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कारण
डिप्रेशन के कारण क्या हैं?
- फैमिली में डिप्रेशन की हिस्ट्री।
- वित्तीय समस्याओं, किसी रिश्ते के टूटने या किसी प्रिय की मृत्यु जैसी चीजों के कारण होने वाला ट्रामा और तनाव अवसाद का कारण बन सकता है।
- कुछ बिमारियों जैसे स्ट्रोक, हार्ट अटैक, कैंसर, पार्किंसंस रोग और हार्मोनल विकारों से व्यक्ति अवसाद का शिकार हो सकता है।
- कई दवाइयाँ जैसे कि स्टेरॉयड, पेन किलर, हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं, कैंसर की दवाएं आदि डिप्रेशन को ट्रिगर या बढ़ा सकते हैं।
- मनोवैज्ञानिक विकार जैसे कि चिंता विकार, खाने के विकार, सिज़ोफ्रेनिया से डिप्रेशन हो सकता है।
- मादक द्रव्यों का सेवन आदि।
- अकेले रहने से अवसाद हो सकता है।
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उपचार
डिप्रेशन का आयुर्वेदिक इलाज : थेरिपी
निदान परिवर्जना (Nidana parivarjana)
आयुर्वेद में अवसाद का इलाज करने के लिए, ट्रामा, स्टेरॉयड का उपयोग, दर्द निवारक दवाएं जैसे कारकों से बचना होता है। यदि कोई पुरानी बीमारी है तो पहले इससे ही निपटना चाहिए और अकेले रहने से बचना चाहिए।
शोधन चिकित्सा (बायो-क्लिनिंग थेरिपी) के बाद समन चिकित्सा (Palliative therapy) की जा सकती है। डिप्रेशन से बाहर निकलने का उपाय शोधन प्रक्रिया के अंतर्गत शामिल हैं :
स्नेपना (internal oleation)
आयुर्वेद में डिप्रेशन के इलाज के लिए स्नेपना की सलाह दी जाती है।
विरेचन (Purgation)
विरेचन में जड़ी बूटियों के मिश्रण से तैयार रेचक को अवसाद पीड़ित को दिया जाता है जिससे शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।
नास्य कर्म
पुराने गाय के घी या अनु तेल (Anu taila) या पंचगव्य घी को सात दिनों तक नोस्ट्रिल्स में 8-8 बूँद डालकर अवसाद को ठीक किया जाता है।
शिरो वस्ति
इस विधि से आयुर्वेद में अवसाद के इलाज के लिए सात दिन तक रोजाना 45 मिनट तक सिर पर मालिश की जाती है।
अभ्यंगम
इसमें औषधीय हर्बल तेलों के साथ पूरे शरीर की मालिश की जाती है। अभ्यंगम चिकित्सा से शरीर से अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों को हटाने में मदद मिलती है। यह शरीर के महत्पूर्ण प्रेशर पॉइंट्स को उत्तेजित करता है, जिससे तनाव, चिंता और अवसाद में कमी होती है।
शिरोधारा
इस उपचार में एक निश्चित समय के लिए पेंडुलम गति के साथ माथे पर लगातार तेल डाला जाता है। माथे पर लगातार तेल डालने से तनाव कम होता है और नींद अच्छी आती है। 0 से 60 मिनट तक यह आयुर्वेदिक प्रक्रिया की जाती है। हाई ब्लड प्रेशर और अनिद्रा के इलाज के लिए यह प्रभावी होता है।
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डिप्रेशन का आयुर्वेदिक इलाज : जड़ी-बूटियां
अश्वगंधा
अश्वगंधा में स्टेरॉइडल लैक्टोन, सैपोनिन, एल्कलॉइड्स और विथेनाओलाइड्स जैसे सक्रिय यौगिक होते हैं। इससे तनाव और चिंता को दूर करने में मदद मिलती है। इसके लिए अश्वगंधा चूर्ण या अर्क का सेवन किया जा सकता है।