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क्या होता है फर्स्ट एड (first aid) जानिए फर्स्ट एड से जुड़ी पूरी जानकारी

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/09/2021

    क्या होता है फर्स्ट एड (first aid) जानिए फर्स्ट एड से जुड़ी पूरी जानकारी

    फर्स्ट एड (First Aid) यानी प्राथमिक चिकित्सा किसी भी इमरजेंसी जैसे दुर्घटना की स्थिति में समस्या की पहचान और सहायता प्रदान करने का पहला कदम है। फर्स्ट एड में सामान्य और जीवन को बचाने वाली तकनीक शामिल होती है। प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) को लोग कम से कम इक्विपमेंट और बिना मेडिकल अनुभव के ही प्रदान कर सकते हैं। यह किसी मेडिकल उपचार (Medical Treatement) का हिस्सा नहीं है और न ही डॉक्टर की सलाह और ट्रीटमेंट की जगह ले सकता है। इसमें आपको जब तक पीड़ित व्यक्ति को मेडिकल हेल्प नहीं मिल जाती, तब तक सामान्य प्रक्रियाओं और कॉमन सेन्स का प्रयोग करके स्थिर रखना होता है, ताकि उसकी जान बच सके। पाइए, फर्स्ट एड (First Aid) के बारे में पूरी जानकारी।

    फर्स्ट एड (First Aid) न मिलने पर व्यक्ति की लाइफ कैसे प्रभावित होती है?

    किसी एक्सीडेंट या दुर्घटना के बाद व्यक्ति को सही समय पर फर्स्ट एड (First Aid) मिलना बहुत जरूरी है। फर्स्ट एड (First Aid) न मिलने से प्रभावित व्यक्ति के जीवन पर असर होता है। जानिए क्यों है फर्स्ट एड मिलना इतना जरूरी:

    यह भी पढ़ें : चोट लगने पर बच्चों के लिए फर्स्ट एड और घरेलू उपचार

    सही समय पर व्यक्ति को फर्स्ट एड (First Aid) मिलने से व्यक्ति को ठीक होने में कम समय लगता है। हर दुर्घटना, बीमारी या चोट लगने पर तुरंत हॉस्पिटल जाना संभव नहीं होता। ऐसे में, अगर आपको तभी फर्स्ट एड (First Aid) मिल जाता है, तो आपकी आधी परेशानी दूर हो सकती है। जैसे मान लो, किसी बच्चे को कोहनी में नील आया है। अगर कोई व्यक्ति इसके प्राथमिक उपचार (First Aid) के बारे में जानता है, (जैसे आइस पैक का प्रयोग या सही बैंडेज लगाना आदि) तो उसकी समस्या काफी हद तक ठीक हो सकती है। कई गंभीर स्थितियों में भी रोगी को तुरंत अस्पताल ले जाना संभव नहीं होता। ऐसे में अगर उसे फर्स्ट एड (First Aid) प्रदान कर दी जाए तो उसकी जान बचा ली जा सकती है और जटिलताओं को रोका जा सकता है।

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    र्स्ट एड (First Aid) में कौन-कौन से फैक्टर्स आते हैं? 

    फर्स्ट एड (First Aid) के बारे में सबसे पहले बात करते हैं इस के सिद्धांतों के बारे में, जो इस प्रकार हैं:

    जीवन का संरक्षण

    फर्स्ट एड (First Aid) का पहला लक्ष्य होता है, उस जीवन का संरक्षण करना, जिसे आपातकालीन जरूरत है। ताकि उसे खतरे से बचाया जा सके।

    किसी आपातकालीन स्थिति से बचाना

    फर्स्ट एड (First Aid) का दूसरा लक्ष्य है प्रभावित व्यक्ति को किसी भी जोखिम से बचाना। चोट या किसी भी अनदेखे मामलों के जटिल बनने बचाने के लिए यह जरूरी है।

    रिकवरी

    प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) तभी दी जाती है, ताकि प्रभावित व्यक्ति की रिकवरी जल्दी हो सके। आपके द्वारा पूरे किये गए कुछ स्टेप्स रिकवरी की संभावना को बढ़ा सकते हैं

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    तुरंत कारवाई 

    यह किसी के जीवन को बचाने की कुंजी है। कोई घटना होने के तुरंत बाद कार्रवाई करने से जोखिम कम हो सकता है।

    स्थिति को शांत बनाए रखना 

    फर्स्ट एड (First Aid) देने वाले व्यक्ति का खुद शांत रहना बेहद जरूरी है। ताकि, वो प्रभावित व्यक्ति और उनके प्रियजनों के तनाव के स्तर को कम कर सके। इससे न केवल आप स्थिति को कंट्रोल कर पाएंगे बल्कि आपकी सही निर्णय लेने में भी मदद मिलेगी।

    मेडिकल सहायता को बुलाना

    फर्स्ट एड (First Aid) के साथ ही तुरंत मेडिकल सहायता की जरूरत पड़ती है। इस बात को सुनिश्चत करें कि मेडिकल प्रोफेशनल तुरंत आएं और स्थिति को संभालें।

    फर्स्ट एड (first aid) से सही उपचार कैसे प्रदान करें

    इससे पहले कि कोई मेडिकल प्रोफेशनल आए, कंडीशन को स्थिर करने के लिए प्राथमिक चिकित्सा (First aid) जरूरी है।  प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) की प्रक्रिया को इस तरह से पूरा किया जाता है:

    • कांशसनेस (Consciousness) के लिए जांच
    • एयरवेज खोलें
    • सांस लेने की जांच करें, यदि आवश्यक हो तो CPR दें
    • सर्कुलेशन की जांच करें
    • ब्लीडिंग की जांच करें, अधिक रक्तस्राव को नियंत्रित करें

    यह भी पढ़ें: बच्चों का चीजें निगलना/गले में फंसना हो सकता है खतरनाक, कैसे दें फर्स्ट एड

    फर्स्ट एड के कितने प्रकार होते हैं?

    फर्स्ट एड (First aid) यानी प्राथमिक चिकित्सा के कई प्रकार होते हैं, जैसे:

    इमरजेंसी फर्स्ट एड (Emergency First Aid)–फर्स्ट एड (First aid) के इस प्रकार में बेसिक फर्स्ट एड (Basic First Aid) शामिल है जो जीवन के लिए खतरा हो सकती है। इसमें फोकस एयरवे, ब्रीदिंग और सर्कुलेटरी इमरजेंसी पर और इसकी रोकथाम पर रहता है।

    स्टैंडर्ड फर्स्ट एड (Standard First Aid)– यह सबसे सामान्य तरीका है। इसमें इमरजेंसी फर्स्ट एड (Emergency First Aid) की सभी चीज़ों जैसे घाव की देखभाल, सिर, गर्दन और रीढ़ की चोटों का ख्याल और बहुत भी कुछ कवर किया गया है।

    चाइल्ड केयर फर्स्ट एड (Child Care First Aid)– इसे डे-होम या डे-केयर प्रदान करने वाले लोगों के लिए बनाया गया है। जिसमें सभी स्टैंडर्ड फर्स्ट एड (Standard first aid) के साथ भी बच्चों की बीमारियों और सुरक्षा की चीजों को भी शामिल किया गया है

    साइकोलॉजिकल फर्स्ट एड (Psychological First Aid) – साइकोलॉजिकल फर्स्ट एड (Psychological First Aid) एक रिस्पांसिबिलिटी बिल्डिंग वेलनेस प्रोग्राम है । जो तनाव, हानि, ट्रामा और दुःख के प्रभावों से निपटने के लिए खुद को और दूसरों को समर्थन देने के लिए व्यक्तियों को ट्रेंड करता है।

    सबसे लाभदायक फर्स्ट एड मेथड (First Aid method) कौन से हैं?

    प्रत्येक आपातकालीन स्थिति के लिए अलग फर्स्ट एड (First Aid) प्रक्टिसेस हैं। अभी हम कुछ अत्यधिक उपयोगी फर्स्ट एड प्रोसेस के बारे में बात करेंगे। जैसे:

    अधिक ब्लीडिंग (Bleeding)

    इस बारे में दिल्ली के क्लीनिकल जनरल फीजिशयन डॉक्टर अशोक रामपाल का कहना है कि त्वचा का कोई हिस्से पर खरोच आ गई हो या त्चचा हल्की से कट गई हो , तो उस भाग पर दबाव डालें। दबाव अपनी उंगलियों से सीधा ना डालें, इससे इंफेक्शन हो सकता है। आप उसे डिटॉल या गर्मपानी से क्लीन करें। फिर पट्टी बांधें या बैंडेड लगाएं। अब ऊपर से अपनी उंगलियों से दबाव डालें। ध्यान रहे की पट्टी टाइट से बंधी हो। किसी एक्सीडेंट या चोट लगने पर अधिक ब्लीडिंग हो सकती है। अगर किसी को खून बह रहा है तो सबसे महत्वपूर्ण है इस ब्लीडिंग को रोकना ताकि पीड़ित व्यक्ति को कोई नुकसान न हो। ऐसा करने के लिए आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करने की आवश्यकता है:

    • जब तक मेडिकल हेल्प न मिले तब तक रोगी का ध्यान रखें। जब तक ब्लीडिंग (Bleeding) कम न हो या रुक न जाए, घाव पर से दबाव न हटाएं।
    • अगर रोगी बेहोश होने लगे या पीला पड़ जाए ,तो इसका कारण शरीर से अधिक मात्रा में खून बह जाना है। ऐसे में तुरंत मेडिकल हेल्प (Medical Help) की जरूरत होगी।
    • कई बार चोट के बाद रोगी शॉक (Shock) में चला जाता है। अगर आपको ऐसा लगता है तो इस प्रक्रिया को दोहराएं:
    1. रोगी को आराम से लेटाएं।
    2. हृदय और मस्तिष्क में एक स्थिर रक्त प्रवाह (Blood Circulation) को सुनिश्चित करने के लिए रोगी के पैर धड़ से ऊपर रखें।
    3. ध्यान रहे कि रोगी को पर्याप्त हवा मिलनी चाहिए।
    4. अगर रोगी को अधिक ब्लीडिंग हो रही हो, तो घाव को न धोएं। धोने से घाव के ठीक होने की प्रक्रिया धीमी हो जाएगी।

    फर्स्ट एड

    सिर में चोट (Head Injury)

    सिर में चोट लगना बहुत गंभीर हो सकता है। मस्तिष्क पूरे अंगों के सुचारू संचालन के लिए मुख्य भूमिका निभाता है। मस्तिष्क को किसी भी तरह का नुकसान होना किसी भी बड़े अंग के बंद होने के कारण बन सकता है, जिससे तत्काल मृत्यु तक हो सकती है। सिर की चोट के मामले में, अगर आपको सूजन नजर आ रही है, तो पहला कदम है कोल्ड कंप्रेस करना। कोल्ड कंप्रेसिंग (Cold Compressing) एक तकनीक है, जिसका उपयोग सूजन को कम करने और चोट के कारण होने वाले प्रभाव के दर्द को कम करने के लिए किया जाता है।

    हार्ट अटैक (Heart Attack)

    दिल का दौरा पीड़ित व्यक्ति के लिए बहुत खतरनाक और डरावना हो सकता है। इसलिए, जब तक मदद नहीं मिलती फर्स्ट एड (First Aid)  रोगी की भलाई के लिए महत्वपूर्ण है।

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    जैसे ही आपको लगता है कि किसी को दिल का दौरा पड़ रहा है, तो आप उसकी सुरक्षा के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:

  • रोगी को नीचे बैठाएं और उसे आराम महसूस कराएं।
  • रोगी को कपड़े ढीले कर दें। यदि उसने टाई पहनी है तो उसे निकाल दें। सुनिश्चित करें कि रोगी को कोई शारीरिक परेशानी न हो।
  • रोगी से पूछें कि क्या वह किसी भी हार्ट कंडीशन के लिए दवा ले रहा है या नहीं। यदि हां, तो सुनिश्चित करें कि मरीज को जल्द से जल्द दवा मिल जाए।
  • यदि रोगी को पर्याप्त आराम और उसके दवा लेने के बाद भी दर्द कम हो जाता है, तो तत्काल मेडिकल हेल्प के लिए कॉल करें।
  • यदि व्यक्ति बेहोश हो जाता है, आपातकालीन सहायता बुलाएं और CPR शुरू करें।
  • योगा , मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी के लिए क्लिक करें :

    CPR क्या है ?

    CPR (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) जीवन को बचने वाला फर्स्ट एड मेथड (First Aid Method) है। जिसका प्रयोग इस बात को सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है है कि रोगी के शरीर में स्ट्रेडी ब्लड फ्लो है? जो रोगी के जीवन को बचने के लिए जरूरी है। जब रोगी सांस लेना बंद कर देता है या यदि उसका दिल ब्लड पंप करना बंद कर देता है। तो दिमाग के लिए कार्य करना बहुत मुश्किल हो जाता है। इससे परमानेंट ब्रेन डैमेज या मृत्यु भी हो सकती है। CPR एक प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) प्रक्रिया है।

    CPR के तरीके व्यक्ति की उम्र के अनुसार भिन्न होते हैं, हालांकि सभी वयस्कों के लिए CPR नीचे दिए गए चरणों का पालन करके किया जाता है:

    एयरवेज (Airways)

    एयरवेज शरीर में ऑक्सीजन को आने देते हैं। यदि कोई व्यक्ति बेहोश है, तो यह अधिक संभावना है, कि उसका एयरवेज अवरुद्ध है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दौरान जीभ वापस मुंह में आ सकती है और गले को अवरुद्ध कर सकती है। इस समस्या को ठीक करने के लिए, आप किसी को रिकवरी पोजीशन में रख सकते हैं। CPR की तैयारी में, एयरवेज साफ होना चाहिए।

    ब्रीदिंग (Breathing)

    किसी दुर्घटना की जगह पर पहुंचने पर, आपको यह जांचने की आवश्यकता है कि क्या पीड़ित व्यक्ति सांस ले रहा है या नहीं। ऐसा आप उसके नाक और मुंह के पास अपना हाथ रखकर और हवा या नमी को महसूस कर के पता कर सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति असामान्य रूप से सांस ले रहा है या बिल्कुल नहीं ले पा रहा है , तो उसे फिर से सक्रिय करने और सर्कुलेशन की जांच करने के लिए शांति आगे की प्रक्रिया दोहराएं।

    सर्क्युलेशन (Circulation)

    प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) के अंत में आप हार्टबीट और ब्लड सर्कुलेशन को जांच लें

    सर्क्युलेशन (Circulation) के लक्षण हैं हिलना और खांसना। लेकिन, अगर व्यक्ति में यह दोनों लक्षण नहीं हैं तो इसका अर्थ है कि वो बेहोश है। सर्क्युलेशन और हार्ट बीट की जांच करने के लिए, दो उंगलियों को या तो गर्दन के पास विंड पाइप के पास, या खुली कलाई के एरिया पर रखें। अगर यहां दिल की धड़कन चल रही है, तो आपको कभी CPR नहीं करना चाहिए। इसके बजाय, एयरवेज को दोबारा जांचें और तंग कपड़ों को ढीला करें। यदि वे नहीं जागते हैं, तो एम्बुलेंस को कॉल करें।

    फर्स्ट एड

    जलना (burn)

    जलना बहुत गंभीर हो सकता है। जलने वाले लोगों को बहुत अधिक दर्द होता है। ऐसे में, तुरंत आपातकालीन केयर जरूरी है। इस स्थिति में कुछ ऐसे स्टेप्स का आपको पालन करना चाहिए, जैसे:

    • तुरंत आपातकालीन केयर को फोन करें ताकि मरीज को कम से कम नुकसान हो
    • अगर रोगी सांस नहीं ले रहा है तो तुरंत CPR का प्रयोग करें।
    • जले हुए स्थान से कपड़े और गहनों को निकाल दें। यह ध्यान रखें कि यह जले हुए कपड़े और गहने त्वचा से चिपके न हों।
    • जले हुए स्थान को रनिंग वाटर के नीचे कुछ देर रखें। जली हुई जगह पर कभी भी बर्फ का प्रयोग न करें।
    • अगर रोगी केमिकल बर्न का शिकार है, तो यह सुनिश्चित करें कि कॉर्निया (Cornea) को बचाने के लिए पीड़ित व्यक्ति की आंखों को पानी या सलाइन के घोल से लगातार धोएं।
    • जब तक मदद न आये तब तक रोगी को लिंट-फ्री सूखे कपड़ों से ढकें।

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    फर्स्ट एड बॉक्स (First Aid box) में क्या होना चाहिए? 

    आजकल हर जगह फर्स्ट एड बॉक्स (First Aid box) होना जरूरी है। लेकिन, अधिकतर फर्स्ट एड बॉक्स (First Aid) में बहुत सी चीजों की कमी होती है। फर्स्ट एड बॉक्स में खासतौर पर एम्बुलेंस में यह चीजें होनी ही चाहिए।

    • घावों के लिए स्टेराइल ड्रेसिंग पैड
    • कीटाणुनाशक
    • बेसिक दर्द निवारक और एंटीबायोटिक
    • सेफ्टी पिन
    • थर्मामीटर
    • ट्वीज़रस
    • घावों की ड्रेसिंग के लिए रोलर बैंडेज
    • कैंची और एडहेसिव बैंडेज

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    फर्स्ट एड (First Aid) के दौरान किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?

    फर्स्ट एड के दौरान कर्मचारियों को खास ख्याल रखना चाहिए, जैसे:

    • अपने हाथों और अन्य स्किन सर्फेस को अच्छे से धोना
    • ग्लव्स, मास्क और अन्य प्रोटेक्टिव ऑयवियर का प्रयोग
    • प्रोटेक्टिव सूट, गाउन और एप्रन को पहनना
    • तेजधार वाली चीजों का ध्यान से प्रयोग
    • सभी दूषित सतहों को कीटाणुरहित करना
    • सही डिस्पोजल कंटेनर्स का प्रयोग
    • CPR के लिए सही प्रोटेक्टिव मास्क (Protective Mask) का प्रयोग करना
    • उस स्थान पर कुछ न खाना न पीना, न स्मोकिंग और अन्य चीजों का इस्तेमाल करना
    • पर्यावरण सेवा के कर्मचारियों से संपर्क करना, जो शारीरिक तरल पदार्थों के साफ करने के लिए प्रशिक्षित हों

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    एक सफल फर्स्ट एड (First Aid) की कुंजी हमेशा मानव शरीर के बारे में कम्पैशन और बुनियादी ज्ञान होना है। आपको बिना किसी झिझक के प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) के माध्यम से चोटिल व्यक्ति की सही देखभाल करनी आनी चाहिए। ध्यान रहे कि आप इन विधियों का सही तरीके से प्रयोग करके किसी की जान बचा सकते हैं।

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