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ओरल प्रॉब्लम्स: दिल की समस्या (Heart Plroblem)
दांतों में होने वाली समस्याओं के कारण हदय से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए दांतों की नियमित रूप से साफ-सफाई बहुत जरूरी है। इससे मुंह में किसी प्रकार का इंफेक्शन नहीं होगा। अगर आपको किसी प्रकार का ओरल इंफैक्शन होता है तो ह्रदय से जुड़ी बीमारियों (Cardiovascular Disease) का खतरा बढ़ जाता है। अगर मसूड़ों को पीरियडोंटल बीमारी का कारण बनने वाले बैक्टीरिया के कारण सूजन हो जाती है, तो वही बैक्टीरिया शरीर के रक्तप्रवाह में आ सकते हैं, जिससे धमनियों को कठोर कर सकते हैं। धमनियों में होने वाले इस कठोरपन को एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है और यह बहुत गंभीर समस्या होती है। यह खून के प्रवाह को धीमा कर देता है जिससे दिल को उचित मात्रा में ऑक्सीजन और खून नहीं मिल पाता है जिसके कारण दि कौ दौरा पड़ने का जोखिम भी बढ़ जाता है। धमनियों और रक्त वाहिकाओं पर हानिकारक प्रभाव पड़ने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी हो सकती है और ब्रेन स्ट्रोक का जोखिम भी बढ़ सकता है। एंडोकार्टिटिस भी विकसित हो सकता है, जो अक्सर घातक स्थिति होती है।
ओरल कैंसर (Oral Cancer)
मुंह के कैंसर का खतरा तब सबसे ज़्यादा बढ़ जाता है जब लोग शराब, पान-मसाला और गुटखा जैसी चीज़ों का सेवन अधिक करते हैं। इसलिए ऐसे चीजों से दूर रहना चाहिए। हालांकि, ओरल प्रॉब्लम्स सिर्फ मुंह के कैंसर के लिए ही नहीं, बल्कि अन्य प्रकार के कैंसर का भी कारण बन सकता है। कई बार मसूड़ों की बीमारी के कारण गुर्दे के कैंसर, अग्नाशय का कैंसर और ब्लड कैंसर का जोखिम भी अधिक बढ़ जाता है।
ओरल प्रॉब्लम्स: तनाव (Anxiety)
दांतों की समस्या के कारण कई बार आपको तनाव भी हो सकता है। दर्द की वजह से तनाव के साथ-साथ चिड़चिड़ापन भी होने लगता है।
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