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Muscular dystrophy : मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/12/2021

Muscular dystrophy : मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी क्या है?

परिचय

मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी (Muscular dystrophy) क्या है?

मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी मांसपेशियों की एक ऐसी बीमारी है, जिसमें मांसपेशियों के समूह धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगते हैं। ऐसा होने पर मरीज को चलने, उठने-बैठने में परेशानी होने लगती है। मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी (Muscular dystrophy) या मांसपेशियों की बीमारी कई तरह की होती हैं। लड़कों में बचपन या बढ़ती उम्र से ही यह समस्या शुरू हो सकती है।

  •  डुशेन मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी) सबसे सामान्य है, अधिकांश रोगियों में 12 साल की उम्र से चलने में परेशानी होने लगती हैं।
  • डेजेरिन मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी या मांसपेशियों की बीमारी की समस्या होने पर पैरालिसिस (Paralysis)  का खतरा बढ़ जाता है।
  • मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी (Muscular dystrophy) अलग-अलग तरह के होते हैं। जैसे-

    डचेन मस्कुलर डिस्ट्रोफी (Duchenne muscular dystrophy)- बीमार पड़ने का यह सबसे सामान्य कारण है। यह प्रायः 5 साल से कम उम्र के बच्चों में होती है और यह परेशानी तेजी से बढ़ती जाती है। कई बच्चे तो 12 साल की उम्र में ही चलने में असमर्थ हो जाते हैं। ऐसे बच्चों को बढ़ती उम्र में काफी शारीरिक परेशानियों (Physical problem) का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी सांस लेने में भी परेशानी हो सकती है।

    बेकर मस्कुलर डिस्ट्रोफी (Becker muscular dystrophy)- डचेन मस्कुलर डिस्ट्रोफी (Muscular dystrophy) की तरह ही बेकर मस्कुलर डिस्ट्रोफी भी है। सिर्फ यह डचेन मस्कुलर डिस्ट्रोफी की तुलना में धीरे-धीरे विकसित होता है।

    मायोटोनिक मस्कुलर डिस्ट्रोफी (Myotonic muscular dystrophy)- यह परेशानी अलग-अलग व्यक्तियों में अलग-अलग होती है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है। इस बीमारी के दौरान पैर, हाथ, चेहरे, दिल की बीमारी, और मोतियाबिंद (Cataract) जैसी परेशानी हो सकती है। कुछ पुरुषों में इस बीमारी के कारण बाल भी झड़ जाते हैं।

    कॉनजेनाइटल (Congenital)- यह परेशानी जन्म के समय से ही या दो वर्ष की आयु से शुरू हो सकती है। यह परेशानी लड़के और लड़कियों दोनों में हो सकती है। बच्चों में यह परेशानी धीरे-धीरे बढ़ने लगती है।

    एफएसएचडी (Facioscapulohumeral)- FSHD की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन, सबसे ज्यादा टीनेज इस समस्या से पीड़ित होते हैं। FSHD की समस्या होने के दौरान मसल्स कमजोर होने लगते हैं और इसकी शुरुआत चेहरे और कंधे से होती है। FSHD से पीड़ित व्यक्तियों के सोने के दौरान और गहरी नींद (Sound sleep) के समय में भी आंखें हल्की खुली होती हैं।

    लिंब-गिर्डल (Limb-girdle)- चाइल्डहुड के दौरान या टीनेज में इसकी परेशानी होती है। सबसे पहले इसका नकारात्मक प्रभाव शोल्डर, और हिप मसल्स पर पड़ता है। कुछ लोगों को पैर के सामने वाले हिस्से में परेशानी शुरू हो सकती है।

    ओकियोफरेंजियल मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (Oculopharyngeal muscular dystrophy)- ओकियोफरेंजियल मस्कुलर डिस्ट्रॉफी 40 साल से 70 साल के उम्र के बीच के लोगों में होने वाली परेशानी है। इस दौरान आंखों की पलकें, गला और चेहरा सबसे पहले प्रभावित होता है।

    कितनी सामान्य है मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी (Muscular Dystrophy) की बीमारी?

    यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी या मांसपेशियों की बीमारी पर अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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    लक्षण

    मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Muscular dystrophy)

    मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी (Muscular dystrophy) के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। मांसपेशियों का सिर्फ एक खास ग्रुप या पेल्विस, शोल्डर या फेस के आसपास के हिस्सों में यह हो सकता है।

    इसके कुछ निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:

    • मांसपेशियों (Muscles) का कमजोर पड़ना। कमजोर मांसपेशियों की वजह से उठने-बैठने और चलने में भी परेशानी हो सकती है।
    • बार-बार गिरना।
    • लार टकपना।
    • पैर के मसल्स का बड़ा होना।
    • मानसिक परेशानी (Mental problem) होना।
    • अत्यधिक पलक झपकना।

    इन लक्षणों के अलावा और भी लक्षण हो सकते हैं। इसलिए अपनी परेशानी डॉक्टर से अवश्य बताएं।

    हमें डॉक्टर से कब मिलना चाहिए?

    परेशानी महसूस होने पर डॉक्टर से जल्द से जल्द संपर्क करना चाहिए। यह भी ध्यान रखें कि आपके परिवार में कोई इसी बीमारी से पीड़ित तो नहीं, अगर ऐसा है तो आप भी इसका शिकार हो सकती हैं।

    कारण

    मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी किन कारणों से होती है? (Cause of Muscular dystrophy)

    कुछ जीन प्रोटीन (Protein) बनाने में शामिल होते हैं, जो मांसपेशियों को नुकसान से बचाते हैं। मांसपेशियों में डिस्ट्रॉफी (Muscular dystrophy) तब होती है जब इनमें से किसी जीन में विकार मौजूद हो।

    जेनेटिक म्यूटेशन की वजह से मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी (Muscular dystrophy) की बीमारी होती है। लेकिन, कभी-कभी मां के गर्भ में पल रहे शिशु (भ्रूण) को उसी वक्त से होता है।

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    खतरा

    किन कारणों से बढ़ सकता है मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी का खतरा? (Risk factor of Muscular dystrophy)

    निम्न कारणों की वजह से बढ़ सकती है मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी (Muscular dystrophy) की समस्या:

    • उम्र: डचेन मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी प्रायः लड़कों में होता है।
    • ब्लड रिलेशन: अगर परिवार (ब्लड रिलेशन) में मस्क्युलर डिस्ट्रोफी (Muscular dystrophy) है, तो ऐसे में इसका खतरा बढ़ जाता है।

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    निदान और उपचार

    दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

    मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Muscular Dystrophy)

    डॉक्टर इलाज शुरू करने से पहले बॉडी चेकअप करते हैं और फैमली हिस्ट्री भी जानना चाहते हैं। चेकअप के दौरान मरीज का एलेक्ट्रोमायोग्राफी (EMG), अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) और इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी (ECG) भी करते हैं। नर्वस और मसल्स ठीक तरह से काम कर रहें हैं या नहीं इसकी जानकारी EGM से आसानी से मिल जाती है। कुछ रिसर्च के अनुसार जेनेटिक टेस्ट और ब्लड टेस्ट (Blood test) से क्रिएटिन किनेज (CK) एंजाइम्स से जुड़ी जानकारी भी मिलती है।

    मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for Muscular Dystrophy)

    मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी के लिए कोई खास इलाज नहीं है। लेकिन, लक्षणों को समझकर इसका इलाज किया जाता है। इन उपचारों में शामिल हैं:

    • फिजिकल थेरिपी
    • कभी-कभी रीढ़ या पैर की सर्जरी करनी पड़ सकती है।
    • जरूरत पड़ने पर ब्रैसिज, वॉकर या व्हीलचेयर की मदद ली जा सकती है।
    • मुंह से लिया जाने वाला कॉर्टिकोस्टेरॉइड (Corticosteroid) कभी-कभी कुछ मांसपेशियों में होने वाली मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी (Muscular dystrophy) से ग्रस्त बच्चों को दिया जा सकता है, जिससे वह लंबे वक्त तक चल सकते हैं।

    जीवनशैली में बदलाव और घरेलू नुस्खे

    निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी से निपटने में मदद कर सकते हैं:

    • जितना संभव हो उतना सक्रिय रहें। एक्टिव रहने से शारीरिक परेशानी दूर होती है। डॉक्टर अगर बेड रेस्ट की सलाह दें तभी ऐसा करें।
    • आहार में हाई फाइबर (High fiber), हाई प्रोटीन (High protein) का सेवन करें और कैलोरी की मात्रा कम करदें।
    • मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी के बारे में ज्यादा से ज्यादा जाने, जिससे आप बीमारी को समझते हुए अपना ख्याल रख सकते हैं।

    अगर आप मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी (Muscular dystrophy) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

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    Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/12/2021

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