के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान दर्द होना एक आम समस्या है। ज्यादातर महिलाओं को अपने जीवन में कई बार सेक्स के दौरान हल्का या गंभीर दर्द महसूस होता है। यह शारीरिक, मानसिक एवं मनोवैज्ञानिक समस्याओं सहित कई अन्य कारणों से होता है।
सेक्स से जुड़ी समस्याएं शादीशुदा जीवन को प्रभावित करती हैं और रिश्तों पर भी असर डालती हैं। हालांकि सिर्फ महिलाओं को ही नहीं बल्कि पुरुषों को भी यौन समस्याएं होती हैं लेकिन डिस्पेरुनिया एक ऐसी समस्या है जो अक्सर महिलाओं में पायी जाती है।
इंटरकोर्स से ठीक पहले, सेक्स के दौरान या बाद में जननांगों में होने वाले दर्द को डिस्पेरुनिया कहते हैं। इसमें कई बार शारीरिक संबंध बनाने के दौरान तेज दर्द होता है तो कई बार संबंध बनाने के बाद। आमतौर पर सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान महिला की योनि,क्लिटोरिस और लेबिया में तेज दर्द महसूस होता है जिससे यौन जीवन प्रभावित होता है।
हालांकि डिस्पेरुनिया को इलाज से ठीक किया जा सकता है और एक स्वस्थ यौन जीवन जिया जा सकता है। अगर समस्या सी जद बढ़ जाती है तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है । इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं ,जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।
डिस्पेरुनिया एक कॉमन डिसॉर्डर है। पूरी दुनिया में लाखों महिलाएं डिस्पेरुनिया से पीड़ित हैं। सेक्सुअली एक्टिव होने के बाद डिस्पेरुनिया किसी भी उम्र में प्रभावित कर सकता है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
डिस्पेरुनिया शरीर के कई सिस्टम को प्रभावित करता है। डिस्पेरुनिया से पीड़ित महिला में प्रायः वेजाइनल ओपनिंग, पेल्विस और योनि के अंदर दर्द होता है। डिस्पेरुनिया का दर्द हल्का, मध्यम या तेज हो सकता है। जिसके कारण ये लक्षण सामने आने लगते हैं :
कभी-कभी कुछ लोगों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और अचानक से कुछ समय के लिए संभोग के दौरान योनि में तेज सनसनाहट होती है।
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर डिस्पेरुनिआ अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें। यदि सेक्स के दौरान या सेक्स के बाद लगातार कई दिनों तक दर्द महसूस होता है जिससे यौन जीवन प्रभावित हो रहा हो या शारीरिक संबंध बनाने में डर लगता हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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अधिकांश महिलाओं में वेजाइनल ल्यूब्रिकेशन की कमी के कारण सेक्स के दौरान दर्द या डिस्पेरुनिया की समस्या होती है। पर्याप्त फोरप्ले न करने से योनि ल्यूब्रिकेट नहीं हो पाती है जिससे इंटरकोर्स के दौरान दर्द होता है। मेनोपॉज या डिलीवरी के बाद और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में एस्ट्रोजन का लेवल घट जाता है जिसके कारण सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान दर्द होता है। सिर्फ इतना ही नहीं एंटीडिप्रेसेंट, हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं,सेडेटिव एंटीहिस्टामिन और बर्थ कंट्रोल पिल्स के कारण भी डिस्पेरुनिया हो सकता है। इसके अलावा निम्न कारणों से भी सेक्स के दौरान योनि में दर्द होता है:
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जैसा कि पहले ही बताया गया कि डिस्पेरुनिया एक आम समस्या है जो अधिकांश महिलाओं को होती है। यह कई कारणों से होती है इसलिए समय पर इलाज न करने से भविष्य में गंभीर समस्या हो सकती है और सेक्स लाइफ पर इसका असर पड़ सकता है। योनि में ड्राइनेस और इंफेक्शन लगातार बने रहने से यौन इच्छा प्रभावित हो सकती है और प्रेगनेंसी पर भी इसका असर पड़ सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
डिस्पेरुनिया का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का पारिवारिक इतिहास भी देखते हैं। इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :
इसके अलावा डिस्पेरुनिया के निदान के लिए डॉक्टर मरीज से कुछ सवाल पूछते हैं।जैसे कि सेक्स के दौरान कब और कहां दर्द महसूस होता है, किस पोजीशन में दर्द होता है, सबसे अधिक दर्द जननांग के किस हिस्से में होता है, दर्द कितने समय तक रहता है इत्यादि। कई बार डिस्पेरुनिया के लक्षणों और इससे जुड़े सवालों के जवाब के आधार पर ही इसका बेहतर निदान हो जाता है।
डिस्पेरुनिया को इलाज से ठीक किया जा सकता है। इस समस्या का इलाज बीमारी के कारणों और दर्द की गंभीरता पर निर्भर करता है। कुछ थेरिपी और दवाओं से व्यक्ति में डिस्पेरुनिया के असर को कम किया जाता है। डिस्पेरुनिया के लिए कई तरह की मेडिकेशन की जाती है :
इसके अलावा कुछ मरीजों को सेक्स थेरिपी भी दी जाती है जिसमें सेक्स के दौरान पर्याप्त फोरप्ले करना, पार्टनर के साथ सेक्सुअल बातें करना, सेक्स पोजीशन पर बात करना और पार्टनर के साथ अच्छे तरह से कम्युनिकेट करना और बिहेवियर ठीक रखना आदि सीखाया जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं वेजाइनल यीस्ट इंफेक्शन को कम करने के लिए एंटीफंगल दवाएं दी जाती है जबकि यूरिनरी ट्रैक्ट में संक्रमण और यौन संचारित रोगों को दूर करने के लिए एंटीबायोटिक दवा दी जाती है। योनि में सूजन को कम करने से सही पोजीशन में बैठकर गुनगुने पानी से नहाना भी फायदेमंद होता है।
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अगर आपको डिस्पेरुनिया है तो आपके डॉक्टर सेक्स के दौरान अच्छी क्वालिटी का ल्यूब्रिकेंट इस्तेमाल करने के लिए बताएंगे और जननांगों की साफ सफाई रखने की सलाह देंगे। इस समस्या से पीड़ित महिलाओं को टाइट अंडरगारमेंट्स नहीं पहनना चाहिए और यौन संचारित रोगों से बचने के लिए सुरक्षित सेक्स करना चाहिए। इसके साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी और ताजे फलों के जूस का सेवन करना चाहिए और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना चाहिए। इस दौरान निम्न फूड्स का सेवन करना चाहिए:
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
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हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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