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क्यों लेना चाहिए इनसेक्ट प्रोटीन डायट?
इस बारे में एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में डॉ. लवनीत ने कहा, “इसेक्ट में न्यूट्रिशनल वैल्यू अधिक होती है। विटामिन बी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, जिंक, अल्फा लिनोलेनिक एसिड और ओमेगा -3 फैटी एसिड की अधिकता के कारण ये खाने युक्त डायट है। इनसेक्ट में प्रोटीन अधिक पाई जाती है और ये ईकोफ्रेंडली होते हैं। हाई फूड कंर्वजन के कारण इन्हें पालने में भी ज्यादा दिक्कत नहीं होती है। इसेक्ट का टेस्ट नट्स की तरह होता है। कुछ लोगों को पूरा इनसेक्ट खाना पसंद नहीं होता है। आप चाहें तो इनसेक्ट के आटे का प्रयोग कर सकते हैं। इनसेक्ट के आटे से बनाना केक, चॉकलेट कुकीज और फ्राइड राइस बनाया जाता है।”
हमने आपके इनसेक्ट प्रोटीन डायट के बारे में जानकारी दी। भारत में भी इनसेक्ट प्रोटीन डायट का चलन है जबकि विदेशों में बहुत अधिक है। अगर आप भी इसका उपयोग खाने में करना चाहते हैं तो पहले जरूरी जानकारी जुटा लें।
क्या कहती है रिसर्च?
फूड एंड एंग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन ऑफ द यूनाइटेड स्टेट के दावों के मुताबिक, आने वाले साल 2050 तक दुनिया भर के लगभग 90 लाख लोगों को इनसेक्ट प्रोटीन डायट अपनी तरफ आकर्षित कर सकता है। जिसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे- कृषि का कम होना, जल, जंगल, मत्स्य और जैव विविधता संसाधनों की कमी, साथ ही पोषक तत्व और गैर-नवीकरणीय ऊर्जा के स्त्रोतों को बढ़ावा देनो हो सकता है।
एफएओ के मुताबिक, इन कीड़ों को खाने से मनुष्य को शरीर को उच्च गुणवत्ता में प्रोटीन, विटामिन्स और अमीनो एसिड प्राप्त होते हैं। वहीं, मवेशियों यानी मीट और अन्य मांसहारी भोजन के साधनों के मुकाबले इन कीड़ों का विकास करने में छह गुना कम भोजन की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, पारंपरिक पशुधन की तुलना में कम ये कीट ग्रीनहाउस गैसों और अमोनिया का उत्सर्जन करते हैं। साथ ही इन कीड़ों को जैविक कचरे के सहारे ही उगाया जा सकता है।