ल्यूकेमिया के बारे में शायद आपको जानकारी न हो लेकिन आपने कैंसर की बीमारी के बारे में सुना ही होगा। ल्यूकेमिया ब्लड सेल्स से जुड़े हुए कैंसर का नाम है। जिस भी प्रकार की ब्लड सेल्स होती है, ल्यूकेमिया भी उसी पर निर्भर करता है। ये कैंसर या तो जल्दी-जल्दी बढ़ता है या फिर धीमे-धीमे। यानी इस बारे में कह पाना बहुत मुश्किल है। वैसे तो ल्यूकेमिया अक्सर 55 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में होता है, लेकिन यह 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में भी आम कैंसर के रूप में दिख सकता है। ल्यूकेमिया वाले लोगों को त्वचा से संबंधित समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। इस कारण से स्किन में दाने जैसे दिखने लगते हैं। वैसे तो चकत्तों का कैंसर से कोई संबंध नहीं है लेकिन इस कैंसर के कारण स्किन की समस्याएं पैदा हो जाती हैं। ल्यूकेमिया रैश (Leukemia Rash) उन्हीं में से एक है। आइए जानते हैं कि इस बीमारी के कारण किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है और इसका ट्रीटमेंट कैसे किया जाता है।
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ल्यूकेमिया रैश (Leukemia Rash) क्या है?
ल्यूकेमिया के कारण केवल रैश की समस्या नहीं होती है बल्कि अन्य लक्षण भी नजर आते हैं। ल्यूकेमिया वाइट ब्लड सेल्स या सफेद रक्त कोशिकाओं के काम करने में परेशानी पैदा करता है। यह उसको स्वस्थ तरीके से काम करने में रुकावट पैदा करता है और कैंसर का कारण बनता है। ल्यूकेमिया के कारण रैश के साथ ही निम्नलिखित समस्याएं भी नजर आ सकती हैं।
- जी मिचलाना (nausea)
- बुखार (fever)
- फ्लू जैसे लक्षण
- बार-बार संक्रमण (frequent infections)
- एनीमिया (anemia)
- हड्डी में दर्द
- थकान का एहसास
- वजन घटाने की समस्या
- खराब तरीके से रक्त का जमना
अगर आपको भी उपरोक्त लक्षण नजर आते हैं, तो आपको लक्षणों को इग्नोर नहीं करना चाहिए। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कैंसर की बीमारी का जितना जल्दी पता चल जाए, उसका ट्रीटमेंट करने में उतनी हीम आसानी होती है। आप इस बारे में डॉक्टर से भी अधिक जानकारी ले सकते हैं।
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ल्यूकेमिया रैश (Leukemia Rash) कैसे पैदा होता है?
ल्यूकेमिया के कारण स्किन के नीचे छोटी ब्लड वैसल्स का फटने का खतरा बढ़ जाता है। जब समय के साथ ल्यूकेमिया बढ़ जाता है और एब्नॉर्मल ब्लड वैसल्स का मल्टीप्लीकेशन प्लेटलेट के प्रोडक्शन को प्रभावित करता है। इसी कारण से किसी भी फटने वाली केशिकाओं को ब्लॉक करने के लिए पर्याप्त प्लेटलेट्स नही होती हैं और ब्लड स्किन के बाहर भी निकल सकता है। इसी ब्लड के रिसाव के कारण स्किन में छोटे लाल, बैंगनी, या भूरे रंग के धब्बे पैदा हो जाते हैं, इसे पेटीचिया के नाम से भी जाना जाता है। इन्हें ही ल्यूकेमिया रैश के नाम से जाना जाता है।
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ल्यूकेमिया रैश के साथ ही इन समस्याओं का करना पड़ सकता है सामना?
जब शरीर में हेल्दी ब्लड सेल्स की संख्या कम हो जाती है, तो स्किन संबंधित कई समस्याएं शुरू हो जाती हैं। जिन लोगों को ल्यूकेमिया की समस्या होती है, उनमें चोट लगने की संभावना भी बढ़ जाती है यानी कि जरा सी चोट भी बड़ा रूप ले लेती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि रक्त में पर्याप्त मात्रा में प्लेटलेट्स नहीं होते हैं। प्लेटलेट्स की संख्या कम होने पर जरा सी चोट लगने पर भी अधिक खून निकलता है। अगर ल्यूकेमिया से पीड़ित व्यक्ति में जरा सा भी कट लग जाए, तो उनमें अधिक मात्रा में खून निकल सकता है और यह घाव का रूप ले सकता है।
ल्यूकेमिया रैश के कारण स्किन के पीली (Pale skin) हो जाने की समस्या
ल्यूकेमिया से पीड़ित लोगों में एनीमिया की समस्या का खतरा भी बना रहता है। शरीर में जरा सी चोट लगने पर खून निकलने लगता है और एनिमिया की समस्या पैदा हो जाती है। एनीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक व्यक्ति की लाल रक्त कोशिका की संख्या असामान्य रूप से कम हो जाती है, जिससे त्वचा पीली दिखाई दे सकती है। रेड ब्लड सेल्स में हीमोग्लोबिन नाम की प्रोटीन होता है, जो फेफड़ों से ऑक्सीजन को शरीर के बाकी हिस्सों में ले जाता है। हीमोग्लोबिन में कमी शरीर में ऑक्सीजन सर्कुलेशन में कमी कर देता है, जो पूरे शरीर के लिए हानिकारक सिद्द हो सकता है। ऐसे में व्यक्ति को सांस लेने में समस्या, छाती में दर्द की समस्या, सिर का लगातार दर्द होना, चक्कर आना, ब्लड प्रेशर का नार्मल ना रहना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
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ल्यूकेमिया रैश : डॉक्टर से कब करनी चाहिए बात?
अगर आपको चकत्ते या दाने की समस्या कुछ समय से है, तो हो सकता है कि इसका कारण गंभीर न हो। ये समस्या अपने आप ही ठीक हो सकती है। लेकिन अगर आपको लंबे समय से इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो आपको इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए। ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और उनसे इनकी जांच करानी चाहिए। ऐसा करने से आपको यह जानकारी मिल जाएगी कि आखिर ये समस्या किन कारणों से है? आप समय पर बीमारी को डॉक्टर को दिखा देंगे तो कई अन्य समस्याओं से भी निजात मिल जाएगा।
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अगर आप शरीर में होने वाले परिवर्तनों पर ध्यान देते हैं और किसी भी बीमारी को सही समय पर डॉक्टर को दिखा लेते हैं, तो आप भविष्य में आने वाले किसी गंभीर समस्या से बच सकते हैं। ल्यूकेमिया रैश (Leukemia Rash) भी ऐसी ही एक बीमारी है। अगर आपको शरीर में दाने हो रहे हैं या फिर जरा सी चोट लगने पर बहुत ज्यादा खून निकल रहा है, तो आपको कंडीशन पर ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि यह कैंसर का लक्षण हो सकता है। ऐसे में आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर बीमारी का पता लगाने की कोशिश करेंगे। अगर यह बीमारी कैंसर निकलती है, तो डॉक्टर ट्रीटमेंट शुरू कर देंगे। कैंसर की बीमारी के लिए हमेशा यह कहा जाता है कि इस बीमारी को जितनी जल्दी डायग्नोज कर लिया जाता है, उतनी ही जल्दी इस बीमारी का ट्रीटमेंट भी किया जा सकता है। आपको डॉक्टर से इस बारे में अधिक जानकारी लेनी चाहिए और ट्रीटमेंच भी कराना चाहिए।
इस आर्टिकल में हमने आपको ल्यूकेमिया रैश (Leukemia Rash) से संबंधित जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।