परिचय
कोहनी में फ्रैक्चर क्या है?
कोहनी में फ्रैक्चर वयस्कों और बच्चों में होने वाली बहुत सामान्य चोट है। कोहनी के जोड़ से अगर तीन में से एक या एक से अधिक हड्डियां टूट जाती हैं, तो उसे कोहनी में फ्रैक्चर कहा जाता है। कोहनी के फ्रैक्चर का सबसे सामान्य कारण है चोट लगना। हालांकि, कोहनी में फ्रैक्चर को अगर शुरुआत में पहचान लिया जाए और सही समय पर इसका उपचार कर लिया जाए, तो बाद की जटिलताओं और विकलांगता का जोखिम कम हो सकता है।
कोहनी तीन हड्डियों से बनी काम्प्लेक्स जोड़ है, जो इस प्रकार हैं:
- ह्यूमरस ऊपरी बांह में एक सिंगल हड्डी है जो कंधे से कोहनी तक जाती है।
- रेडियस और उल्ना।
- लिगमेंटस, मांसपेशियां और टेंडन कोहनी की स्थिरता बनाए रखते हैं और जोड़ो को हिलने में मदद करते हैं।
गंभीर चोट लगने पर जैसे फ्रैक्चर होने पर कोहनियों और हड्डियां डैमेज हो सकती हैं, जिससे उन्हें हिलने, ब्लड वेसल और नसों को काम करने में समस्या होती है। बच्चों को अगर फ्रैक्चर होता है तो यह उनके विकास को प्रभावित कर सकता है।
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लक्षण
कोहनी में फ्रैक्चर के क्या लक्षण हैं?
अगर आपको अपनी कोहनी में यह लक्षण दिखाई दें, तो हो सकता है कि आपकी कोहनी में फ्रैक्चर है या ऐसी कोई चोट लगी है जिसे तुरंत मेडिकल मदद की आवश्यकता है:
- कोहनी के ठीक ऊपर या नीचे या कोहनी में ही सूजन का होना।
- कोहनी के पास के भाग या कोहनी की बनावट का बिगड़ना।
- कोहनी का डिस्कलोरेशन, कोहनी में नील पड़ना या लाल होना।
- कोहनी को हिलाने में मुश्किल होना।
- अगर आपकी कोहनी, हाथ या उंगलियां सुन्न हों। तीन प्रमुख नसें-मध्यिका, रेडियल और उलनार तंत्रिका-आपकी कोहनी से होकर जाती हैं। एक गंभीर चोट इन नसों को नुकसान पहुंचा सकती है।
- चोट के बाद कोहनी पर एक कट या खुला घाव।
- कोहनी की चोट के बाद गंभीर दर्द।
- कोहनी को छूने पर सख्त महसूस होना।
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कारण
कोहनी में फ्रैक्चर का क्या कारण हो सकता है?
कोहनी के फ्रेक्चर के यह कारण हो सकते हैं:
- कोहनी के भार गिरना।
- किसी भारी चीज़ से कोहनी पर लगना जैसे किसी बैट या दरवाजे से लगना।
- पीछे की तरफ गिरना जैसे स्केट्स से।
- गाडी या बाइक से गिरना या एक्सीडेंट होने पर आपकी कोहनी का एकदम जोर से किसी चीज़ से टक्कर होना।
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जोखिम
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- बच्चों की छोटी उम्र में विकास होता है और बच्चों की हड्डियां भी कमजोर होती है ऐसे में अगर बच्चों की कोहनी में फ्रैक्चर होता है तो उनके विकास में इसका प्रभाव पड़ सकता है।
- उम्र के बढ़ने के साथ ही हड्डियां भी कमजोर होने लगती हैं। ऐसे में अगर बुजुर्गों की कोहनी में फ्रैक्चर हो जाता है तो वो एक जोखिम भरा हो सकता है और उसे जुड़ने में भी अधिक समय लग सकता है।
- अगर आप कोहनी या कोहनी के आसपास का हिस्सा नीला, पर्पल या काले रंग का हो इसका अर्थ है कि आपकी कोहनी में ब्लीडिंग हो रही है। वहीं लाल रंग इन्फेक्शन का संकेत हो सकता है। इस केस में आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
- अगर आपकी बाज़ू सुन्न हो जाए या उसमे आपको झुनझुनी महसूस हो। आपकी कलाई, हाथ या उंगलियां कुछ भी न महसूस कर पा रही हों और आप उसे बिलकुल भी न हिला पा रहे हों तो ऐसे में भी आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
- अगर आपको रंग के साथ-साथ कलाई, हाथ या कोहनी के तापमान में भी परिवर्तन महसूस हो तो भी यह चिंता का कारण हो सकता है। यही नहीं, अगर आपकी कलाई या हाथ पीले या ठंडे हों तो हो सकता है कि आपकी कोहनी में रक्त प्रवाह न हो पा रहा हो।
उपचार
कोहनी में फ्रैक्चर का उपचार क्या है?
- कोहनी में फ्रैक्चर होने की स्थिति में डॉक्टर सबसे पहले रोगी की पूरी हेल्थ हिस्ट्री के बारे में जानेंगे। डॉक्टर रोगी से पहले हुई सर्जरी, बिमारियों या दवाईयों आदि के बारे में पूछ सकते हैं।
- डॉक्टर रोगी की शारीरिक जांच करेंगे। चोट लगी बाजू को जांचा जाएगा इसके साथ ही डॉक्टर रोगी के दिल, फेफड़ों, पेट, सिर, कमर की जांच भी कर सकते हैं। इस जांच से इस बात को सुनिश्चित किया जाता है कि कई चोट अधिक गंभीर तो नहीं है।
- डॉक्टर कोहनी का X-रे कराने के लिए कह सकते हैं। यह कोहनी का X-रे आगे और पीछे दोनों तरफ से लिया जाएगा। यही नहीं, दो अलग-अलग एंगल्स इसे इन्हे लिया जा सकता है। इसके साथ अन्य लेबोरेटरी टेस्ट भी कराये जा सकते हैं।
- अधिक गंभीर स्थिति में अल्ट्रासाउंड CT scan, और MRI आदि भी कराये जा सकते हैं।
- हालांकि. कोहनी के टूटने पर अधिक लैब टेस्ट नहीं कराये जाते। अगर रोगी कोई खास दवाई ले रहा हो या टूटी हुई कोहनी को ठीक करने के लिए ऑपरेशन की आवश्यकता हो तो लैब टेस्ट कराये जा सकते हैं।
दवाईयां
- एसिटामिनोफेन जैसी दवाईयां दर्द को दूर करने के लिए प्रयोग की जाती हैं। डॉक्टर से पूछे बिना इस दवाई को न लें। एसिटामिनोफेन की अधिक मात्रा में प्रयोग से लिवर में समस्या हो सकती है।
- NSAIDs , जैसे आइबूप्रोफेन सूजन, दर्द और बुखार को दूर करने में सहायक हैं। लेकिन यह दवाईयां कुछ लोगों में पेट की ब्लीडिंग या किडनी में समस्याओं का कारण बन सकती हैं। अगर आप ऐसी दवाईयां ले रहे हैं जो खून को पतला करनी हैं तो हमेशा NSAIDs दवाईयों को लेने से पहले डॉक्टर को पूछ लें।
- आपकी बाजू की मूवमेंट को कम करने के लिए डॉक्टर आपको स्लिंग, ब्रेस या कास्ट आदि की सलाह दे सकते हैं। इसमें आप अपनी टूटी हुई बाजू को एक जगह पर रख सकते हैं ताकि आपको दर्द कम हो और अधिक नुकसान से बचा जा सके।
- हड्डियों को उनकी सामान्य स्थिति में रखने के लिए पिंस, तार या स्क्रू के साथ सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। यदि आपको कोई और चोट भी लगी है, जैसे कि नर्व या ब्लड वेसल डैमेज, तो भी सर्जरी की जा सकती है।
घरेलू उपचार
कोहनी में फ्रैक्चर का घरेलू उपचार क्या है?
- जब चोट लगे तो जब तक मेडिकल मदद न मिले तब तक बैंडेज से घाव को कवर करें। अगर रोगी के खून निकल रहा हो तो उस जगह पर दबाब बनाये।
- सूजन वाली जगह पर आइस पैक लगाएं इससे पीड़ित को राहत मिलेगी।
- कोहनी के फ्रैक्चर की सूरत में रोगी को कम से कम अपनी कोहनी को हिलाना होता है। ऐसे में एक गत्ते के डिब्बे को सही साइज या शेप में काट कर इसे स्लिंग के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।
- टूटी हुई हड्डी को सीधा करने की कोशिश न करें। केवल डॉक्टर को ही ऐसा करने दें। इसके साथ ही टूटी हड्डी को अपनी पुरानी स्थिति में ले जाने की कोशिश न करें। विकृत दिखाई देने वाली बाजू को एडजस्ट करने से कोहनी के भीतर हड्डियों या अन्य संरचनाओं को नुकसान पहुंचा सकता है।