अचानक से बेहोशी छा जाना हर किसी के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। बेहोशी छाने से मतलब ब्रेन को कुछ समय के लिए ब्लड सप्लाई न मिलने से है। इस कारण कुछ समय के लिए व्यक्ति को होश नहीं रहता है और वह चक्कर खाकर गिर जाता है। बेहोशी गंभीर विकार हो सकता है। बेहोशी से हार्ट का रिलेशन भी हो सकता है। बेहोशी का कोई मेडिकल सिग्नीफिकेंस नहीं होता है।
जब बेहोशी की समस्या से छुटकारा मिल जाए तो तुरंत डॉक्टर से चेकअप कराना चाहिए और लक्षणों से निजात पाना चाहिए। एक से अधिक बार बेहोशी छाना शरीर के लिए किसी भी समस्या का लक्षण हो सकता है। अगर आपके आसपास कोई भी व्यक्ति बेहोश हो तो उसे क्या प्राथमिक उपचार देना चाहिए, इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए।
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बेहोशी का प्राथमिक उपचार(first aid for Fainting)
- अगर बेहोशी छा रही है तो तुरंत लेट जाना चाहिए या बैठ जाना चाहिए। बेहोशी की संभावना को कम करने के लिए थोड़ी देर तक आराम करना सही रहेगा।
- अगर आप बैठते हैं तो अपने सिर को अपने घुटनों के बीच रखें।
- अगर कोई और बेहोश हो जाए तो उस व्यक्ति को पीठ के सहारे बैठने के लिए कहें। यदि कोई चोट नहीं है और व्यक्ति सांस ले रहा है, तो व्यक्ति के पैरों को छाती के पास से ऊपर उठाएं। अगर व्यक्ति ने बेल्ट, कॉलर या अन्य टाइट कपड़े पहने हुए हैं तो उनको तुरंत ढीला करें ।
- बेहोशी की संभावना को कम करने के लिए व्यक्ति को थोड़ी देर बैठे या फिर लेटे रहने दें। यदि व्यक्ति एक मिनट के भीतर होश में नहीं आता है तो इमरजेंसी नंबर पर तुरंत कॉल करें।
- व्यक्ति सांस ले रहा है या फिर नहीं, इसकी जांच करना जरूरी है। यदि व्यक्ति सांस नहीं ले रहा है, तो सीपीआर देना शुरू करें। साथ ही स्थानीय इमरजेंसी नंबर पर कॉल करना न भूलें। सीपीआर को तब तक जारी रखें जब तक कि मदद न आ जाए या व्यक्ति सांस लेना शुरू न कर दे।
- अगर व्यक्ति बेहोशी की हालत में गिर गया था तो हो सकता है कि उसे गंभीर रूप से झटका या चोट लग गई होगी। अगर कहीं खून बहता हुआ दिख रहा है तो तुरंत उसे बंद करने के लिए पट्टी का इंतजाम करें।
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बेहोशी का प्राथमिक उपचार: इन बातों का रखें ध्यान
अगर बेहोशी के कारण लेटा व्यक्ति किसी भी प्रकार कि प्रतिक्रिया नहीं कर रहा है तो उसे जोर से हिलाएं। अगर फिर भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का रिस्पॉन्स नहीं दे रहा है तो इमरजेंसी नंबर पर कॉल करना उचित रहता है। अगर आपको AED का परिक्षण दिया गया है तो इसका यूज भी किया जा सकता है। अगर आपने व्यक्ति को पकड़ा हुआ है और उसे ब्लीडिंग हो रही है तो उसका मुंह तुरंत बाहर की ओर कर दें। हो सकता है कि व्यक्ति के मुंह से ब्लीडिंग या वॉमिटिंग होने लगे। अगर व्यक्ति को डायबिटीज है और उसने पिछले छह घंटों से कुछ नहीं खाया है तो बेहतर रहेगा कि तुरंत उसे जूस दिया जाए।
बेहोशी का प्राथमिक उपचार: बेहोशी होने पर डॉक्टर को कब बुलाना चाहिए
वैसे तो बेहोशी किसी न किसी कारण से आती है। अगर किसी भी व्यक्ति को एक महीने में एक बार बेहोशी आती है तो उसे डॉक्टर से मिलना चाहिए। साथ ही जो महिलाएं प्रेग्नेंट हैं, या फिर कोई हार्ट कंडीशन है तो भी बेहोशी आने के बाद डॉक्टर से चेकअप कराना सही रहेगा। किसी भी प्रकार की सीरियस इलनेस और बेहोशी को जोड़कर देखा जा सकता है। बेहतर होगा कि बेहोशी को आम समस्या न समझा जाए।
बेहोशी कई कारणों से हो सकती है। जब रक्तचाप या ब्लड प्रेशर में अचानक से गिरावट आती है तो भी बेहोशी आ सकती है। ब्लड प्रेशर में कमी के कारण मस्तिष्क में पर्याप्त रक्त नहीं पहुंच पाता है। ब्लड प्रेशर डीहाइड्रेशन के कारण गिर सकता है। पुजिशन में क्विक चेंज, खड़े रहना या लंबे समय तक बैठे रहना, या किसी चीज का अचानक डर भी बेहोशी का कारण बन सकता है। डर से मतलब है कि व्यक्ति को खून देखकर या हादसा देखकर भी बेहोशी छा जाती है। बेहोशी किस कारण से हुई है, इसका पता लगाकर तुरंत चिकित्सकीय मदद ली जा सकती है।
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बेहोशी के संकेत और लक्षण (Symptoms of fainting)
बेहोशी होने पर कुछ लक्षण भी दिखाई देते हैं। अगर कोई व्यक्ति बेहोश होने वाला है तो उसे चक्कर जैसा महसूस होता है और अन्य लक्षण दिखाई दे सकते हैं,
- चक्कर आना
- संतुलन होना
- अचानक से सब कुछ घूमता हुआ दिखना
- तेज या अनियमित दिल की धड़कन हो जाना
- पसीना आना
- उल्टी अथवा मितली महसूस होना
इन कारणों से भी व्यक्ति हो सकता है बेहोश (Causes of fainting)
किसी भी व्यक्ति में बेहोश होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि:
- कार दुर्घटना के दौरान
- गंभीर खून की कमी होने से
- छाती या सिर को झटका लगने के कारण
- किसी दवा ओवरडोज होने से
- जहरीली शराब पीने से
बेहोशी का प्राथमिक उपचार: अगर बच्चा बेहोश हो जाए तो क्या करें?
अगर आपका बच्चा बेहोश हो गया है या फिर होने वाला है तो तुरंत उसे बैठा दें। फिर उसका चेहरा वॉश पेपर से क्लीन करें। जब तक बच्चा ठीक महसूस न करें, तब तक उसे उठने या फिर चलने न दें। बच्चे के कपड़े ढीला करना न भूलें। बच्चे को अपने पैरों के पास सिर लेकर उसे लिटा दें। बच्चे के पैर को थोड़ा ऊपर की ओर उठा दें।
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बेहोशी का प्राथमिक उपचार: बेहोशी से बचने के लिए रखे ये सावधानियां
- अगर गर्मी का मौसम है तो समय समय पर तरल पदार्थ और पानी जरूर पिएं।
- लंबे समय तक बैठे या फिर खड़े न रहें। किसी भी प्रकार की गतिविधि के दौरान थोड़ा ब्रेक लेना जरूरी होता है।
- एक पेपर बैक में सांस लें। जब सांस अधिक तेजी से चले तो पेपर बैग में के अंदर थोड़ा सा मुंह अंदर करके सांस लेना बेहतर उपाय साबित हो सकता है।
- अगर लो या फिर हाई बीपी का दवा लें रहे हैं तो दवा खाना न भूलें। कई बार समय पर दवा न लेने पर भी बेहोशी की समस्या हो जाती है। ऐसे में समस्या गंभीर भी हो सकती है।
- अगर कोई हेल्थ कंडीशन की वजह से आपको चक्कर और बेहोशी की समस्या है तो इस बारे में तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। बेहोशी के दौरान गिर जाने से चोट लगने का खतरा अधिक रहता है।
अगर आपको अक्सर बेहोश हो जाने की समस्या है तो इस बारे में डॉक्टर से परामर्श करें। बेहोश होने का मतलब है कि शरीर में किसी प्रकार की समस्या है। इस बात को नजरअंदाज न करें। हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सक सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।
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