आजकल हर कोई फिटनेस के लिए योगा और मेडिटेशन की तरफ जा रहा है। मेडिटेशन का असर आपके शरीर पर पॉजिटिव पड़ता है। यह एक तरह से आपके शरीर के लिए माइंडफुलनेस का काम करता है। यह आपको तरोताजा कर आने वाले चुनौतियों के लिए तैयार करता है।
Written by डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
आजकल हर कोई फिटनेस के लिए योगा और मेडिटेशन की तरफ जा रहा है। मेडिटेशन का असर आपके शरीर पर पॉजिटिव पड़ता है। यह एक तरह से आपके शरीर के लिए माइंडफुलनेस का काम करता है। यह आपको तरोताजा कर आने वाले चुनौतियों के लिए तैयार करता है।
क्या मेडिटेशन का असर असल में फायदेमंद होता है?
मेडिटेशन के बारे में सब ने सुना है पर बहुत ही कम लोग मेडिटेशन का असर जानते हैं। इसके आलाव मेडिटेशन का असर जानते हुए भी ऐसे बहुत ही कम लोग हैं, जो खुद नियमित तौर पर या कभी-कभी मेडिटेशन करते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि बहुत कम लोग मेडिटेशन करते है और जो करते हैं उन पर मेडिटेशन का असर लाभदायी नहीं दिखाई देता है।
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मेडिटेशन हमारे स्ट्रेस लेवल को कम करता है, एंग्जायटी को कम करता है और कंसट्रेशन लेवल बढ़ाता है। मेडिटेशन करने का एक तरीका होता है जो आपको ठीक से फॉलो करना होता है। तभी मेडिटेशन का असर दिखाई देता है। बहुत से लोगों को मेडिटेशन करना बोरिंग लगता है। ये बात जानना बहुत जरूरी है की मेडिटेशन के रिजल्ट्स आपको तुरंत नहीं दिखाई देंगे। आप को खुद को उसमे इन्वॉल्व होना सीखना होगा तभी आपको पॉजिटिव चेंज नजर आएगा। मेडिटेशन का असर देखने के लिए मेडिटेशन हर रोज करना जरूरी है। इसको करने का सबसे अच्छा समय तब होता है जब आप पूरी तरह से जगे हुए हों।
अगर आप खुद मेडिटेशन नहीं कर पा रहे है तो कोई प्रोफेशनल से सीख सकते हैं और मेडिटेशन का असर पाने के लिए उनके हिसाब से इसके तरीके फॉलो कर सकते हैं। अगर आप एक बार मेडिटेशन करना सीख जाते हैं और हर रोज इसे करते हैं तो आपको खुद में अच्छा बदलाव महसूस होगा और आप साफ-साफ मेडिटेशन का असर भी देख सकेंगे। एक्सरसाइज हो या मेडिटेशन अगर आप ये हर रोज करते हैं तो आपके बॉडी और माइंड को रिलैक्सेशन मिलेगा।
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मेडिटेशन का असर आपको इमोशनली हेल्दी बनाता है जिसकी मदद से भविष्य में आपको मेमोरी लॉस होने वाली जैसी स्थितियों के जोखिम कम करने में मदद मिल सकती है।
मेडिटेशन करने से कंसंट्रेशन बढ़ता है जिससे नींद अच्छी आती है।
मेडिटेशन के असर को जानने के लिए बेल्जिम में एक अध्ययन किया गया। जिसमें शहर के 5 छोटे स्कूलों के 400 बच्चों को शामिल किया गया। इन बच्चों की उम्र 13 से 20 साल के बीच थी। अध्ययन में यह पाया गया कि 6 महीने तक हर दिल क्लास में मेडिटेशन के निर्देश फॉलो करने वाले छात्रों में डिप्रेशन, एंग्जाइटी और तनाव के लक्षणों में काफी सुधार देखा गया।
वहीं कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया कि माइंडफुलनेस मेडिटेशन से सोचने और किसी भी मुद्दे पर फैसले लेने में आसानी महसूस होती है और उनके अधिकतर नतीजे भी संतुष्टि प्रदान करने वाले होते हैं।
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मेडिटेशन के कुछ तौर-तरीके आपको खुद की पहचान करने में मदद करते हैं। आप अपने फैसले पूर्ण आत्मविश्वास के साथ लेने में समर्थ हो जाते हैं। मेडिटेशन का असर समझने से पहले जरूरी है कि आप मेडिटेशन के प्रकार और उसके फायदों के बारे में समझें। एक अन्य अध्ययन में, 40 वरिष्ठ पुरुषों और महिलाओं को शामिल करके उन्हें माइंडफुलनेस मेडिटेशन प्रोग्राम दिया गया। जिसके परिणाम में पाया गया कि अध्ययन में शामिल लोगों को अब अकेलेपन से डर नहीं लगता है। उनकी भावनाओं और सोचने की क्षमता में भी बदलाव देखा गया।
मेडिटेशन का असर दिल के स्वास्थ्य पर भी देखा जा सकता है। मेडिटेशन करने से शरीर में खून का प्रवाह बढ़ता है और हार्ट रेट को कम करके दिल की धड़कन भी नियंत्रित करता है।
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मेडिटेशन के कुछ प्रकार से आप अपने गुस्से पर भी नियंत्रण कर सकते हैं। मेडिटेशन के एक अध्ययन में शामिल 100 लोगों में पाया गया कि उनमें लोगों की गलतियों को माफ करने की मानसिक क्षमता देखी गई। मेडिटेशन की मदद से आप न सिर्फ अपने दोस्तों और परिवार के लिए एक दयालु व्यक्ति बन सकते हैं, बल्कि आप अपने दुश्मनों के लिए भी एक दयालु व्यक्ति बन सकते हैं।
मेडिटेशन करने से आपका व्यक्तित्व दयालु बन जाता है। आपके अंदर सकारात्मक विचारों का विकास होने लगता है और आप सभी लोगों का दर्द और परेशानी को समझकर उनकी मदद कर पाते हैं। इससे आपके मन में समाज के लिए प्रेम का जन्म होता है।
अध्ययनों के मुताबिक, ध्यान लगाने से चीजों पर फोकस करने की मनोशक्ति मजबूत बनती है। अगर आप अपने लिए कोई लक्ष्य निर्धारित करते हैं, तो मेडिटेशन का असर उस लक्ष्य की प्राप्ति में अपनी मदद कर सकता है। एक अध्ययन ने विभिन्न ध्यान प्रकार के परीक्षण किए, जिनमें ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन, विपासना, तिब्बती बौद्ध ध्यान, सूफी ध्यान और हिंदू ध्यान को शामिल किया गया। इन दौरान उन्होंने पाया कि इन सभी मेडिटेशन के प्रकार अलग-अलग स्तर तक दिमाग को शांत बनाते हैं।
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ध्यान यानी मेडिटेशन का असर लोगों के विभिन्न प्रकार के नशे की लत को दूर करने में मददगार होता है। उदाहरण के लिए, अमेरिकन लंग एसोसिएशन ऑफ स्मोकिंग (एफएफएस) के एक अध्ययन में माइंडफुलनेस ट्रेनिंग का आयोजन किया गया। जिसमें धूम्रपान करने वाले कुछ लोगों को शामिल किया गया और उन्हें मेडिटेशन दिया गया। यह ट्रेनिंग 17 हफ्ते तक चलाई गई। जिसके परिणाम में पाया गया कि इस ट्रेनिंग में शामिल लोगों लोगों में बिना किसी दबाव के और अपनी मर्जी से अपनी धूम्रपान की आदत को बदलने में सफलता हासिल की। इसके अलावा अन्य शोधों में पाया गया है कि माइंडफुलनेस ट्रेनिंग, माइंडफुलनेस बेस्ड कॉग्निटिव थेरेपी (MBCT) और माइंडफुलनेस बेस्ड रिलेप्स प्रिवेंशन (MBRP) नशे के अन्य रूपों के इलाज में भी मददगार हो सकती है।
ऊपर दी गई मेडिटेशन का असर और इसके प्रभाव किसी भी चिकित्सा को प्रदान नहीं करती है। मेडिटेशन का असर और लाभ समझने के लिए कृपया अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
डिस्क्लेमर
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