- एंटीहिस्टामिन मेडिकेशन्स (Antihistamine medications)
- टोपिकल मेडिकेशन (Topical medications), जिसमें स्टेरॉयड क्रीम शामिल हैं
- मॉइस्चराइजर (Moisturizers)
- फोटोथेरपी (Phototherapy)
- ड्रग्स, जो इम्यून सिस्टम को टारगेट करती हैं
- गंभीर मामलों में ओरल स्टेरॉइड्स (Oral steroids)
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पीलिंग फीट (Peeling Feet) में सोरायसिस (Psoriasis)
सोरायसिस एक ऑटोइम्यून कंडिशन है, जिसमें हमारा इम्यून सिस्टम शरीर के स्वस्थ टिश्यूज पर हमला करता है। इससे त्वचा की कोशिकाएं सामान्य से अधिक तेजी से टर्न ओवर होने लगती हैं। यह परेशानी शरीर पर कहीं भी हो सकती है। लेकिन, यह आमतौर पर कोहनी, घुटनों और पैरों के निचले हिस्से को अधिक प्रभावित करती है। इस समस्या से पीड़ित लोग अपनी त्वचा में थिक और फ्लश्ड पैचेज का अनुभव करते हैं, जो देखने में ग्रे या सिल्वर लगते हैं। यह स्किन समय के साथ पील, इचि या येलो हो सकती है। हालांकि, ड्राय स्किन सोरायसिस का कारण नहीं बनती है। लेकिन, त्वचा को मॉइस्चराइज करने से इस समस्या से जल्दी राहत मिल सकती है। इसके कारणों के बारे में भी सही जानकारी नहीं है और यह एक लाइफ लॉन्ग कंडिशन है। इस समस्या के उपचार के लिए इन तरीकों को अपना जा सकता है:
- स्केली पैचेज को कम करने के लिए टोपिकल कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स (Topical corticosteroids) का इस्तेमाल
- मॉइस्चराइजर का प्रयोग
- सैलिसिलिक एसिड (Salicylic acid) का इस्तेमाल
- फोटोथेरपी (Phototherapy), खासतौर पर अगर स्किन का बड़ा हिस्सा प्रभावित हो
- अगर कंडिशन गंभीर हो या ट्रीटमेंट काम न करे तो इम्यूनोस्प्रेसन्ट्स (Immunosuppressants) या बायोलॉजिक्स (Biologics) का प्रयोग किया जा सकता है
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हायपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis)
हायपरहाइड्रोसिस उस कंडिशन को कहा जाता है, जिसमें रोगी को अत्यधिक पसीना आने की समस्या होती है। इससे पूरे शरीर या बॉडी के केवल एक हिस्से पर असर होता है। इससे पैर अधिक प्रभावित होते हैं। अगर पैरों में अत्यधिक पसीना आता है, तो यह बेहद बेचैनी भरा हो सकता है और पीलिंग फीट (Peeling Feet) का कारण बन सकता है। इस स्थिति के उपचार के लिए यह तरीके अपनाए जा सकते हैं:
- एलुमिनियम क्लोराइड सॉलूशन (Aluminum chloride solution) का इस्तेमाल करना जो स्ट्रांग एंटीपेर्स्पिरैंट (Antiperspirant) की तरह काम करता। जिसे अधिक पसीने वाले हिस्से में लगाया जा सकता है।
- टॉवेलेटस के साथ ग्लाइकोपाइरोनियम (Towelettes with glycopyrronium) का इस्तेमाल, जिससे स्वेटिंग को रोका जा सकता है।
- एंटीकोलिनर्जिक ओरल ड्रग्स जो कुछ खास न्यूरोट्रांसमीटर्स (Neurotransmitters) को ब्लॉक कर सकती हैं और स्वेटिंग को कम करती हैं। यह तो थी वो कंडिशंस, जो पीलिंग फीट (Peeling Feet) का कारण हो सकती हैं। अब जानते हैं कि किन स्थितियों में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए?
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डॉक्टर से कब बात करें?
अधिकतर मामलों में पीलिंग फीट (Peeling Feet) की परेशानी किसी गंभीर कंडिशन के कारण नहीं होती और इसका उपचार भी संभव है। यही नहीं, यह समस्या खुद ही ठीक हो जाती है। लेकिन, कुछ स्थितियों में आप आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, जैसे:
- अगर रैशेज या पीलिंग का ओवर-द-काउंटर या सेल्फ-केयर मेजर्स से सुधार न हो।
- अगर आपको डायबिटीज है और आपको पीलिंग फीट (Peeling Feet) की समस्या हो और अगर इसमें इचिंग और इंफेक्शन का कोई भी लक्षणआपको नजर आए।
- पैरों में सूजन हो।
- पैरों में से दुर्गंध आए, जो ठीक न हो।
- गंभीर पीलिंग और खासतौर पर अगर इसका ज्ञात कारण न हो।
- डिहायड्रेशन के लक्षण नजर आएं जैसे प्यास का पढ़ना, ड्राय माउथ, कन्फ्यूजन और बुखार आदि।
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यह तो थी जानकारी पीलिंग फीट (Peeling Feet) के बारे में। यह समस्या अनकंफर्टेबल हो सकती है। किंतु, सही उपचार और घरेलू उपायों से इससे राहत पाई जा सकती है। ड्राय स्किन से आपको दर्द या चलने में समस्या भी हो सकती है। इस बीमारी से राहत पाने के लिए आप नियमित मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करें और त्वचा को ड्राय न होने दें। लेकिन, अगर यह परेशानी गंभीर हो, तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर क्रॉनिक कंडिशंस को मैनेज करने के लिए रोगी को सही दवाइयां दे सकते हैं। अगर आपके मन में इसके बारे में कोई भी सवाल है, तो डॉक्टर से इस बारे में अवश्य जानें।