करना चाहिए। आपको इसके लिए डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए। अगर फिर भी आपको इस बीमारी के संबंध में कोई जानकारी चाहिए, तो डॉक्टर से जरूर पूछें।
इस आर्टिकल में हमने आपको पेरिओरल डर्माटाइटिस (Perioral Dermatitis) को लेकर जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।