देशभर में करीब साढ़े बारह प्रतिशत मौतें एयर पलूशन के कारण ही हो रही हैं। बच्चों की सेहत के लिए यह पलूशन और भी बड़ा खतरा बनकर सामने आ रहा है। स्टेट ऑफ इंडियास् इन्वाइरमेंट (state of india’s environment) में बताया गया है कि लगभग एक लाख बच्चे जो कि पांच साल की उम्र से कम हैं, उनकी मृत्यु का एक कारण एयर पलूशन है। इससे बच्चों में श्वास के साथ ही अन्य तरह की समस्याएं भी बढ़ रही हैं।
अभी तक हमें लगता था कि गर्भाशय भ्रूण के लिए सुरक्षित है पर बढ़ रहे प्रदूषण के खतरे और रिसर्च के अनुसार यह कह सकते हैं कि मां की कोख में भी प्रदूषण से भ्रूण को खतरा (Pollution threatens the fetus) हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि प्रदूषण के खतरे को कम करने के लिए हर इंसान अपना सहयोग दे। गर्भ में बच्चे को खतरा अन्य कारणों से भी हो सकता है। अगर आप इस बारे में जानकारी चाहते हैं तो बेहतर हो कि एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
प्रदूषण के अलावा इन चीजों से भी है भ्रूण को खतरा
प्रदूषण भ्रूण को किस तरह प्रभावित कर सकता है ये तो आप समझ ही गए होंगे, लेकिन आपको ये भी बता दें कि सिर्फ प्रदूषण ही नहीं गर्भावस्था के दौरान शराब पीना और स्मोकिंग से भी बच्चे के लिए खतरा पैदा हो सकता है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) रिकमंड करता है कि जो महिलाएं कंसीव करने के बारे में सोच रही हैं या फिर कंसीव कर चुकी हैं, उन्हें शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर वो शराब का सेवन जारी रखती हैं, तो उनके साथ ही होने वाले बच्चे के लिए भी हानिकारक हो सकता है। इसके साथ ही प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग करने से कुछ रिस्क हो सकते हैं। जैसे बच्चे के साइज में परिवर्तन, प्रीमैच्योर बेबी का पैदा होना,स्टिल बर्थ (बच्चे का मरा हुआ पैदा होना), बच्चे को सांस संबंधी बीमारी का होना आदि। इसलिए समय रहते इन आदतों में बदलाव कर लेना चाहिए।
स्मोकिंग की वजह से प्रेग्नेंसी के पहले भी कुछ समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। जिसमें निम्न शामिल हैं।