लैवेंडर ऑयल (Lavender oil)
लैवेंडर को थेराप्यूटिक और क्यूरेटिव गुणों की वजह से जाना जाता है। यह एक प्रभावकारी एसेंशियल ऑयल है, जोकि एंटी एजिंग को कम करता है। इसके अलावा यह त्वचा में टोनिंग और ग्लोंइंग का भी काम करता है। इसके अलावा लैवेंडर ऑयल मस्तिष्क में ऑक्सिडेटिव तनाव से बचाने में मदद करता है। जिससे त्वचा पर होने पर झुर्रियों और महीन रेखाओं को भी कम होने में मदद मिलती है। लेकिन, कुछ लोगों को लैवेंडर से एलर्जी होती है। त्वचा पर कोई भी नया पदार्थ लगाने से पहले पैच टेस्ट करने की सलाह दी जाती है।
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रोजमेरी ऑयल (Rosemary oil)
रोजमेरी एक जड़ी बूटी है, जो अपने विशिष्ट स्वाद के साथ-साथ इसके एंटीऑक्सीडेंट और एंटीमाइक्रोबायल गुणों के लिए जानी जाती है। रोजमेरी के एंटीऑक्सिडेंट त्वचा से एजिंग प्रॉसेज को रोककर झुर्रियों को रोकने में मदद कर सकते हैं। रोजमेरी ऑयल के इस्तेमाल से त्वचा गलोइंग बनती हैं। इससे त्वचा में कसावट भी आती है।
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लोबान से बना ऑयल (Frankincense oil)
एक अध्ययन में पाया गया कि लोबान किसी व्यक्ति की त्वचा पर निशान और खिंचाव के निशान की उपस्थिति को कम करने में प्रभावी रहा है। झुर्रियों और महीन रेखाओं पर इसका समान प्रभाव हो सकता है। इसके अलावा, लोबान मदद कर सकता है, त्वचा को टोन करने में और नई त्वचा कोशिका वृद्धि करने में।
रोज ऑयल (Rose Oil)
अध्ययनों से पता चलता है कि रोज ऑयल में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। जिससे त्वचा में होने वाली सूजन और लाली को कम करने में मदद मिल सकती है। गुलाब का तेल त्वचा की नई कोशिकाओं के निमार्ण के लिए विशेष रूप से सहायक हो सकता है, जो त्वचा को लंबे समय तक जवां बनाए रखता है।
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झुर्रियों के लिए एसेंशियल ऑयल के जोखिम (Risks of essential oil)
झुर्रियों के लिए एसेंशियल ऑयल फायदेमंद माने जाते हैं। लेकिन आवश्यक तेलों से जुड़े जोखिम अक्सर एलर्जी से संबंधित होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप दाने या खुजली होती है। एलर्जी की प्रतिक्रिया के अन्य लक्षणों में शामिल हैं: