अगर आपको नीचे दिए गए लक्षण नजर आएं, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए :
- कंपकंपी के साथ बुखार होना
- सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ
- मरीज की उम्र पांच वर्ष से कम या 65 साल से ज्यादा हो
- फेफड़ों से ब्लड या म्यूकस के साथ खांसी आना
- सांस की तकलीफ होना, तेज सांस लेना
इस बारे दिल्ली के क्लीनिक्ल जनरल फीजिश्यन डॉक्टर अशोक रामपाल का कहना है कि निमोनिया फंफड़ों की एक गंभीर बीमारी है और इसका समय रहते इलाज बहुत जरूरी है। मरीज में होने वाले निमोनिया के भी कई प्रकार होते हैं, जिनमें शामिल हैं, बैक्टीरियल निमोनिया या माइकोप्लाज्मा निमोनिया। निमोनिया अक्सर सर्दी या फ्लू से हो सकता है। ऐसे में आपको सावधानीपूर्वक ध्यान देना चाहिए, क्योंकि आमतौर पर निमोनिया लंबे समय तक रहता है और दूसरी बीमारियों से निमोनिया का लक्षण काफी गंभीर होता है।
अगर आप ऊपर दिए गए लक्षण नजर आए या कोई सवाल हो तो, अपने डॉक्टर से संपर्क करें। हर किसी का शरीर अलग तरह से काम करता है। ऐसे में, अपने डॉक्टर के साथ बात करना आपके लिए ज्यादा अच्छा रहता है।
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जानिए निमोनिया (Pneumonia) के कारण
निमोनिया के तीन मुख्य कारण है जैसे :
- बैक्टीरियल निमोनिया : बैक्टीरिया के कारण अपने आप या यह एक गंभीर सर्दी या फ्लू के बाद भी हो सकता है।
- वायरल निमोनिया : बहुत गंभीर नहीं है और आमतौर पर थोड़े समय के लिए रहता है। हालांकि, फ्लू वायरस के कारण वायल निमोनिया हो सकता है, जो गंभीर हो सकता है। प्रेग्नेंट महिलाओं या हृदय या फेफड़ों की बीमारी वाले रोगियों को इस बीमारी से सावधान रहना चाहिए।
- माइकोप्लाज्मा निमोनिया : यह इंफेक्शन और बैक्टीरिया दोनों के सामान्य लक्षण हैं, जो निमोनिया के हल्के मामलों का कारण बनते हैं।
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जानिए निमोनिया (Pneumonia) के जोखिम फैक्टर
निमोनिया के कई जोखिम फैक्टर हैं, जो हम आपको नीचे बता रहे हैं जैसे:
- स्मोकिंग की आदत
- रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन- ठंड, लैरींगाइटिस (laryngitis), इन्फ्लूएंजा के कारण
- पुरानी फेफड़ों की बीमारी