राकेश बताते हैं कि बचपन में सिनेमा देखते समय जब उन्होंने बड़े परदे पर हीरो को सिगरेट पीते हुए देखा तो उन्हें ये बहुत आकर्षक लगा। इसलिए उन्होंने उस हीरो की कॉपी करने के लिए सिगरेट पीना शुरू की। राकेश लंग की बीमारी से पीड़ित हैं। जब हमने उनसे ये पूछा कि उन्होंने कभी छोड़ने की कोशिश क्यों नहीं की तो उन्होंने बताया कि किसी भी नशे को करने से शरीर उसके लिए आदी हो जाता है।
अगर आप मेडिकल तौर पर समझना चाहें तो बात दरसल ये है कि हमारे शरीर में रिसेप्टर(Receptor) पाए जाते हैं। ये रिसेप्टर एक बार सक्रिय होने के बाद हमेशा सक्रिय रहते हैं और जितना अधिक आप नशा करते हैं उतना अधिक आपकी डोज बढ़ जाती है।
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केस स्टडी 5 : स्ट्रेस बस्टर की तरह काम करती है सिगरेट!
रजत एक बड़ी कंपनी के मालिक हैं, वे कहते हैं कि कॉलेज के दिनों में उन्होंने सिगरेट एग्जाम के समय टेंशन दूर करने के लिए पीना शुरू किया था। धीरे- धीरे स्ट्रेस होने पर सिगरेट पीना उनकी आदत बन गई है। इस आदत को लेकर वे खुद भी बहुत परेशान हैं लेकिन अब ये आदत छोड़ पाना उनके लिए लगभग असंभव है।
कारण कोई भी हो स्मोकिंग (Smoking) आपकी सेहत के लिए हानिकारक है। अगर आप सिगरेट, बीड़ी, या फिर सुट्टा जैसी चीजों का इस्तमाल करते हैं तो हृदय रोग और फेफड़ों की बीमारी की आशंका कई गुना बढ़ जाती है। इसलिए अगर आप किसी बच्चे के माता -पिता हैं या किसी ऐसे को जानते हैं जो की उस उम्र से गुजर रहा है जब उसे ये लत लग सकती है तो उसे समझाएं कि भले ही वर्तमान में स्मोकिंग (Smoking) उसे दोस्तों के सामने कूल बना दे लेकिन लंबे समय के बाद उसे इसके हानिकारक प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं।
स्मोकिंग (Smoking) छोड़ने के फायदे क्या हैं?
दिल के दौरे का खतरा कम
डॉ. संजय सेठी की मानें तो “स्मोंकिग छोड़ने से शरीर पर बहुत अधिक अनुकूल प्रभाव पड़ता है। दिल के खतरे बढ़ाने में स्मोकिंग (Smoking) भी एक वजह हो सकती है। वहीं, जब इसकी आदत बंद हो जाए तो दिल दुरुस्त होने लगता है, क्योंकि शरीर में ऑक्सिजन का वितरण बेहतर हो जाता है।
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ब्लड सर्क्युलेशन ठीक होगा