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नाखूनों से संबंधित समस्याएं (Nail problems) क्या हो सकती हैं?
फिंगरनेल इंजुरी (Fingernail Injury) की समस्या तब होती है, तब नाखुनों में चोट लग जाती है। चोट क्युटिकल, नेल के नीचे की स्किन या फिर आसपास की त्वचा में चोट लग सकती है। ऐसे में नाखून टूट जाना या फिर नाखून के आसपास इंफेक्शन की समस्या हो सकती है। जानिए नाखून से संबंधित किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन (Bacterial and fungal infections) – जब वातावरण में नमी होती है, तो नाखूनों के संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। कई बार चोट लगने पर बैक्टीरियल इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। अगर नाखूनों की सफाई के साथ ही इन्हें सूखा रखा जाए, तो इस समस्या से बचा जा सकता है।
इनग्रोन टोनेल्स (Ingrown nails) – इग्रोन टोनेल्स एक कंडीशन है, जो नाखूनों के किनारे दर्द, सूजन और इंफेक्शन का कारण बनती है। ऐसा नाखूनों को अधिक काटने पर हो सकता है।
ट्यूमर (Tumors) – नेल ट्यूमर नेल प्लेट के नीचे होने वाला घाव है। ये नेल बेड से जुड़ा हो सकता है। इसे सर्जिकली हटाया जा सकता है।
वार्ट्स (Warts) – पेरिअंगुअल वार्ट्स (Periungual warts) नाखूनों या टोनेल्स के चारों ओर हो सकते हैं। ये पहले छोटे होते हैं और बाद में उभर जाते हैं। ये बच्चों और वयस्कों में अधिक होता है। ये मस्से वायरस के संक्रण यानी एचपीवी (Human papillomavirus) के कारण होते हैं। नाखूनों को चबाने से बचे और नेल कटर या अन्य उपकरण को यूज करने से पहले डिसइंफेक्ट जरूर करें।
हाथ और पैरों के नाखून की केयर (Nail care) आपको खुद ही करनी चाहिए। अगर आप नाखूनों को नहीं चबाएंगे या नाखूनों की स्किन को हाथों या मुंह से नहीं हटाएंगे, तो आप नाखूनों के घाव या चोट से काफी हद तक बच सकते हैं। आपको नाखून बढ़ने पर हमेशा नेलकटर का इस्तेमाल करना चाहिए। जरूरत पड़ने पर आप पेडिक्योर करवा सकते हैं लेकिन किसी एक्सपर्ट से ही पेडिक्योर करवाएं। अगर नाखूनों में इंफेक्शन की समस्या हो जाए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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