जानें मूल बातें
मोल्लुसकम कंटेजियोसम (Molluscum contagiosum) किसे कहते हैं?
मोल्लुसकम कंटेजियोसम यह एक प्रकार का संक्रमण है जो त्वचा की ऊपरी परत पर वायरस के कारण होता है। इस संक्रमण से त्वचा पर लाल या मोती जैसे पिंपल्स या नोडल्स आते हैं। इसका संक्रमण गुप्तांग को होने पर उसे सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिसीज (STD) कहते हैं।
मोल्लुसकम कंटेजियोसम (Molluscum contagiosum) कितना सामान्य है?
ये बीमारी ज्यादातर छोटे बच्चों में (लड़कों में) और युवा वयस्कों में काफी आम है। वयस्कों में ये बीमारी एसटीडी द्वारा फैलती है। साथ ही बाकि मामलों में यह कमजोर इम्यून सिस्टम्स या अन्य संक्रमित बीमारियों के कारण होती है।
जानिए इसके लक्षण
मोल्लुसकम कंटेजियोसम (Molluscum contagiosum) के लक्षण क्या हैं?
इस बीमारी में त्वचा पर छोटे पिंपल्स आते हैं। यह विकार शरीर के कुछ अंगो को प्रभावित करता है, जैसे कि चेहरा, पलकें, अंडरआर्म्स और जांघ। हालांकि, ये पिंपल्स हाथ कि हथेलियां, पैरों के तलवें और मुंह में नहीं आते हैं। ये पिंपल्स 2 to 5 मिलीमीटर चौड़े होते हैं और उसके केंद्र में गहरा होता है। आमतौर इनमें कोई सूजन और लालिमा नहीं होती है जब तक कि आप घावों को छेड़ते या उन्हें खरोंच नहीं पहुंचाते हैं। घावों के कारण वायरस एक लाइन या समूहों में फैल जाते हैं, जिन्हें फसल कहा जाता है।।
यदि ये बीमारी पलकों पर दिखाई देती है, तो बैक्टीरिया आंखों में फैल सकता है। साथ ही पिंकआय के लक्षण पैदा कर सकता है। यह बीमारी कई हफ्तों के बाद अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन कुछ पिंपल्स महीनों तक रह सकते हैं। वे आमतौर पर निशान नहीं छोड़ते हैं।
सभी लक्षण ऊपर नहीं दिए गए हैं। अगर आपको किसी लक्षण के बारे में कोई परेशानी है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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मुझे अपने डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर ऊपर दिए गए लक्षणों में से कोई लक्षण आपको महसूस हो रहे हैं तो अपने डॉक्टर से जरूर बात करें। हर किसी का शरीर अलग तरह से काम करता है। अपने डॉक्टर के साथ चर्चा करे और कौनसा सुझाव और उपचार आपके लिए ठीक है यह तय करें।
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जानिए इसके कारण
मोल्लुसकम कंटेजियोसम (Molluscum contagiosum) के क्या कारण हैं?
मोल्लुसकम कंटेजियोसम मोल्यूस्कम कॉन्टैगिओसम वायरस (molluscum contagiosum virus, MCV)) के कारण होता है, जो पॉक्स वायरस फैमिली का हिस्सा है। एमसीवी से संक्रमण तब होता है, जब वायरस त्वचा की सतह में एक छोटे से छोटे गैप में जाता है। बहुत से लोग, जो वायरस के संपर्क में आते हैं, उनके अंदर इसके खिलाफ इम्यूनिटी होती है और उनके अंदर इस वायरस का विकास नहीं होता। इस वायरस के लिए इम्यूनिटी न होने वालों में इंफेक्शन के बाद आमतौर पर दो से सात सप्ताह तक ग्रोथ दिखाई देती है।
एमसीवी वायरस गर्म, ह्यूमिड क्लाइमेट में और उन क्षेत्रों में पनपता है, जहां लोग बहुत पास-पास घरों में रहते हैं। ये वायरस सीधे संपर्क से फैलता है या तो किसी और की संक्रमित त्वचा या कपड़ों जैसे संक्रमित वस्तुओं को छूने से होता है। इसके अलावा, यह वायरस यौन संपर्क के माध्यम से भी फैल सकता है। एक बार अगर मोल्लुसकम कंटेजियोसम हो जाए, तो यह शरीर के एक अंग से दूसरे अंग में आसानी से फैल सकता है। बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम एक जगह से दूसरी जगह फैलने का मुख्य कारण है उस दाने को खुजलाना। एक जगह खुजली करके दूसरी जगह खुजलाना इसके फैलने का मुख्य कारण है।
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किन चीजों के कारण मोल्लुसकम कंटेजियोसम का खतरा बढ़ सकता है?
ये बीमारी ज्यादातर कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण होती हैं। साथ ही एटोपिक डर्मेटाइटिस की सूजन वाले बच्चों में इसका संक्रमण ज्यादा हो सकता है। यहां कुछ जोखिम नहीं दी गई है और जो दी गई है वो केवल संदर्भ के लिए हैं। ज्यादा जानकारी के लिए डॉक्टर से चर्चा करें।
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निदान और उपचार
नीचे दी गई जानकारी किसी भी वैद्यकीय सुझाव का पर्याय नहीं है, इसलिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
मोल्लुसकम कंटेजियोसम का निदान कैसे करते हैं?
हेल्थ केयर प्रोवाइडर सबसे पहले मेडिकल हिस्ट्री, ब्लड टेस्ट और फिजिकल टेस्ट द्वारा प्रारंभिक निदान करते हैं। अंतिम निदान खून में सफेद ब्लड सेल्स पर आधारित होता है। इसकी जांच एक ब्लड स्पेशलिस्ट (जिसे हेमटोलॉजिस्ट कहते हैं) करेगा।
मोल्लुसकम कंटेजियोसम (Molluscum contagiosum) का उपचार कैसे करते हैं?
ये बंप्स अपने आप ठीक हो सकते हैं। लेकिन अक्सर लोगों ऐसा उपचार करते हैं, जिससे वायरस किसी अन्य व्यक्ति को संक्रमित न हो या शरीर के अन्य भागों में न फैले। उपचार में लेजर फ्रीजिंग या स्क्रैपिंग का उपयोग करके बंप्स को निकाला जाता है। कभी-कभी इस इलाज से शरीर पर निशान रह सकते हैं। इसलिए, डॉक्टर बंप्स को खत्म करने के लिए विशेष औषधीय त्वचा क्रीम का उपयोग कर सकते हैं।
अगर ऐसे बंप्स वापस आने लगें तो ये इलाज दोहराया जा सकता है। साथ ही, लोगों को यह संक्रमण एक से अधिक बार हो सकता है। दूषित हाथ तौलिये या अन्य व्यक्तिगत वस्तुओं को शेयर करने और संक्रमण वाले किसी व्यक्ति के साथ संपर्क रखना से हो सकता है।
जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार
क्या कुछ घरेलू उपचार या जीवन शैली के बदलाव से ये बीमारी ठीक हो सकती है?
नीचे दिए गए कुछ घरेलू नुस्खे और बदलाव आपके इस बीमारी को ठीक करने में मददगार साबित होंगे:
- अपने डॉक्टर द्वारा दिए गए उपचारों का पालन करें:
- अपने स्वस्थ्य कि प्रगति और अन्य लक्षणों कि निगरानी के लिए हमेशा अपने अपॉइंटमेंट्स को फॉलो अप करें।
- वायरस न फैले इसलिए के लिए प्रभावित त्वचा को कपड़ों या पट्टी से साफ करें।
- जब तक बंप्स ठीक नहीं हो जाते तब तक दूसरे व्यक्ति के साथ हाथ तौलिए शेयर न करें
- अपनी त्वचा पर दानों को न छेड़ें और अपने शरीर के अन्य हिस्सों को स्पर्श न करें। इस तरह से वायरस फैल के और बैक्टीरिया का इंफेक्शन हो सकता है।
- जब तक आप ठीक न हो जाएं, सेक्शुअल एक्टिवटी न करें।
- रैश को छूंए, खरोंचे या रगड़ें नहीं।
- साबुन और पानी से हाथ धोएं।
- जिस एरिया में रैश दिखते हैं, उसको साफ रखें।
- जहां पर यह रैश दिखता है उसको कपड़े से ढकें
- रैश को ढकने के लिए इस्तेमाल किए गए कपड़े को साफ रखें
- अगर आपकी त्वचा ड्राई है, तो उसको माश्चराइज करें
- संक्रमण रोकने के लिए साबुन से हाथ धुलवाएं
- पानी में खेलने वाले खिलौने भी शेयर ना करें
- स्किन पर होने वाले रैश को ना छूएं