और पढ़ें- महुआ के फायदे : इन रोगों से निजात दिलाने में असरदार हैं इसके फूल
आयुर्वेद ने भी बताया घी का महत्व
देसी घी को भारत के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न पारंपरिक तरीकों से बनाया जाता है। इसमें न सिर्फ ओवर-पॉवरिंग स्मेल या फ्लेवर या न सिर्फ यादगार स्वाद है, बल्कि यह प्रभावशाली एंटी-एजिंग फूड भी है। घी को आयुर्वेद में ‘समस्कारा अनुवर्तना’ (Samskara Anuvartana) कहा जाता है, जिसका मतलब है कि इसके किसी भी चीज के साथ पका लीजिए, लेकिन इसकी अच्छाई और स्वास्थ्य फायदे वैसे के वैसे ही बने रहते हैं। आयुर्वेद के मुताबिक, घी की मदद से त्वचा, याद्दाश्त, ताकत बेहतर होती है और इससे शरीर डिटॉक्स भी होता है। घी को आयुर्वेद के मुताबिक इसके मेडिसिनल गुण की वजह से भी बेहतर माना जाता है, जो कि इसे कूलिंग फूड के रूप में बताता है।
और पढ़ें- चावल के आटे के घरेलू उपयोग के बारे में कितना जानते हैं आप?
वो दिन चले गए जब घी को रक्त वाहिकाओं को बाधित करने वाले और दिल के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक खाद्य पदार्थ के रूप में जाना जाता था। बल्कि, अब इसे शरीर के लिए एक जरूरी फूड और गुड कोलेस्ट्रॉल को एक्टिवेट करने वाले के रूप में जाना जाता है। इन सभी बातों की वजह से घी को निकालने का भारतीय पारंपरिक तरीका दुनियाभर में लोकप्रियता प्राप्त करता जा रहा है और इसे इस्तेमाल करने की प्रैक्टिस भी स्वीकार्यता प्राप्त करती जा रही है।