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फर्स्ट एड के कितने प्रकार होते हैं?
फर्स्ट एड (First aid) यानी प्राथमिक चिकित्सा के कई प्रकार होते हैं, जैसे:
इमरजेंसी फर्स्ट एड (Emergency First Aid)–फर्स्ट एड (First aid) के इस प्रकार में बेसिक फर्स्ट एड (Basic First Aid) शामिल है जो जीवन के लिए खतरा हो सकती है। इसमें फोकस एयरवे, ब्रीदिंग और सर्कुलेटरी इमरजेंसी पर और इसकी रोकथाम पर रहता है।
स्टैंडर्ड फर्स्ट एड (Standard First Aid)– यह सबसे सामान्य तरीका है। इसमें इमरजेंसी फर्स्ट एड (Emergency First Aid) की सभी चीज़ों जैसे घाव की देखभाल, सिर, गर्दन और रीढ़ की चोटों का ख्याल और बहुत भी कुछ कवर किया गया है।
चाइल्ड केयर फर्स्ट एड (Child Care First Aid)– इसे डे-होम या डे-केयर प्रदान करने वाले लोगों के लिए बनाया गया है। जिसमें सभी स्टैंडर्ड फर्स्ट एड (Standard first aid) के साथ भी बच्चों की बीमारियों और सुरक्षा की चीजों को भी शामिल किया गया है
साइकोलॉजिकल फर्स्ट एड (Psychological First Aid) – साइकोलॉजिकल फर्स्ट एड (Psychological First Aid) एक रिस्पांसिबिलिटी बिल्डिंग वेलनेस प्रोग्राम है । जो तनाव, हानि, ट्रामा और दुःख के प्रभावों से निपटने के लिए खुद को और दूसरों को समर्थन देने के लिए व्यक्तियों को ट्रेंड करता है।
सबसे लाभदायक फर्स्ट एड मेथड (First Aid method) कौन से हैं?
प्रत्येक आपातकालीन स्थिति के लिए अलग फर्स्ट एड (First Aid) प्रक्टिसेस हैं। अभी हम कुछ अत्यधिक उपयोगी फर्स्ट एड प्रोसेस के बारे में बात करेंगे। जैसे:
अधिक ब्लीडिंग (Bleeding)
इस बारे में दिल्ली के क्लीनिकल जनरल फीजिशयन डॉक्टर अशोक रामपाल का कहना है कि त्वचा का कोई हिस्से पर खरोच आ गई हो या त्चचा हल्की से कट गई हो , तो उस भाग पर दबाव डालें। दबाव अपनी उंगलियों से सीधा ना डालें, इससे इंफेक्शन हो सकता है। आप उसे डिटॉल या गर्मपानी से क्लीन करें। फिर पट्टी बांधें या बैंडेड लगाएं। अब ऊपर से अपनी उंगलियों से दबाव डालें। ध्यान रहे की पट्टी टाइट से बंधी हो। किसी एक्सीडेंट या चोट लगने पर अधिक ब्लीडिंग हो सकती है। अगर किसी को खून बह रहा है तो सबसे महत्वपूर्ण है इस ब्लीडिंग को रोकना ताकि पीड़ित व्यक्ति को कोई नुकसान न हो। ऐसा करने के लिए आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करने की आवश्यकता है:
- जब तक मेडिकल हेल्प न मिले तब तक रोगी का ध्यान रखें। जब तक ब्लीडिंग (Bleeding) कम न हो या रुक न जाए, घाव पर से दबाव न हटाएं।
- अगर रोगी बेहोश होने लगे या पीला पड़ जाए ,तो इसका कारण शरीर से अधिक मात्रा में खून बह जाना है। ऐसे में तुरंत मेडिकल हेल्प (Medical Help) की जरूरत होगी।
- कई बार चोट के बाद रोगी शॉक (Shock) में चला जाता है। अगर आपको ऐसा लगता है तो इस प्रक्रिया को दोहराएं:
- रोगी को आराम से लेटाएं।
- हृदय और मस्तिष्क में एक स्थिर रक्त प्रवाह (Blood Circulation) को सुनिश्चित करने के लिए रोगी के पैर धड़ से ऊपर रखें।
- ध्यान रहे कि रोगी को पर्याप्त हवा मिलनी चाहिए।
- अगर रोगी को अधिक ब्लीडिंग हो रही हो, तो घाव को न धोएं। धोने से घाव के ठीक होने की प्रक्रिया धीमी हो जाएगी।
सिर में चोट (Head Injury)
सिर में चोट लगना बहुत गंभीर हो सकता है। मस्तिष्क पूरे अंगों के सुचारू संचालन के लिए मुख्य भूमिका निभाता है। मस्तिष्क को किसी भी तरह का नुकसान होना किसी भी बड़े अंग के बंद होने के कारण बन सकता है, जिससे तत्काल मृत्यु तक हो सकती है। सिर की चोट के मामले में, अगर आपको सूजन नजर आ रही है, तो पहला कदम है कोल्ड कंप्रेस करना। कोल्ड कंप्रेसिंग (Cold Compressing) एक तकनीक है, जिसका उपयोग सूजन को कम करने और चोट के कारण होने वाले प्रभाव के दर्द को कम करने के लिए किया जाता है।
हार्ट अटैक (Heart Attack)
दिल का दौरा पीड़ित व्यक्ति के लिए बहुत खतरनाक और डरावना हो सकता है। इसलिए, जब तक मदद नहीं मिलती फर्स्ट एड (First Aid) रोगी की भलाई के लिए महत्वपूर्ण है।
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जैसे ही आपको लगता है कि किसी को दिल का दौरा पड़ रहा है, तो आप उसकी सुरक्षा के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें: