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प्रोटीन सप्लिमेंट्स लेना सही या गलत? आप भी हैं कंफ्यूज्ड तो पढ़ें ये आर्टिकल

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 19/10/2021

    प्रोटीन सप्लिमेंट्स लेना सही या गलत? आप भी हैं कंफ्यूज्ड तो पढ़ें ये आर्टिकल

    दूसरे लोगों की तरह ही मुझे भी हमेशा ऐसा लगता था कि प्रोटीन सप्लिमेंट्स (Protein supplements) लेना सही नहीं होता है। इससे बॉडी को नुकसान पहुंचता है। लोग बॉडी बनाने के लिए इन सप्लिमेंट्स का यूज करते हैं। यहां तक कि मुझे ये भी लगता था कि लोग इन सप्लिमेंट्स का यूज करके फूल जाते हैं, लेकिन जब मैंने इस विषय पर थोड़ा विस्तृत (मेरे लिए) अध्ययन किया और डॉक्टर, एथलीट और स्पोर्ट कोच से बात की तो पूरा मामला क्लियर हुआ। आप भी जानिए प्रोटीन सप्लिमेंट्स (Protein powder) लेना सही या गलत?

    सबसे पहले मैंने इस बारे में डॉक्टर से बात करना सही समझा। इसके लिए मैंने मुंबई के एमबीबीएस डॉक्टर मयंक खंडेलवाल से बात की।

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    क्या प्रोटीन सप्लिमेंट्स (Protein supplements) लेना गलत है?

    डॉक्टर- नहीं, प्रोटीन सप्लिमेंट्स लेना गलत नहीं है। बॉडी की प्रॉपर फंक्शनिंग के लिए प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा जरूरी है। लेकिन परेशानी तब आती है, जब प्रोटीन सप्लिमेंट्स के साथ स्टेरॉइड को मिक्स कर दिया जाता है। लंबे समय तक स्टेरॉइड मिक्स प्रोटीन लेने से बॉडी को कई नुकसान होते हैं। यह सीधे-सीधे किडनी को हार्म करते हैं। अगर एक आम आदमी बॉडी बनाने या बॉडी में प्रोटीन की कमी के चलते प्रोटीन सप्लिमेंट्स लेना चाहता है, तो वो ऐसा कर सकता है, लेकिन उसे डॉक्टर से इसके बारे में कंसल्ट जरूर करना चाहिए। ताकि इसे कब और कितना प्रोटीन लेना है इस बारे में सही जानकारी मिल सके।

    एक आम इंसान को कितने प्रोटीन (Protein) की जरूरत होती है?

    डॉक्टर- एक आम इंसान को पर किलो ग्राम पर एक ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है। यानी यदि किसी का वजन 60 किलोग्राम है तो उसे 60 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होगी। बता दें कि बॉडी के लिए प्रोटीन बेहद जरूरी है। इसकी कमी से स्किन प्रॉब्लम्स जैसे ड्रायनेस, रिंकल्स प्रॉब्लम्स, थकान, चक्कर आना, दुबलापन, एडिमा (स्वैलिंग) आदि परेशानियां हो सकती हैं।

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    स्टेरॉइड (Steroid) युक्त प्रोटीन सप्लिमेंट्स (Protein supplements) से क्या नुकसान होते हैं?

    डॉक्टर- इसके जितने नुकसान बताए जाएं उतने कम हैं। लगातार स्टेरॉइडयुक्त प्रोटीन का यूज करने से ऑस्टियोपरोसिस (बोन गलना), और किडनी डैमेज जैसी प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। इसके अलावा मसल्स वीक होने के साथ ही कई तरह की फिजिकल प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। लगातार स्टेरॉइड लेने से बॉडी एडिक्टेट हो जाती है फिर अचानक इसका सेवन बंद करने से बॉडी इम्बैलेंस होने लगती है।

    इसके बाद मैंने खिलाड़ियों के लिए इसकी कितनी उपयोगिता है जानने के लिए दिल्ली पब्लिक स्कूल भोपाल के हेड स्विमिंग कोच, फिना क्वालिफाइड रैफरी, आईटीयू लेवल-1 और पूर्व कैप्टन मनोज झा से बात की।

    मैं खिलाड़ियों को प्रोटीन सप्लिमेंट्स लेने की सलाह देता हूं, लेकिन

    शरीर के लिए कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन, मिनरल्स और पानी बहुत जरूरी होता है। प्रोटीन का काम होता है मसल्स को रिपेयर करना। वह एनर्जी देने का काम नहीं करता। स्पोर्टमेन को इसकी ज्यादा जरूरत होती है। प्रोटीन नॉनवेज, डायटरी प्रोडटक्स, अंडा और दाल से भी प्राप्त किया जा सकता है, लेकिन कई बार लोग शॉर्टकट अपनाने के लिए प्रोटीन सप्लिमेंट्स (Protein supplements) का यूज करते हैं। दूसरी बात ये भी है कि आजकल प्रोटीन सप्लिमेंट्स के नाम पर कुछ भी दिया जा रहा है, जो बॉडी को नुकसान पहुंचाता है। साल 2018 की एक स्टडी के अनुसार बेस्ट सेलिंग प्रोटीन पाउडर्स में हैवी मेटल्स जैसे लेड, कैडमियम और अर्सनिक पाए गए। मैं अपने खिलाड़ियों को प्रोटीन सप्लिमेंट्स रिकमंड करता हूं, लेकिन वे सर्टिफाइड और बेहतर क्वालिटी के होने चाहिए। मैं ज्यादातर उन्हीं प्रोडक्ट्स को रिकमंड करता हूं जिन्हें मैं खुद खेलने के दौरान यूज करता था।

    प्रोटीन सप्लिमेंट्स (Protein supplements)

    70 प्रतिशत प्रोडक्ट्स फेल हुए

    खिलाड़ियों को प्रोटीन प्रोडक्ट्स देने से पहले उन प्रोडक्ट्स का लैब टेस्ट करवाया था। जिनमें से 70% प्रोडक्ट्स फेल हुए। उनमें कैफीन की अधिक मात्रा और हानिकारक कंपाउंड पाए गए। प्रोटीन सप्लिमेंट्स लेने पर वर्कआउट करना जरूरी होता है। अगर आप सप्लिमेंट्स ले रहे हैं और वर्कआउट नहीं कर रहे हैं, तो इसका असर किडनी पर होगा। इसलिए एथलीट्स के लिए इनको लेना सही होता है। एथलीट्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए वे सस्ते के चक्कर में लो क्वालिटी और स्टेरॉइड युक्त सप्लीमेंट्स न लें। मैं पहले अपने खिलाड़ियों को पहले नॉर्मल डायट में नैचुरल प्रोटीन लेने की सलाह देता हूं। अगर किसी कॉम्पिटीशन की तैयारी करनी है और समय कम है, तो प्रोटीन सप्लिमेंट लिया जा सकता है।

    कोच से जानकारी लेने के बाद मैंने रांची के नेशनल पॉवर लिफ्टिंग चैम्पियन सनी कुमार से बात की। वे कई नेशनल और स्टेट लेवल कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेकर कई मेडल अपने नाम कर चुके हैं। आइए जानते हैं उन्होंने कहा क्या?

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    प्रोटीन सप्लिमेंट्स (Protein supplements) को लेकर लोगों की धारणा है गलत

    “प्रोटीन सप्लिमेंट्स को लेकर लोगों की गलत धारणा है। वे प्रोटीन सप्लिमेंट्स और स्टेरॉइड के बीच में कंफ्यूज रहते हैं और सोचते हैं कि ये (प्रोटीन सप्लिमेंट्स) बहुत नुकसान करते हैं। अगर इन्हें सही ढंग से लिया जाए तो फायदा ही पहुंचाते हैं। खिलाड़ी ही नहीं आम इंसान भी बॉडी में प्रोटीन की पूर्ति करने के लिए इन सप्लिमेंट्स को ले सकता है। एक बात और बता दूं कि प्रोटीन सप्लिमेंट्स के साथ प्रॉपर डायट लेना भी जरूरी होता है। तभी ये ठीक से काम करते हैं। मैं एक्सरसाइज करने के 5 मिनट के बाद सप्लिमेंट्स लेता था। सामान्य तौर पर खिलाड़ियों के द्वारा एक्सरसाइज के बाद सप्लिमेंट्स लिए जाते हैं ताकि वे मसल्स को रिपेयर कर सकें।प्रोटीन सप्लिमेंट्स (Protein supplements)

    पहचान करना बहुत जरूरी

    सनी का कहना है कि, लोगों को प्रोटीन लेने से पहले ये पता करना जरूरी है कि इसमें स्टेरॉइड मिक्स तो नहीं है। इसके लिए वे कंटेंट और इंडीग्रेंट्स चेक करें। फिर भी समझ न आए तो किसी फिटनेस ट्रेनर या डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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    प्रोटीन (Protein) क्या है?

    प्रोटीन लार्ज मॉलेक्यूल्स हैं, जो सेल्स के ठीक से काम करने के लिए जरूरी है। इसमे एमिनो एसिड होता है। हमारी बॉडी का स्ट्रक्चर और उसके फंक्शन प्रोटीन पर डिपेंड करता है। बॉडी के सेल, टिशूज और ऑर्गन का रेगुलाइजेशन प्रोटीन के बिना नहीं हो सकता। मसल्स, स्किन और हड्डियों के अलावा शरीर के दूसरे हिस्सों में एंजाइम्स, हार्मोंस, एंटीबॉडीज और प्रोटीन की निश्चित मात्रा होती है। प्रोटीन न्यूरोट्रांसमिटर्स की तरह काम करता है। हीमोग्लोबिन, जो ब्लड में ऑक्सिजन लेकर जाता है वो भी प्रोटीन है।

    प्रोटीन तीन प्रकार के होते हैं। कंप्लीट प्रोटीन, ये हमें एनिमल फूड्स जैसे कि मीट, डेयरी प्रोडक्ट्स और अंडे से प्राप्त होता है। इनकंप्लीट प्रोटीन, ये बीन्स, मटर और चना में पाया जाता है। तीसरा कंप्लीमेंटरी प्रोटीन, जिन दो फूड्स में इनकंप्लीट प्रोटीन पाया जाता है उन्हें एक साथ लेकर कंप्लीट प्रोटीन लिया जा सकता है। जैसे राइस और बींस या पीनट बटर के साथ ब्रेड।

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    प्रोटीन पाउडर (Protein powder) कितने प्रकार के होते हैं?

    प्रोटीन पाउडर (Protein powder) एक पॉपुलर न्यूटिशनल सप्लिमेंट है। प्रोटीन पाउडर कई प्रकार के होते हैं। जिनमें डेयरी बेस्ड और प्लांट बेस्ड। इसके यूज से वेट मैनेजमेंट से लेकर मसल्स ग्रोथ और एक्सरसाइज के बाद की रिकवरी की जा सकती है। कई बार इसके उपयोग से पेट दर्द, क्रैम्प, भूख की कमीसिरदर्द, चक्कर आना जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं।

    मार्केट में आज कई तरह के प्रोटीन सप्लीमेंट मौजूद हैं। सबका काम आपके शरीर को प्रोटीन पहुंचाना ही है, लेकिन इनका मुख्य स्रोत अलग-अलग हो सकता है जैसे कि कुछ सप्लीमेंट दूध से बनाए जाते हैं, तो कुछ मटर के दानों से। कुछ प्रोटीन सप्लीमेंट को बनाने में अंडे का उपयोग करते हैं तो कुछ प्रोटीन सप्लीमेंट को बनाने में कंपनी सोयाबीन का उपयोग करती है। इसलिए प्रोटीन सप्लीमेंट की एक बड़ी वैरायटी बाजार में देखने को मिलती है। इनमें से पांच मुख्य तरह के हैं :

    व्हे प्रोटीन सप्लीमेंट (Whey Protein supplement)

    यह सबसे ज्यादा सेवन किया जाने वाला प्रोटीन पाउडर है। शरीर में आसानी से डायजेस्ट हो जाने की वजह से इसे वर्कआउट के तुरंत बाद लिया जा सकता है।

    सोया प्रोटीन सप्लीमेंट (Soya Protein supplement)

    यह सप्लीमेंट सोयाबीन से बनाया जाता है। आपकी बॉडी को सही से काम करने और विकास के लिए सभी जरूरी अमीनो एसिड्स इसमें पाए जाते हैं। यह वेजेटेरियन लोगों के लिए बेस्ट प्रोटीन सप्लीमेंट है।

    एग प्रोटीन सप्लीमेंट (Egg protein supplement)

    यह प्रोटीन सप्लीमेंट, अंडो से प्रोटीन तत्व निकालकर बनाया जाता है। उच्च मात्रा में मौजूद अमीनो एसिड शरीर के लिए जरूरी होते हैं। जो लोग डेयरी प्रोडक्ट्स से परहेज करते हैं उनके लिए यह बेहतर विकल्प है।

    पी प्रोटीन (Pea Protein)

    अगर आप वेगन हैं यानी कि अगर आप मांसाहार और एनिमल प्रोडक्ट्स (animal products) जैसे- दूध, घी, मक्खन आदि को डायट से दूर रखते हैं तो यह प्रोटीन सप्लीमेंट आपके लिए है। यह मटर के प्रोटीन सत्व द्वारा बनाया जाता है और शरीर को इसके बेनिफिट्स एग या व्हे प्रोटीन से कम नहीं मिलते हैं।

    केसीन प्रोटीन (Casein Protein)

    इस तरह के प्रोटीन सप्लीमेंट में ग्लुटामिन (Glutamine) अत्यधिक मात्रा में होता है। इसमें मौजूद अमीनो एसिड मांसपेशियों को बनाने की क्रिया को तेज करने के लिए मददगार होता है। इसको डायजेस्ट होने में थोड़ा समय लेता है। इसलिए डायटीशियन इस प्रोटीन सप्लीमेंट को सोते समय लेने की सलाह देते हैं।

    उम्मीद है कि आपको प्रोटीन सप्लीमेंट पर आधारित यह लेख पसंद आया होगा। ऊपर बताए आपको यह आर्टिकल कैसा लगा? हमें जरूर बताएं। साथ ही अगर आपका इस विषय से संबंधित कोई भी सवाल या सुझाव है तो वो भी हमारे साथ शेयर करें।

    व्हे प्रोटीन के बारे में अधिक जानने के लिए खेलें ये क्विज:

    क्या प्रोटीन सप्लीमेंट्स और मास गेनर्स दोनों एक ही होते हैं?

    मास गेनर एक तरह का पाउडर होता है, जिसके सेवन से प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, चीनी और फैट से कैलोरी मिलती है, जबकि प्रोटीन सप्लीमेंट्स से सिर्फ प्रोटीन की प्राप्ति होती है। दरअसल प्रोटीन सप्लीमेंट्स के सेवन से मसल्स को बढ़ाने में मदद मिलती है।

     प्रोटीन पाउडर से हो सकते हैं ये नुकसान

    किसी भी चीज के अच्छे और बुरे परिणाम दोनों हो सकते हैं। इसलिए अगर आप प्रोटीन पाउडर का सेवन करते हैं, तो उसके निम्लिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। जैसे:

    कील-मुंहासों की समस्या- कुछ प्रोटीन पाउडर्स के सेवन से हॉर्मोन्स और बायोएक्टिव पेपटिड्स लेवल के बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है। रिसर्च के अनुसार प्रोटीन सप्लीमेंट्स के सेवन कील-मुंहासों की समस्या शुरू हो सकती है।

    न्यूट्रिशन इम्बैलेंस- अगर आप प्रोटीन पाउडर का सेवन करते हैं, तो इससे न्यूट्रिशन इम्बैलेंस का खतरा बना रहता है। वहीं अंडे, दूध और मीट के सेवन से न्यूट्रिशन इम्बैलेंस संभावना कम होती है।

    बढ़ सकता है इन्सुलिन लेवल- प्रोटीन पाउडर लम्बे वक्त तक लेने से इसके साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। अगर प्रोटीन पाउडर का सेवन जरूरत से ज्यादा  किया गया तो इन्सुलिन लेवल बढ़ने की संभावना ज्यादा बनी रहती है।

    शरीर के लिए हो सकता है हानिकारक- हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक प्रोटीन पाउडर में टॉक्सिक मेटेल्स यानी विषाक्त पदार्थ होते हैं, जिसकी वजह से सिरदर्द, फेटीग्यू, कब्ज और मासपेशियों में दर्द जैसी परेशानी बनी रहती है।

    बढ़ सकता है वजन- बाजार में इनदिनों कुछ ऐसे भी प्रोटीन सप्लीमेंट्स आसानी से उपलब्ध होते हैं, जिनमें कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा ज्यादा होती है। ऐसे प्रोटीन सप्लीमेंट्स के सेवन से वजन कम होने बजाए बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है। यही नहीं हार्ट से और पेट से जुड़ी परेशानियों की संभावना भी ज्यादा रहती है।

    इन ऊपर बताई गई परेशानियों के साथ-साथ प्रोटीन पाउडर के सेवन से ओस्टियोपोरोसिस और किडनी से जुड़ी परेशानी हो सकती है। इसलिए इनके सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

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    डायबिटीज पेशेंट्स को प्रोटीन का सेवन कैसे करना चाहिए?

    अगर आप डायबिटिक हैं, तो जीरो शुगर और कार्बोहाइड्रेट वाले प्रोटीन का सेवन करना चाहिए। इनदिनों बाजार में आसानी से ऐसे प्रोडक्ट्स मिल जाते हैं। लेकिन ऐसे किसी भी प्रोडक्ट के सेवन से पहले डॉक्टर से संपर्क करें।

    आप तो आप समझ ही गए होंगे कि प्रोटीन सप्लिमेंट्स लेना सही है या गलत? साथ ही आपको प्रोटीन सप्लिमेंट्स लेने का तरीका भी पता चल गया होगा। मेरे के साथ ही आपका कंफ्यूजन भी दूर हो गया होगा। अब अगर फ्यूचर में मुझे कभी मेरी बॉडी में प्रोटीन की कमी हुई या मेरी डायट में प्रोटीन की मात्रा सही नहीं हुई तो मैं इसे लेने से पहले नहीं हिचकाऊंगी लेकिन हां इसे कैसे लेना और कौन सा लेना है इसके बारे में डॉक्टर से जरूर पूछूंगी और आप भी ऐसा ही करिएगा।

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