नाखून (Nails) हमारे शरीर का बहुत छोटा मगर बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इनके बारे में कई ऐसी बातें हैं जो हम में से बहुत कम लोग जानते हैं। ये फैक्ट्स इसकी संरचना, आकार-प्रकार के साथ ही इसकी ग्रोथ से जुड़े हुए हैं। जानकर आश्चर्य होगा कि उंगलियों के नाखून (Nails) हर महीने लगभग 3.5 मिलीमीटर तक बढ़ते हैं। वहीं हाथ की तुलना में पैरों के नाखून जल्दी बढ़ते हैं। आइए जानते हैं नाखून के फन फैक्ट्स।
नाखून के फन फैक्ट्स
- अगर आप सीधे हाथ का इस्तेमाल करते हैं तो गौर करें, उस हाथ का नाखून (Nails) ज्यादा बढ़ा हुआ नजर आएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि जिस हाथ का इस्तेमाल ज्यादा होता है उसके नाखून तेजी से बढ़ते हैं।
- नाखून (Nails) उन्हीं तत्वों से बने होते हैं जिनसे बाल बनते हैं। इस तत्व का नाम केरैटिन है। केरैटिन एक प्रकार का प्रोटीन होता है इसलिए बाल या नाखून काटते समय दर्द नहीं होता।
- पुरुषों के नाखून महिलाओं की तुलना में तेजी से बढ़ते हैं लेकिन, गर्भवस्था के दौरान हॉर्मोंस का उत्पादन ज्यादा होने के कारण महिलाओं के नाखून तेजी से बढ़ने लगते हैं।
- नाखून में सेंसेशन नहीं होता।
- नाखूनों का बढ़ना पोषण और उम्र पर निर्भर करता है।
- नाखून (Nails) त्वचा से जुड़ी 10 प्रतिशत समस्याओं का कारण बनते हैं।
- नाखून (Nails) सर्दियों की तुलना में गर्मियों में तेजी से बढ़ते हैं क्योंकि गर्मियों में सूरज की रोशनी ज्यादा मिलती है। चूहों से जुड़े एक अध्ययन में पाया गया कि ठंड के मौसम ने उनकी नाखून वृद्धि को रोक दिया ।
- नाखून (Nails) सेहत के बारे में बहुत कुछ कहते है। नाखूनों का रंग, उनका आकर, उनकी साइज देखकर डॉक्टर सेहत के बारे में सही अंदाजा लगा सकते हैं। पीलिया की बीमारी में नाखून पीले नजर आते हैं।
- किसी बीमारी से रिकवरी के बाद नाखून (Nails) अधिक तेजी से बढ़ते हैं।
- नाखून (Nails) चबाना नर्वस होने पर की जाने वाली सामान्य आदत है।
- क्यूटिकल त्वचा का एक छोटा सा टुकड़ा होता है जहां से नाखून उंगली से निकलते हैं। यह रूट या मैट्रिक्स को कीटाणुओं से बचाते हैं।
- पैरों के नाखून (Nails), हाथ के नाखून की तुलना में दुगने मोटे होते हैं।
- छोटा सफेद आधा-चांद का आकार जिसे आप कभी-कभी अपने नाखूनों के नीचे देखते हैं, लुनुला कहलाता है। अगर आपको अपनी किसी भी अंगुली पर लुनुला नहीं दिखाई दे तो चिंता न करें। यह कोई बड़ी बात नहीं है।
- बीच की उंगली का नाखून (Nails) बहुत तेजी से बढ़ता है जबकि अंगूठे का नाखून (Nails) सबसे धीमी रफ्तार से बढ़ता है।
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जानें नाखून से जुड़े कुछ सच
- स्वस्थ नाखून (Nails) हल्के गुलाबी रंग के होते हैं।
- नाखून चबाना (नेल बाइटिंग) को ऑनिकोफेजिया कहा जाता है। (20 से 30 प्रतिशत लोगों में नाखून चबाने की आदत होती है)
- सर्दियों की तुलना में गर्मियों में नाखून (Nails) तेजी से बढ़ते हैं।
- नाखूनों (Nails) पर होने वाले सफेद धब्बे कैल्शियम की कमी को नहीं दर्शाते हैं।
- उंगली के नाखून (Nails) और पैरों के नाखून एक महीने में कम से कम 3 मिलीमीटर तक बढ़ते हैं।
- हाथ-पैरों के नाखून और आंखों के कोर्निया को ब्लड और ऑक्सिजन की जरूरत नहीं होती है।
- हाथ के नाखूनों को पूरी तरह से दोबारा बढ़ने में 3 से 6 महीने का वक्त लग सकता है।
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- जिस हाथ से आप लिखते हैं उन उंगलियों के नाखून तेजी से बढ़ते हैं और इसमें भी बीच की उंगली (Middle Finger) के नाखून सबसे पहले बढ़ते हैं।
- पैर के नाखूनों के मुकाबले हाथ के नाखून तेजी से बढ़ते हैं।
- हाथ और पैरों के नाखूनों (Nails) को पूरी तरह से बढ़ने (नए नाखून) में कम से कम 6 महीने का वक्त लगता है।
- अंगूठे का नाखून अन्य उंगलियों के नाखूनों के मुकाबले सबसे धीरे बढ़ता है।
- उंगलियों की लंबाई पर भी नाखूनों की बढ़ने की लंबाई निर्भर करती है।
- फिंगर्नेल में केरैटिन होता है, जो मनुष्य के शरीर में सबसे मजबूत माना जाता है।
- शरीर में आयरन की कमी से नाखून (Nails) के आकार एक जैसे नहीं होते हैं।
- फंगल इंफेक्शन जैसे कि टिनिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है और नाखूनों (हाथ-पैर के नाखून) को भी संक्रमित कर देता है।
- उम्र बढ़ने के साथ-साथ नाखूनों (Nails) के बढ़ने की गति भी धीमी हो जाती है।
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- कभी-कभी और किसी-किसी व्यक्ति के हाथ या पैर के नाखून नहीं होते हैं। ऐसा जन्म से ही होता है, इसे नेल-पेटेला सिंड्रोम कहते हैं।
- ऐसी धारणा है की किसी भी व्यक्ति के मौत के बाद नाखूनों (Nails) का बढ़ना जारी रहता है। लेकिन, यह गलत है क्योंकि मौत के बाद शरीर कड़ा होने लगता है ऐसे में नाखून बढ़े हुए नजर आते हैं।
- स्किन प्रॉब्लम जैसे सोरायसिस, एक्जिमा, लिचेन प्लेनस या ल्यूपस होने पर नाखूनों को कमजोर कर देती है।
- तनाव और थकान का असर नाखूनों (Nails) पर भी पड़ता है और ये कमजोर होने लगते हैं।
- 10 से 18 साल के बच्चों में नाखून चबाने की आदत देखी गई है। यह हानिकारक तो नहीं है लेकिन, अच्छी आदत भी नहीं है।
- नाखून (Nails) से जुड़ी परेशानी भी हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
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नाखून (Nails) में होने वाले संक्रमण के बारे में जानें
नेल इंफेक्शन होना बहुत ही आम हैं। ज्यादार व्यक्तियों को शायद पता भी नहीं हो कि उनके नाखूनों में किसी तरह का संक्रमण हुआ है। नाखूनों में फंगल का संक्रमण नाखूनों की सबसे आम बीमारियों में से एक है। नाखूनों में फंगल का कारण बनने वाले फंगस सामान्य रूप से शरीर पर ही मौजूद होता है। लेकिन, अगर इसके विकास को बढ़ावा मिले, तो यह स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी समस्या बन सकता है। ये फंगस बहुत ही छोटे होते हैं, जिन्हें केवल माइक्रोस्कोप की मदद से ही देखा जा सकता है।
फंगस से कारण नाखून (Nails) ऐसे होते हैं :
- नाखून का कमजोर होना
- नाखून का टूट जाना
- नाखूनों का पीला पड़ जाना
- नाखून एकदम डल दिखना
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नेल इंफेक्शन का इलाज क्या है
नेल इंफेक्शन और फंगस का इलाज लंबे समय तक चल सकता है। इसका इलाज काफी महंगा भी हो सकता है। इसका उपचार, एंटीफंगल दवाओं, मलहम जैसी उपचार विधि से किया जा सकता है। इसके अलावा, नाखून के संक्रमण दूर करने के लिए दवा की दुकानों पर कई तरह के क्रीम और मरहम भी उपलब्ध हैं।