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हार्ट फेलियर में बीटा ब्लॉकर्स का प्रयोग (Beta Blockers in Heart Failure)
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) के अनुसार बीटा-ब्लॉकर्स का प्रयोग कई स्थितियों में फर्स्ट-लायन ट्रीटमेंट के रूप में किया जाता है। इस दवा को खासतौर पर कार्डियोवैस्कुलर के लक्षणों को सुधारने में लाभदायक माना जाता है। बीटा ब्लॉकर्स ओरल, इंट्रावेनस (Intravenous), या ओफ्थाल्मिक फॉर्म्स रूप में आसानी से उपलब्ध हैं। अब जानिए हार्ट फेलियर में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Heart Failure) के बारे में विस्तार से :
हार्ट फेलियर में बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers in Heart Failure):
बिसोप्रोलोल (Bisoprolol)
बिसोप्रोलोल को इसके ब्रांड नाम ज़बेटा (Zebeta) के नाम से भी जाना जाता है। इस दवाई का प्रयोग अन्य दवाइयों के साथ हाय ब्लड प्रेशर के उपचार के लिए किया जा सकता है। अगर ब्लड प्रेशर सही रहेगा तो कई हार्ट संबंधी समस्याएं को बचा जा सकता है जिनमें से एक है हार्ट फेलियर। यानी हार्ट फेलियर में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Heart Failure) में इस दवा को शामिल किया जा सकता है। यह दवा शरीर में कुछ नेचुरल केमिकल के एक्शन को ब्लॉक करके काम करती है। इस दवाई को आप तभी लें जब डॉक्टर ने इसे लेने के लिए कहा हो क्योंकि इसे लेने से आप कई साइड-इफेक्ट्स का अनुभव भी कर सकते हैं जैसे थकावट, हार्टबीट का स्लो होना, डायरिया आदि। अगर आप स्मोकिंग करते हैं तो इस दवाई का प्रयोग करने से पहले स्मोकिंग करना छोड़ दें।
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कार्वेडलोल (Carvedilol)
कार्वेडलोल एक बीटा ब्लॉकर है इसका ब्रांड नाम है कोरेग (Coreg)। यह दवा हार्ट फेलियर में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Heart Failure) में से एक है। कार्वेडलोल का प्रयोग हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) और हार्ट फेलियर (Heart Failure) के उपचार के लिए किया जा सकता है। इस दवा को हार्ट अटैक के बाद भी रोगी को दिया जा सकता है ताकि उनके सर्वाइव करने के चान्सेस बढ़ें। इस मेडिसिन की कितनी डोज लेनी चाहिए यह रोगी की मेडिकल स्थिति और ट्रीटमेंट के रिस्पॉन्स पर निर्भर करता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इस दवा को लेना चाहिए। इसके साइड इफेक्ट्स में एलर्जिक रिएक्शंस, डायरिया, सांस लेने में समस्या, छाती में दर्द, असामान्य हार्ट बीट आदि शामिल हैं।
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मेटोप्रोलोल (Metoprolol)
हार्ट फेलियर में बीटा ब्लॉकर्स (Beta Blockers in Heart Failure) में अगली दवा है मेटोप्रोलोल (Metoprolol)। इस दवा का प्रयोग हार्ट फेलियर के साथ ही अन्य स्थितियों जैसे छाती में दर्द या हाय ब्लड प्रेशर के उपचार में भी किया जा सकता है। ब्लड प्रेशर के कम होने से किडनी प्रॉब्लम, हार्ट अटैक और स्ट्रोक आदि की संभावना भी कम हो जाती है। मेटोप्रोलोल को कई ब्रांड नेम्स से जाना जाता है जैसे केपस्पार्गो स्प्रिंकल (Kapspargo Sprinkle),लोप्रेसोर (Lopressor), टॉप्रोल-एक्सएल (Toprol-XL) आदि। यह दवा भी शरीर में खास केमिकल को ब्लॉक करके काम करती है। इस दवा को तभी लें जब डॉक्टर इसकी सलाह दें। यही नहीं, इस दवा को लेते हुए भी डॉक्टर की इंस्ट्रक्शन को फॉलो करना बहुत जरूरी है। इस दवा को लेने के बाद हाथ और पैरों का ठंडा होना, चक्कर आना, सांस लेने में समस्या, तनाव आदि शामिल है।
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