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पीनस साइज और जेनेटिक्स: क्या जेनेटिक्स का पीनस के साइज पर पड़ता है असर?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 19/04/2021

    पीनस साइज और जेनेटिक्स: क्या जेनेटिक्स का पीनस के साइज पर पड़ता है असर?

    प्राइवेट ऑर्गेन या सेक्शुअल टॉपिक्स पर ज्यादातर लोग बातचित करना पसंद नहीं करते हैं, लेकिन इससे जुड़े बातों को जानना जरूर चाहते हैं। क्योंकि जब हैलो स्वास्थ्य की टीम ने पुरुषों से पीनस साइज से जुड़े सवालों का जवाब जानना चाहा, तो उनके एक-एक कर कई सवाल आएं, लेकिन नाम ना बताने की शर्त पर उन्होंने टीम से बात की, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण सवाल ये है कि पीनस साइज और जेनेटिक्स (Penis Size and Genetics) का आपस में कोई ताल मेल है या नहीं? देखा जाए तो पीनस साइज कई चीजों पर निर्भर करता है, जैसे हॉर्मोन (Hormones), न्यूट्रिशन (Nutrition), डायट (Diet) और जेनेटिकल (Genetical) कारण। तो चलिए शुरुआत सबसे पहले पीनस साइज और जेनेटिक्स से करते हैं।

    मेडिकल साइंस और नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार पुरुषों के पीनस की औसतन लंबाई (Penis Size) 4-5 इंच होती है। वह इरेक्शन की स्थिति होने पर करीब 6 इंच तक पीनस का साइज बढ़ सकता है। हालांकि इसके बावजूद पुरुष पीनस यानी लिंग को और लंबा करना चाहते हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर पीनस की लंबाई  4 इंच से कम होती है, उन्हें पीनस साइज (Penis Size) को बढ़ाने की जरूरत पड़ सकती है।

    नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार पीनस साइज और जेनेटिक्स का आपस में संबंध कल्मन सिंड्रोम (Kallmann syndrome) और क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम (Klinefelter syndrome) की वजह से है। वहीं जेनेटिक म्यूटेशन (Genetic mutations) के कारण भी पीनस साइज निर्भर करता है। दरअसल पीनस साइज और जेनेटिक्स (Penis Size and Genetics) का आपस में इसलिए तालमेल माना जाता है, क्योंकि मनुष्यों में 23 पेयर क्रोमोसोम के होते हैं। क्रोमोसोम पेयर में 22 ऑटोसोम और 1 सेट सेक्स क्रोमोसोम होते हैं। सेक्स क्रोमोसोम से ही बायोलॉजिकल क्रोमोसोम और सेक्शुअल क्रोमोसोम की जानकारी मिलती है। मेल इन्हेरीटेंट 1 पेयर Y क्रोमोसोम (Y chromosome) मेल पेरेंट से एवं X क्रोमोसोम (X chromosome) फीमेल पेरेंट से लेता है। वहीं फीमेल इन्हेरीटेंट मेल और फीमेल पेरेंट से X क्रोमोसोम (X chromosomes) लेती है। Y क्रोमोसोम मेल जेनाइटल ऑर्गेन (Genital Organ) और फर्टिलिटी (Fertility) में मुख्य भूमिका निभाते हैं। अगर पीनस साइज और जेनेटिक्स (Penis Size and Genetics) को आसान शब्दों में समझें, तो पीनस (Penis) और टेस्टिस (Testis) का विकास Y क्रोमोसोम पर निर्भर करता है, लेकिन पीनस का साइज X क्रोमोसोम (X chromosome) पर निर्भर रहता है। ऐसा दरअसल इसलिए होता है, क्योंकि X क्रोमोसोम में 900 से 1,400 जींस होते हैं, जबकि Y क्रोमोसोम में जींस की संख्या सिर्फ 70 से 200 ही होती है। रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार पीनस साइज और जेनेटिक्स (Penis Size and Genetics) में ये खास तालमेल माना जाता है, लेकिन इसके अलावा भी अन्य कारण होते हैं, जो पीनस के साइज पर निर्भर करते हैं। इनके बारे में इस आर्टिकल में आगे समझेंगे।

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    पीनस साइज और हॉर्मोन्स (Penis Size and Hormones)

    पीनस साइज और जेनेटिक्स के बाद पीनस साइज और हॉर्मोन्स का आपस में क्या है संबंध ये समझना जरूरी है। शरीर में मौजूद हॉर्मोन अलग-अलग तरह से काम करते हैं। महिलाओं में जिस तरह से इस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्ट्रोन (Progesterone) हॉर्मोन ब्रेस्ट, हिप्स और बॉडी फैट स्टोरेज में सहायक होते हैं, ठीक वैसे ही पुरुषों में भी एंड्रोजेन (Androgens) टेस्टिकुलर (Testicular) और पेनाइल ग्रोथ (Penile growth) में मदद करते हैं। पुरुषों में पियूबर्टी के दौरान पिट्यूटरी ग्लैंड (Pituitary gland) से ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन (Luteinizing hormone [LH]) एवं फॉलिक स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन (follicle-stimulating hormone [FSH]) का सिक्रीशन होता है। इस दौरान ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन टेस्टोस्टेरोन के निर्माण में सहायक होता है और फॉलिक स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन स्पर्म प्रॉडक्शन में सहायक होता है। अगर प्रग्नेंसी के दौरान किसी महिला में टेस्टोस्टेरोन की कमी होती है, तो इसकी वजह से पिनाइल एब्नॉर्मलिटिस हो सकती है। अगर इसे सामान्य शब्दों में समझें, तो प्रेग्नेंसी के दौरान ह्यूमन कॉरिओनिक गोनडोट्रोफिन (Human Chorionic Gonadotropin [hCG]) का निर्माण ठीक तरह से ना होने की स्थिति में फीटस यानी भ्रूण में टेस्टोस्टेरोन का विकास नहीं हो पाता है। हॉर्मोन से जुड़ी परेशानी मेल फीटस (Male fetus) के पीनस के विकास पर नेगेटिव इम्पैक्ट डाल सकता है।

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    पीनस साइज और वातावरण (Penis Size and Environment)

    पीनस साइज और हॉर्मोन के अलावा पीनस का साइज वातावरण पर भी निर्भर कर सकता है। इसे समझना बेहद आसान है। दरअसल जब वातावरण में पेस्टिसाइड्स, प्लास्टिसिजेर्स एवं अन्य केमिकल्स मौजूद होते हैं, तो इसका पीनस पर नेगेटिव इम्पैक्ट पड़ता है। ये केमिकल्स एंडोक्राइन, जींस एवं हॉर्मोन सभी पर बुरा असर डालते हैं। इसलिए पीनस साइज और जेनेटिक्स (Penis Size and Genetics) और हॉर्मोन के साथ-साथ वातावरण भी एक कारण माना जाता है।

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    पीनस साइज और न्यूट्रिशन (Penis Size and nutrition)

    नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार गर्भावस्था के दौरान मालन्यूट्रिशन (Malnutrition) की वजह से भी हॉर्मोन लेवल में हुए बदलाव का असर पीनस पर पड़ सकता है, जो ग्रोथ में सहायक माना जाता है। यहां ग्रोथ सिर्फ शारीरिक एवं मानसिक विकास तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका प्रभाव रिप्रोडक्टिव ऑर्गेन (Reproductive organs) पर भी पड़ता है। इसलिए पीनस साइज और जेनेटिक्स (Penis Size and Genetics) के अलावा इनसभी बातों पर भी निर्भर करता है, जो आपस में कहीं ना कहीं से जुड़े हुए होते हैं।

    पीनस साइज और जेनेटिक्स (Penis Size and Genetics) से जुड़ी इन बातों को समझने के साथ-साथ यहां एक और सवाल ये उठता है कि क्या पीनस साइज और सिब्लिंग्स का भी आपस में कोई तालमेल है, लेकिन इसका आपस में जोड़कर देखा नहीं जाता है।

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    अगर आप पीनस साइज को बढ़ाना चाहते हैं, तो इसके लिए नैचुरल तरीका अपनाया जा सकता है। जैसे:

    व्यायाम- पीनस साइज और जेनेटिक्स (Penis Size and Genetics) की वजह से साइज में बदलाव लाना चाहते हैं, तो नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। आप विशेष रूप से जेलकिंग (Jelqing Workout) एक्सरसाइज कर सकते हैं। जेलकिंग एक्सरसाइज लिंग बड़ा करने के लिए और ज्यादा इरेक्शन के लिए बेहद प्रभावी माना जाता है।

    स्ट्रेचिंग- पीनस साइज को बढ़ाने के लिए स्ट्रेचर या एक्सटेंडर डिवाइस की मदद ली जाती है। रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार इससे पीनस का साइज 2 इंच तक बढ़ सकता है।

    नोट: पीनस साइज बढ़ाने के लिए अगर आप एक्सरसाइज की मदद ले रहें, तो फिटनेस एक्सपर्ट की निगरानी में और एक्सरसाइज को अच्छी तरह से समझ कर करें।

    बैलेंस वेट- अगर आपका वजन ज्यादा है, तो एक्स्ट्रा वेट को कम करने की कोशिश करें।इसलिए पौष्टिक आहार का सेवन रोजाना करें।

    तनाव से बचें- पीनस साइज और जेनेटिक्स में तालमेल होने के साथ-साथ तनाव (Tension) भी इसका सबसे बड़ा कारण माना जाता है। इसलिए तनाव से दूर रहें। अपने मेंटल स्ट्रेस को अपने पार्टनर से शेयर करें। अगर टेंशन की समस्या ज्यादा है, तो ऐसे में डॉक्टर से भी कंसल्टेशन किया जा सकता है।

    दवाईयां और लोशन- पीनस को बड़ा करने के लिए दवाई या लोशन की मदद ली जा सकती है। हालांकि अगर आप किसी भी दवा या लोशन का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो सबसे पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लें। जो दवाएं या लोशन प्रिस्क्राइब की जाती हैं, उनमें विटामिन, मिनरल, हर्ब और हॉर्मोन्स होते हैं। इनके सेवन या इस्तेमाल से पीनस के साइज को बढ़ाने में मदद मिल सकती है, लेकिन रिसर्च के अनुसार इसका साइड इफेक्ट्स भी हो सकता है।

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    अगर आप पीनस साइज और जेनेटिक्स (Penis Size and Genetics) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। खुद से इलाज करने से बचें और प्राइवेट ऑर्गेन से जुड़ी परेशानियों को सुलझाने में अपने पार्टनर और डॉक्टर की मदद जरूर लें, क्योंकि इससे आपकी परेशानी कम होने से ज्यादा बढ़ सकती है।

    शीघ्रपतन से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब जाने नीचे दिए इस क्विज में।

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