माइग्रेन के कारण होने वाले सिर दर्द का इलाज काफी मुश्किल है। यदि आपको दर्द, जी मिचलाना, रोशनी या फिर शोर-गुल के वातावरण में आने पर सेंस्टिविटी का एहसास होता है, और काफी समय से आप इस प्रकार के लक्षणों का सामना कर रहे हैं तो ऐसे में आपको विशेषज्ञ से सलाह लेकर दवाओं की जरूरत पड़ सकती है। शायद आप सोच रहे होंगे इस मुश्किल से निजात पाने के लिए इसके अलावा क्या और भी कोई ऑप्शन उपलब्ध है? जी हां। माइग्रेन के लिए मरिजुआना (भांग) फायदेमंद साबित हो सकता है। इस बीमारी से आराम पाने के लिए इसकी मदद ली जा सकती है। कुछ शोध यह बताते हैं कि मरिजुआना से न केवल माइग्रेन के लक्षणों में कमी आती है बल्कि माइग्रेन शुरू ही नहीं होता है। लेकिन ज्यादातर स्टडी तथ्य नहीं देती हैं। लेकिन मरिजुआना का सेवन किसी भी बीमारी के लिए करने से पहले डॉक्टर से बात करना जरूरी होता है।
दर्द को कैसे करता है कम
माइग्रेन के लिए मरिजुआना को जानने से पहले इसके बारे में जानना अहम हो जाता है। बता दें कि मरिजुआना को कैनबिस के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रकार की झाड़ी है जिसकी मदद से पेपर, रस्सी या फिर अलग अलग प्रकार के प्रोडक्ट्स तैयार किए जाते हैं। हमारे दिमाग के अंदर या फिर शरीर में एक प्रकार का नेटवर्क है, जिसे कैनाबिनोइड रिसेप्टर्स (cannabinoid receptors) कहा जाता है। यही प्रोटीन पहुंचाने का जरिया है, जिससे दर्द का एहसास होता है।
मरिजुआना में प्राकृतिक तौर पर केननबिनॉयड नाम का तत्व पाया जाता है। जब हम इनका सेवन करते हैं तो शरीर में जाने के साथ यह रिसेप्टर्स की तलाश करते हैं। वहीं जिस प्रकार रिसेप्टर्स काम करता है ये उसे बदलते हैं, दर्द को कम करने में मदद करते हैं। जी मचलाना, गुस्सा, मसल्स की ऐंठन के साथ कई अन्य प्रकार की शारिरिक समस्याओं में केननबिनॉयड मदद करता है।
यही वजह है कि माइग्रेन के लिए मरिजुआना अहम हो जाता है। यह सामान्य की तुलना में काफी रिलेक्स कराता है। वहीं कैनबिस एक और तत्व बनाता है जिसे कैनाबिडियल (cannabidiol (CBD)) कहा जाता है, यह दर्द से निजात दिलाने में मदद करता है। कई देशों ने तो बीमारियों का इलाज करने के लिए सीबीडी को लीगल करार दिया है।
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मरिजुआना में मौजूद तत्व पर एक नजर
माइग्रेन के लिए मारिजुआना का सेवन के पहले इसके अंदर मौजूद तत्वों को जानना जरूरी हो जाता है। तो इसमें दो मुख्य प्रकार के तत्व होते हैं। पहला केननाबिडिओल (सीबीडी) और दूसरा टेट्राहाइड्रोकैनाबिनॉल(tetrahydrocannabinol (THC)) जिसे केननबिनॉयड्स भी कहा जाता है। टीएचसी में साइकोजेनिक इफेक्ट होते हैं, जिसका सेवन कर व्यक्ति अच्छा महसूस कर सकता है। वहीं सीबीडी अच्छा फील न कराने की बजाय दिमाग को धीमा कर देता है। एपिडिओलेक्स ( Epidiolex) जो एक प्रकार का सीबीडी का प्रकार है इसकी मदद से मिरगी के कई प्रकार का इलाज किया जाता है। ऐसे में इस केमिकल के मेडिकल बेनीफिट की बात करें तो मरीजुआना में हेल्यूसिनोजेनिक ड्रग (hallucinogenic drug) होता है। इसका सेवन स्मोकिंग के द्वारा किया जाता है। वहीं यह रिलेक्स फील कराता है।
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क्या यह वाकई में माइग्रेन के लिए है मददगार
माइग्रेन के लिए मरिजुआना मददगार है या नहीं इसपर कई सारे शोध किए गए हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ कोलराडो में 121 लोगों पर शोध किया गया, ये वैसे लोग थे जो माइग्रेन के दर्द से निजात पाने के लिए मरिजुआना का सेवन करते थे। इनमें से 40 फीसदी लोगों ने कहा कि महीने में जितनी बार दर्द का अटैक आता था, मरिजुआना का सेवन करने के बाद से आधा रह गया है।
यह लोग अलग अलग प्रकार से मरिजुआना का सेवन कर रहे थे, लेकिन ज्यादातर लोग सांस के द्वारा अंदर लेकर इसका इस्तेमाल कर रहे थे, वहीं इन लोगों ने यह पाया कि दर्द तुरंत चला जाता है। वैसे लोग जिन्होंने स्मोक कर या फिर सांस की मदद से अंदर लेकर मरिजुआना का सेवन किया उन्होंने कहा कि इसका सेवन करने से वो दवाओं का सेवन कम करने लगे हैं। वहीं दवा का सेवन करने से नेगेटिव इफेक्ट भी हुआ करती थी, लेकिन इसका सेवन करने से नहीं होती है।
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माइग्रेन के लिए मरिजुआना से जुड़े रिस्क फेक्टर
यदि आप माइग्रेन के लिए मरिजुआना का सेवन करते हैं, चाहे स्मोक कर या फिर खाकर तो इससे आप कमजोर महसूस करने के साथ भ्रमित, नींद आना, चक्कर आना या फिर उदास महसूस कर सकते हैं। वहीं लंबे समय तक यदि आप मरिजुआना को स्मोकिंग के रूप में सेवन करते हैं तो इससे आपके दिल और फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है। कुल मिलाकर कहा जाए तो माइग्रेन के लिए मरिजुआना का सेवन करने की सोच रहे हैं तो लंबे समय की बजाय यदि कम समय के लिए सेवन करेंगे तो नतीजे बेहतर साबित होंगे।
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कई जगहों पर इसके इस्तेमाल पर है रोक
बता दें कि मरिजुआना के इस्तेमाल को लेकर अलग अलग देशों में अलग अलग नियम हैं। कई देशों में मेडिकल संबंधित जहां इसको लेकर छूट दे रखी है वहीं कई देशों ने तो इसपर बैन लगाया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसका सेवन करने से नशा होता है। यूएस में ही आधे से ज्यादा स्टेट में मेडिकल इलाज के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन हर स्टेट में इसके इस्तेमाल व इसकी खरीदारी को लेकर अलग अलग नियम हैं। वहीं कुछ स्टेट में मेडिकल संबंधी इलाज के लिए भी इसके इस्तेमाल पर रोक है। ऐसे में नियमों को जानने के बाद ही इसका इस्तेमाल करना फायदेमंद होगा। यदि आप भी माइग्रेन के लिए मरिजुआना का सेवन करने की सोच रहे हैं तो जरूरी है कि डॉक्टरी सलाह ली जाए।
हमारा दिमाग खुद ब खुद बनाता है मरिजुआना जैसे तत्व
सेन फ्रानसिस्को की यूनिवर्सिटी ऑफ केलिफॉर्निया के द जर्नल ऑफ न्यूरोसाइंस में छपे लेख में इस बात का जिक्र है कि माइग्रेन के लिए मरिजुआना कितना बेहतर है। खासतौर से यह दर्द से आराम दिलाता है या नहीं। हमारे दिमाग में खुद ब खुद ही एंडोजिनियस मरिजुआना के कैमिकल होते हैं। एंडोजिनियस मरिजुआना सिस्टम का यह फायदा होता है कि दर्द भरे सिग्नल को आसान से ब्लॉक कर देता है।
माइग्रेन के लिए मरिजुआना के शोध में सामने आए तथ्य
माइग्रेन के लिए मरिजुआना फायदेमंद होता है। वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी में नवंबर 2019 को किए शोध में इस बात का पता चला है कि कैनाबिस सिरदर्द के साथ माइग्रेन के दर्द आधा खत्म कर देता है। स्मोकिंग व अन्य तरीकों से इनहेल केननबिस का सेवन करें तो उस स्थिति में यह 47.3% और माइग्रेन को 49.6% तक आराम दिलाता है। शोध में यह भी पता चला कि केननबिस का अत्यधिक सेवन करने से सिरदर्द की समस्या होती है। वहीं पारंपरिक इलाज का नुकसान भी होता है। शोधकर्ताओं ने यह महसूस किया कि जो व्यक्ति लंबे समय तक डोज का सेवन करा है उसमें इसकी लत लगने की संभावना भी ज्यादा होती है। यह तमाम जानकारी जर्नल ऑफ पेन में लिखित है। वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के साइकोलॉटी के असिस्टेंट प्रोफेसर केनी कटलर बताते हैं कि यह पहली बार था जब केननबिस देकर लोगों से रियल टाइम डाटा इकट्ठा किया गया था, वहीं इसके पूर्व जितने भी शोध किए गए थे उनमें वैसे लोग जो कैनाबिस का सेवन करते हैं उनके एक्सपीरिएंस पर शोध किया गया था। वहीं क्लीनिकल ट्रायल में यह बात भी सामने आई कि केननबिस आईब्रूफेन जैसी सिर दर्द की दवाओं से भी बेहतर काम करता है। ऐसे में यह कहा जाता सकता है कि माइग्रेन के लिए मरिजुआना फायदेमंद होता है। लेकिन डॉक्टरी सलाह के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए।
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डाक्टरी सलाह लें। हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।
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