उबासी को कई अलग-अलग नाम से जानते हैं और मेडिकल भाषा में इसे ओसाइटेशन (oscitation) कहते हैं। आज आप इस आर्टिकल में जानेंगे उबासी से जुड़े मजेदार फैक्ट्स जिन्हें आप शायद ही जानते होंगे, लेकिन सबसे पहले जानते हैं उबासी को और क्या-क्या कहते हैं। उबासी को हिंदी जम्हाई भी कहते हैं। जब कोई से नींद लेने की इच्छा जाहिर करता है, तो इसे उबासी और जम्हाई आना कहा जाता है। इंग्लिश में इसे यॉनिंग (Yawning) कहते हैं।
उबासी से जुड़े रोचक तथ्य
- वर्टिब्रेट्स जैसे मनुष्य, चिम्पेंजी और कुत्ते, ये सभी उबासी लेते हैं।
- उबासी किसी को भी देख कर आ सकती है, यहां तक की उबासी का नाम सुनते ही उबासी आने लगती है।
- उबासी क्यों आती है, यह अभी तक साफ नहीं है।
- वैसे तो 20 से ज्यादा सिद्धांत हैं जो बताते हैं कि हम क्यों जम्हाई लेते हैं। लेकिन, सभी विशेषज्ञ एकमत से एक सिद्धांत के लिए सहमत नहीं होते हैं।
- सबसे लोकप्रिय सिद्धांतों में से एक यह है कि जब शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है, तो हम ऑक्सीजन की आवश्यक मात्रा प्राप्त करने के लिए जम्हाई लेते हैं।
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- एक रिसर्च के अनुसार जम्हाई कम से कम 6 सेकेंड तक रहती है।
- जम्हाई के दौरान हृदय की गति में भी तेजी आती है।
- कभी-कभी शरीर में ऊर्जा की कमी होने पर भी जम्हाई आती है।
- ज्यादा तनाव की वजह से भी जम्हाई आती है।
- फेफड़े की परेशानी होने पर भी बार-बार जम्हाई आ सकती है।
- जो लोग देख नहीं सकते हैं, वैसे लोग सिर्फ जम्हाई की आवाज सुन कर जम्हाई ले सकते हैं।
- स्टडी के अनुसार 55 प्रतिशत लोग किसी को देखकर 5 मिनट के अंदर-अंदर जम्हाई ले लेते हैं।
- रिसर्च के अनुसार कुत्ते, मनुष्य को जम्हाई लेते देखकर भी जम्हाई लेने लगते हैं।
- हार्वर्ड विश्वविद्यालय के एक रिसर्च के अनुसार जम्हाई को हमेशा सामान्य नहीं समझना चाहिए। कई बार, लगातार जम्हाई के पीछे मल्टीपल स्केलेरोसिस, एम्योट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस, पार्किंसंस डिजीज या यहां तक कि माइग्रेन जैसी गंभीर स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है।
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- जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं जम्हाई लेने की आदत में बदलाव भी आता है।
- जम्हाई के कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं और न ही ज्यादा जम्हाई लेने से गले, जबड़े या किसी और तरह की परेशानी होती है।
- अध्ययनों से पता चलता है कि यदि आप जम्हाई रोकने की कोशिश करते हैं, तो इसका सीधा मतलब है कि आप बहुत अधिक संवेदनशील हैं।
- जम्हाई लेने से सतर्कता बढ़ जाती है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार जम्हाई लेने का कोई नुकसान नहीं है। लेकिन, कुछ-कुछ स्थितियों में यह शारीरिक परेशानी भी शुरू कर कर सकता है। जैसे वेगल रिएक्शन इस दौरान वेगस नर्व ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं। वेगस नर्व मस्तिष्क, गले और फिर पेट में पहुंचती है और जब ये नर्व जरूरत से ज्यादा एक्टिव हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन दोनों ही तेज हो जाती है। ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। ध्यान रहे अगर आपको बिना कारण बहुत ज्यादा उबासी आती है, तब इसे नजरअंदाज न करें और अपने हेल्थ एक्सपर्ट को इस बारे में बताएं।
उबासी कब हो सकती है खतरनाक
आमतौर पर उबासी आने से कोई खतरा नहीं होता है। लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में यह खतरनाक साबित भी हो सकती है। इस स्थिति को वेसो वेगल रिएक्शन कहते हैं। इस अवस्था में वेगस नर्व की सक्रियता बढ़ जाती है। यह नर्व दिमाग से जुड़ी होती है, जो गले से होते हुए पेट तक जाती है। जब इस तरह की परिस्थिति बनती है, तो हार्ट बीट और ब्लड प्रेशर बहुत कम हो जाता है। इसके कारण उबासी आने लगती है। ऐसे में हार्ट पर बुरा असर पड़ता है और साथ ही डॉक्टर की मदद लेने की आवश्यकता पड़ सकती है।
क्यों आती है उबासी
उबासी आना एक बहुत ही आम शारीरिक गतिविधी है। इसके कई कारण हो सकते हैं। यह समझने के लिए कि आपको पहले उबासी आने के कारणों को समझना होगा। उबासी के ऐसे ही कारण हैं।
बोरियत
साल 1986 में कुछ यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स पर किए गए अध्ययनों में पाया गया कि उबासी सबसे ज्यादा उस समय आती है, जब वे किसी लेक्चर के दौरान या कहीं और बोरियत महसूस करते हैं। इस अध्ययन के दौरान स्टूडेंट्स को 30 मिनट तक अलग-अलग रंगों के पैटर्न्स दिखाएं गए और इसके बाद इंन्हीं स्टूडेंट्स को रॉक वीडियोज दिखाए गए। इस पूरे प्रयोग के दौरान छात्रों पर कड़ी नजर रखी गई और साथ ही उनके द्वारा कितनी बार उबासी ली गई इसका भी ट्रैक रखा गया। जिसकी प्रयोग के खत्म होने के बाद तुलना की गई। इस प्रयोग में साफ तौर पर सामने आया कि बोरियत होने पर लोगों को ज्यादा उबासी आती है।
ऑक्सीजन की जरूरत होने पर भी आती है उबासी
उबासी को लेकर यह भी माना जाता है कि जब शरीर को ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है, तब उबासी आती है। वहीं अमेरिका की मैरीलैंड यूनिवर्सिटी में किए गए एक अध्ययन में इसे खारिज कर दिया गया। इसके लिए शोधकर्ताओं ने ऑक्सीजन की कमी के कारण उबासी आने को समक्षने के लिए कुछ लोगों को एक कमरे में बिठाया और उस कमरे में हवा की गुणवत्ता को बदलते गए। साथ ही शोधकर्ताओं ने उस कमरे में शोध के दौरान कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा 3 से 5 प्रतिशत तक कर दी। यह आमतौर पर 0.3 प्रतिशत होती है। इसके बाद इसका ट्रैक रखा गया कि लोगों ने कितनी बार उबासी ली। तुलना करने के बाद पाया गया कि दोनों ही परिस्थितियों में लोगों को उबासी आने की संख्या लगभग बराबर ही थी। ऐसे में इस शोध में शोधकर्ता इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि ऑक्सीजन के कमी के कारण उबाई आने की धारणा गलत है।
थकान के कारण उबासी आना
कई लोगों का मानना है कि थकान के कारण भी उबासी आती है। इसके लिए भी कई अध्ययन किए गए हैं। लेकिन, अभी इनमें किसी परिणाम तक नहीं पहुंचा जा सका है। साथ ही यह देखा गया कि एक्सरसाइज करने से पहले और बाद में उबासी की संख्या में कोई बदलाव नहीं था।
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