फिट्जपैट्रिक स्किन टाइपिंग, त्वचा के प्रकारों को सनबर्न और त्वचा कैंसर के रिस्क के स्पेसिफिक रेफेरेंस में क्लासिफाय करने का एक तरीका है। सूरज की हानिकारक अल्ट्रावायलेट रेज से कई तरह के स्किन कैंसर का रिस्क रहता है। सोर्स यह बताते है कि अल्ट्रावॉयलेट रेज एक्सपोजर ऑलमोस्ट 65% मेलेनोमा (Melanoma) और 90% नॉनमेलेनोमा स्किन कैंसर (Nonmelanoma skin cancer) का कारण बन सकती है। सन एक्सपोजर सनबर्न और स्किन एजिंग का कारण भी बन सकता है। आज हम बात करने वाले हैं फिट्जपैट्रिक स्किन टाइप्स (Fitzpatrick Skin Types) के बारे में। आइए जानें कौन सी हैं फिट्जपैट्रिक स्किन टाइप्स (Fitzpatrick Skin Types)?
फिट्जपैट्रिक स्किन टाइप्स (Fitzpatrick Skin Types) क्या हैं?
इस स्किन प्रॉब्लम को फिट्जपैट्रिक स्किन फोटोटाइप (Fitzpatrick skin phototype) भी कहा जाता है। यह स्किन टाइप और स्किन कैंसर रिस्क के बारे में जानने का लाभदायक तरीका है। स्किन कैंसर एक सामान्य तरह का कैंसर है। कुछ एक्सपर्ट्स ने लोगों से यह पूछकर फिट्जपैट्रिक स्किन टाइप्स (Fitzpatrick Skin Types) को एस्टेब्लिश किया था कि उनकी त्वचा सूरज की रोशनी में कैसे रियेक्ट करती है। परिणामों ने स्पष्ट ट्रेंड दिखाए, जिससे शोधकर्ता मेलेनिन के अनुसार छह अलग-अलग प्रकार की त्वचा की पहचान कर पाए। यह सिस्टम इस चीज को आयडेंटिफाय करने में अधिक लाभदायक है कि किसे सनबर्न का अधिक जोखिम है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि हर किसी व्यक्ति की त्वचा किसी एक प्रकार में अच्छी तरह फिट नहीं होगी। सिस्टम एक निश्चित क्लासिफिकेशन के बजाय एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है। अब जानते हैं विभिन्न फिट्जपैट्रिक स्किन टाइप्स के बारे में।
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विभिन्न फिट्जपैट्रिक स्किन टाइप्स (Fitzpatrick Skin Types) कौन से हैं?
यह क्लासिफिकेशन सेमी-सब्जेक्टिव है क्योंकि यह लोगों के पास्ट सन रिएक्शन के बारे में अनुभवों के अनुसार डेवेलप की गई है। फिट्जपैट्रिक स्किन टाइप्स (Fitzpatrick Skin Types) यानी फिट्जपैट्रिक स्किन फोटोटाइप को छह प्रकारों में बांटा गया है। यह संभव है कि आप किसी एक प्रकार की सभी कैरेक्टरिस्टिक को पूरा न करें, इसलिए आपको वही चुनना चाहिए जो आपकी स्किन को सबसे अच्छा डिस्क्राइब करता हो। यह प्रकार इस तरह से हैं:
फिट्जपैट्रिक स्किन टाइप 1 (Fitzpatrick skin type 1)
- सन एक्सपोजर से पहले स्किन कलर: आइवरी ivory
- आंखों का रंग: लाइट ब्लू, लाइट ग्रे या लाइट ग्रीन
- नेचुरल हेयर कलर: लाल या लाइट ब्लोंड
- सन रिएक्शन: स्किन में झाइयां होना, स्किन बर्न और पील और स्किन का कभी टेन न होना
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फिट्जपैट्रिक स्किन टाइप 2 (Fitzpatrick skin type 2)
- सन एक्सपोजर से पहले स्किन कलर: फेयर या पीला
- आंखों का रंग: नीला, ग्रे या हरा
- नेचुरल हेयर कलर: ब्लोंड
- सन रिएक्शन: स्किन में आमतौर पर झाइयां होना, अक्सर स्किन बर्न और पील और स्किन का बहुत कम टेन होना
फिट्जपैट्रिक स्किन टाइप 3 (Fitzpatrick skin type 3)
- सन एक्सपोजर से पहले स्किन कलर: फेयर से गहरे पीला रंग और अंडरटोन का गोल्डन होना
- आंखों का रंग: हेजल या लाइट ब्राउन
- नेचुरल हेयर कलर: डार्क ब्लोंड या लाइट ब्राउन
- सन रिएक्शन: स्किन में झाइयां हो सकती हैं, कभी-कभी स्किन बर्न और टैनिंग हो सकती है।
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फिट्जपैट्रिक स्किन टाइप्स 4 (Fitzpatrick skin type 4)
- सन एक्सपोजर से पहले स्किन कलर: ओलिव या लाइट ब्राउन
- आंखों का रंग: डार्क ब्राउन
- नेचुरल हेयर कलर: डार्क ब्राउन
- सन रिएक्शन: स्किन में झाइयां नहीं होती है, दुर्लभ रूप से स्किन बर्न और अक्सर टैनिंग हो सकती है।
फिट्जपैट्रिक स्किन टाइप 5 (Fitzpatrick skin type 5)
- सन एक्सपोजर से पहले स्किन कलर: डार्क ब्राउन
- आंखों का रंग: डार्क ब्राउन से ब्लैक
- नेचुरल हेयर कलर: डार्क ब्राउन से ब्लैक
- सन रिएक्शन: दुर्लभ मामलों में स्किन में झाइयां होती है, स्किन बर्न नहीं होता है और हमेशा टैनिंग हो सकती है।
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फिट्जपैट्रिक स्किन टाइप 6 (Fitzpatrick skin type 6)
- सन एक्सपोजर से पहले स्किन कलर: डिपली पिग्मेंटेड डार्क ब्राउन से डार्केस्ट ब्राउन
- आंखों का रंग: ब्राउनीश ब्लैक
- नेचुरल हेयर कलर: ब्लैक
- सन रिएक्शन: स्किन में झाइयां नहीं होती है, स्किन बर्न नहीं होता है और हमेशा गहरी टैनिंग हो सकती है।
जानिए अपनी स्किन की सुरक्षा कैसे करें?
टैनिंग बेड्स और अन्य आर्टिफिशियल टैनिंग मशीन सबके लिए हानिकारक हो सकती हैं। सोर्स के मुताबिक लोग जो पेंतीस साल की उम्र से पहले 75 बार टैनिंग मशीन का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें मेलेनोमा होना का खतरा अधिक रहता है। यही नहीं, अगर आप भूमध्य रेखा (Equator) के पास रहते हैं तो भी आपको सन डैमेज का रिस्क अधिक होगा। ऐसे में अपनी स्किन की सुरक्षा करना बेहद जरूरी है। आइए जानें फिट्जपैट्रिक स्किन टाइप्स (Fitzpatrick Skin Types) के अनुसार स्किन की सुरक्षा किस तरह से की जानी चाहिए।
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फिट्जपैट्रिक स्किन टाइप्स (Fitzpatrick Skin Types) के अनुसार स्किन की सुरक्षा कैसे करें
फिट्जपैट्रिक स्किन टाइप्स (Fitzpatrick Skin Types) यानी फिट्जपैट्रिक स्किन फोटोटाइप के अनुसार आप अपने स्किन की देखभाल कर सकते हैं। हालांकि, कुछ देखभाल के तरीके हर तरह की स्किन टाइप के लिए एक समान हैं। आइए जानें, इसके बारे में और अधिक:
टाइप्स 1 और 2 (Types 1 and 2)
अगर आपकी स्किन टाइप 1 और 2 के बीच में है, तो आपको इन चीजों का जोखिम अधिक होगा:
- सन डैमेज
- सन एक्सपोजर से स्किन एजिंग
- मेलेनोमा और अन्य स्किन कैंसर
ऐसे में अपनी स्किन की सुरक्षा के लिए इन तरीकों को अवश्य अपनाएं:
- SPF 30 या अधिक के सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।
- सन एक्सपोजर को कम करें और जब भी बाहर निकलें अपनी त्वचा को कवर करें इसके लिए हैट और फुलस्लीव्स के कपड़े पहनें।
- अल्ट्रावायलेट ब्लॉकिंग सनग्लासेज का इस्तेमाल करें।
- अगर आप अधिक समय तक सनलाइट में रहते हैं, तो 30 या अधिक UPF रेटिंग के प्रोटेक्टिव क्लोदिंग पहनें।
- हर महीने सिर से लेकर पैरों तक की स्किन की जांच करें और हर साल डॉक्टर से चेक-अप कराएं।
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फिट्जपैट्रिक स्किन टाइप्स (Fitzpatrick Skin Types) में टाइप 3 से 6 (Types 3 to 6)
अगर आपकी स्किन टाइप 3 से 6 के बीच में है तो भी आपको सन एक्सपोजर से स्किन कैंसर होने की संभावना है। खासतौर पर अगर आप इंडोर टैनिंग बेड का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा भी आपको सन प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करना चाहिए। इस स्थिति में अधिक प्रोटेक्शन के लिए इन टिप्स को अपनाना न भूलें:
- सन एक्सपोजर को लिमिट कर दें।
- अपने सिर और चेहरे की सुरक्षा के लिए चौड़े किनारे वाली टोपी पहनें।
- SPF 15 या अधिक के सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।
- सन एक्सपोजर को कम करें और जब भी बाहर निकलें अपनी त्वचा को कवर करें इसके लिए हैट और फुलस्लीव्स के कपड़े पहनें।
- अल्ट्रावायलेट ब्लॉकिंग सनग्लासेस का इस्तेमाल करें।
- हर महीने अपनी स्किन को चेक करें। अगर आपको कोई असामान्य ग्रोथ नजर आए, तो डॉक्टर की सलाह लें।
- साल में एक बाद डॉक्टर से स्किन चेक-अप अवश्य कराएं।
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किन स्थितियों में डॉक्टर की सलाह लें?
अगर आपको स्किन कैंसर के होने का रिस्क अधिक है, तो आपको रेगुलर स्किन की जांच करानी चाहिए। आपके डॉक्टर से बाद करें कि आपको अपनी स्किन के चेक-अप के लिए कब आना चाहिए। रोगी की स्किन की जरूरत के अनुसार एनुअल चेक-अप से पहले स्किन स्क्रीनिंग कराई जा सकती है। निम्नलिखित लोगों को स्किन कैंसर होने की संभावना अधिक रहती है:
- जिन लोगों को स्किन कैंसर की हिस्ट्री हो
- फिट्जपैट्रिक स्किन टाइप 1 और 2
- कमजोर इम्यून सिस्टम
इसके साथ ही आपको अपने डॉक्टर से इस बारे में भी बात करनी चाहिए कि आप खुद अपनी स्किन की देखभाल कैसे कर सकते हैं।
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यह तो थी फिट्जपैट्रिक स्किन टाइप्स (Fitzpatrick Skin Types) यानी फिट्जपैट्रिक स्किन फोटोटाइप के बारे में जानकारी। इससे सन एक्सपोजर के कारण लोगों में स्किन कैंसर के जोखिम के बारे में मदद मिल सकती है। ओवरआल स्किन कैंसर का रिस्क फिट्जपैट्रिक स्किन टाइप 1 और 2 वाले लोगों में अधिक रहता है। हालांकि, स्किन कैंसर किसी भी स्किन टाइप को प्रभावित कर सकती है लेकिन सन एक्सपोजर से रिस्क बढ़ता है। ऐसे में हमें नियमित रूप से स्किन रेगुलरली चेक करनी चाहिए। इसके साथ ही सूरज की हानिकारक किरणों से बचा के उचित कदम उठाने चाहिए। अगर इसके बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है, तो डॉक्टर से इस बारे में अवश्य जानें।