उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री का नारा “काम बोलता है’ तो आपको याद ही होगा। वैसे ही कभी-कभी इंसान की जुबां तो कुछ नहीं कहती लेकिन, उसकी बॉडी लैंग्वेज बोलती है। कभी-कभी हम अपने सामने मौजूद शख्स के हाव-भाव को समझ नहीं पाते हैं। मन ही मन सोचते रहते हैं कि आखिर इसके मन में चल क्या रहा है? ऐसे में उसकी बॉडी लैंग्वेज को समझकर काफी कुछ जाना जा सकता है। जानते हैं बॉडी लैंग्वेज से जुड़े ऐसे ही कुछ फैक्ट्स-
बॉडी लैंग्वेज से जुड़े फैक्ट्स
- कई बार देखा गया है कि इंटरव्यू या मीटिंग के दौरान लोग एक पैर को दूसरे पैर पर चढ़ाकर (क्रॉस लेग) बैठना पसंद करते हैं। कुछ लोग बांहों को मोड़कर बात करते हैं। इसका मतलब यह निकलता है कि वो किसी विषय पर खुलकर बात नहीं करना चाहते हैं या फिर कुछ छुपा रहे हैं।
- बातचीत के दौरान अपने बालों को या कपड़ों को बार-बार ठीक करना बताता है कि आप बस खुद का ध्यान रखते हैं और आपकों दूसरों की बातों या विचारों में कोई रुचि नहीं है।
- कभी-भी हल्के हाथ या बेफिक्री के अंदाज में हाथ न मिलाएं। यह बताता है कि आपके अंदर आत्मविश्वास की कमी है। हैंडशेक करते समय एनर्जी से भरे रहें।
- इसी तरह सुनने वाला व्यक्ति अगर अपनी गर्दन एक ओर झुका रहा है तो माना जाता है कि वह बोर हो रहा है लेकिन, अगर नजर मिलाकर कोई देर तक सुन रहा हो तो इससे संकेत मिलता है कि उसको बात सुनने में दिलचस्पी है। यह भी पढ़ें – क्या आप दुनिया के सबसे छोटे और बड़े फल के बारे में जानते हैं?
- बातचीत के दौरान इंसान का जरुरत से ज्यादा पलकें झपकाना बताता है कि आपको स्ट्रेस है या फिर आप झूठ बोल रहे हैं।
- अनकम्फर्टेबल होने पर पुरुष अपना चेहरा छूने लगते हैं वहीं, महिलाएं गला, कपड़े, ज्वेलरी या बाल टच करने लगती हैं।
- जन्म से ही अंधे बच्चे जब भी कोई बुरी खबर सुनते हैं तो वे अपनी आंखों को ढक लेते हैं।
- एक सामान्य इंसान एक मिनट में छह से आठ बार पलकें छपकाता है। लेकिन, दबाव में (जैसे कि जब वे झूठ बोल रहे हों) पलकें छपकाने की संभावना बढ़ जाती है।
- गुस्सा, डर, खुशी, घृणा, उदासी और आश्चर्य को दुनिया में छह तरह के एक्सपेरेशंस (expressions) को यूनिवर्सल माना जाता रहा है। हाल ही में, कुछ वैज्ञानिकों ने तर्क दिया है कि अपमान और शर्मिंदगी की भावना (embarrassment) भी यूनिवर्सल अभिव्यक्ति है।
- कुछ रिसर्च से पता चलता है कि झूठ बोलने वाले लोग बॉडी जेस्चर (body gesture) कम देते हैं और अपने हाथ-पैर ईमानदार लोगों की तुलना में कम हिलाते-डुलाते हैं।
- बेफिक्र होकर चलने को अनादर माना जाता है। यह दिखाता है कि आपका सामने वाले की बातों में कोई रुचि नहीं है और आप उसकी कोई फिक्र नहीं करते हैं।
ये तो थे बॉडी लैंग्वेज से जुड़े तथ्य जिनपर अगर गौर किया जाए तो सामने वाला इंसान कैसा है और क्या सोच रहा है? इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसके अलावा सफलता पाने में भी हमारी बॉडी लैंग्वेज अहम रोल निभाती है। आपके अंदर भले ही टैलेंट हो लेकिन, अगर बॉडी लैंग्वेज सही नहीं है तो यह सक्सेस की राह में एक रोड़ा साबित हो सकता है।
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