अगर आप से पूछा जाए कि लिव इन रिलेशनशिप क्या है? तो इसके बारे में आपकी क्या राय हो सकती है? इस सवाल पर अधिकतर लोगों की मानें, तो उनके नजरिए में लिव इन रिलेशनशिप हमारे देश भारत की परंपरा और संस्कृति के खिलाफ है। भारत में एक सभ्य समाज के लिहाज से, लिव इन रिलेशनशिप विदेशों की देन है, जो अब भारत के युवाओं को भी भ्रष्ट कर रही है।
लिव इन रिलेशनशिप (Live in relationship) क्या है?
लिव इन रिलेशनशिप का मतलब है जहां एक लड़का और लड़की बिना शादी के एक-दूसरे के साथ एक ही घर में रहते हैं। दोनों बिना शादी के किसी पति-पत्नी के तरह ही रहते हों। इस मुद्दे को लेकर पिछले कुछ सालों से देश में बहस भी छिड़ी हुई है। कुछ लोग इसे जायज कहते हैं, तो कुछ इसे नाजायज कहने से भी नहीं कतराते हैं। हालांकि, आज के आधुनिक दौर में लिव इन रिलेशनशिप का क्रेज युवाओं में बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इसके पीछे कई कारण भी हैं जिन्हें कई हद तक लोगों की नजरों में सही भी माना जाने लगा है।
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लिव इन रिलेशनशिप में रहने से पहले जरूर जानिए एक्सपर्ट की सलाह और अपने अधिकार
जानिए एक्सपर्ट की सलाह
इस बारे में दिल्ली के साकेत डिस्ट्रिक कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने हैलो स्वास्थ्य की टीम से बातचीत की। विशाल तिवारी की जानकारी के मुताबिक, लिव इन में रहने वाली महिला के पास वही अधिकार होते हैं, जो एक शादीशुदा महिला को मिले हुए हैं। हालांकि, इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना होता है।
जानिए क्या कहता है कानून
विशाल तिवारी ने बताया कि अगर कोई महिला एक साल या उससे अधिक समय से लिव इन रिलेशनशिप में रह रही है, तो उसके पास किसी विवाहिता के जैसे ही आधिकार हैं। लेकिन, अगर दोनों साथी के बीच किसी तरह का रिटेन एग्रीमेंट बना हुआ है, तो ये अधिकार उन पर लागू नहीं होते हैं। यानी, अगर लिव इन रिलेशनशिप शुरू करने से पहले ही कपल दोनों की सहमति से कोई रिटेन एग्रीमेंट बनाते हैं, तो वो उसी के तहत एक-दूसरे के रह सकते हैं और अलग भी हो सकते हैं।
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जानिए लिव इन रिलेशनशिप के फायदे
लिव इन रिलेशनशिप के कई फायदे हैं, जो युवाओं को कई तरह से आकर्षित कर रहें हैं।
- लिव इन रिलेशनशिप में रहने पर अधिकतर कपल्स धोखा और बेवफाई से बेफिक्र रहते हैं।
- लिव इन रिलेशनशिप में रहने के बाद आपको शादी करने के फैसले में काफी मदद मिल सकती है, क्योंकि आप अपने साथी को काफी करीब से जान सकते हैं।
- इस दौरान दोनों की साथी पूरी जिम्मेदारियों के साथ अपना-अपना रिश्ता निभा सकते हैं।
- लिव इन रिलेशनशिप में रहते हुए आप शादी के बंधन में बंध सकते हैं।
- अगर किसी साथी को रिश्ते से बाहर जाना होता है, तो वो बिना किसी बहस के बातचीत के जरिए इससे बहुत ही आसानी से बहर निकल सकते हैं।
- लिव इन इन रिलेशनशिप के दौरान दोनों साथी पूरी तरह से निजी रूप से आजाद होते हैं। उन पर सामाजिक या कानूनी तौर पर कोई बंधन नहीं रहता है।
- इस रिश्ते में रहते हुए दोनों लोग अपनी अपनी जिंदगी को निजी रूप से भी जी सकते हैं। जिम्मेदारियों का बोझ उनपर नहीं होता।
- लिव इन रिलेशनशिप में कानूनी रूप से भी अब वैध हो चुका है।
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जानिए लिव इन रिलेशनशिप के नुकसान
हालांकि, जहां लिव इन रिलेशनशिप के फायदे हैं। वहीं, इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैंः
- लिव इन रिलेशनशिप का यह मतलब नहीं होता कि कपल्स अपने इस रिश्ते को शादी का अंजाम देंगे।
- दोनों में से किसी एक साथी को अक्सर टूटे दिल का दर्द सहना पड़ सकता है।
- पार्टनर कब आपको छोड़ दे इस तरह का डर हमेशा बना रहता है।
- कई बार एक दूसरे के वर्क स्टाइल या कल्चर को न समझ पाने के कारण भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
- बहुत-से परिवार लिव इन के खिलाफ होते हैं, जिसकी वजह से अक्सर कपल्स को अकेले में ही रहना पड़ सकता है।
- दोनों साथी एक-दूसरे से बोर भी हो सकते हैं।
- कुछ लोग आज भी लिव इन में रहने के बाद अपने रिश्ते को समाज के सामने नहीं ला पाते। शादी से पहले पार्टनर्स के साथ रहने को सामाजिक रूप से स्वीकारना भी इसके लिए चुनौती बन सकती है। ऐसा होने पर कपल खुल के अपने रिश्ते को नहीं जी पाते।
- अगर लिव इन रिलेशनशिप में रहते हुए परिवार के दबाव के कारण किसी एक की शादी कहीं और हो जाती है, तो दूसरे के लिए कठिनाई हो सकती है।
- अगर महिला शादी से पहले साथ रहते हुए मां बन जाती है और पुरुष साथ बच्चे को अपनाने से मना कर दे तो बच्चे को अकेले संभालने की जिम्मेदारी के लिए महिला को तैयार रहना पड़ता है।
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इन बातों का रखें ध्यान
एक शादी-शुदा जिंदगी की ही तरह शादी से पहले साथ रहने के दौरान भी कई बातों का ख्याल रखना बहुत जरूरी हो सकता हैः
- लिव इन में रहने वाले कपल्स के लिए हिंदू मैरिज एक्ट, 1955 के तहत कानून बनाए गए हैं। इसके बारे में लिव इन में रहने से पहले हर कपल्स को इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए आप किसी वकील की भी मदद ले सकते हैं।
- सबसे पहले आपको चाहिए कि आप अपने साथी के साथ एक एग्रीमेंट करें, ताकि इस रिश्ते में कोई भी फैसला पूरी तरह से दोनों की मर्जी से ही लिया जाए।
- दोनों एक-दूसरे की आदतों को समझें।
- हर कोई एक जैसा नहीं होता है, इसलिए एक दूसरे को पर्सनल स्पेस देना बहुत जरूरी हो सकता है। अपने पार्टनर को पूरा स्पेस दें।
- इस दौरान आपको अपने सभी अधिकारों के बारे में जानकारी रखनी चाहिए।
- अगर आपका साथी आपकी मजबूरी या आपकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करता है, तो उसे रोकने की क्षमता रखें।
- अगर साथी पर भरोसा है, तभी शादी से पहले साथ मूव इन करने का फैसला लें।
- लिव इन में रहने से पहले साथी के परिवार, दोस्तों के बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर लें।
- आपसे पहले आपके साथी की निजी जिंदगी कैसी थी, इसके बारे में उनसे बात करना न भूलें।
याद रखें कि लिव इन रिलेशनशिप में रहने से पहले अपने परिवार से इसके बारे में बात करें। हो सकता है कि आपका परिवार आपके इस फैसले के खिलाफ हो जाए लेकिन, अगर आपका मन पक्का है तो, इस रिश्ते के लिए तो एक बार फिर से अपने इस फैसले के बारे में सोचें।