परिचय
थायराॅइड कैंसर (Thyroid cancer) क्या है?
थायराॅइड ग्रंथि के ऊतकों में होने वाले कैंसर को थायरॉइड कैंसर की बीमारी कहते हैं। थायराॅइड ग्रंथि गर्दन के निचले हिस्से में स्थित बटरफ्लाई के आकार की ग्रंथि है जो एक विशेष तरह के हार्मोन को शरीर में पहुंचाने का काम करती है। थायराॅइड ग्रंथि से निकलने वाला हार्मोन ब्लड प्रेशर, शरीर का तापमान, शरीर का वजन और हृदय की दर को नियंत्रित करने का काम करता है। थायरॉइड कैंसर, थायराॅइड ग्रंथि के ऊतकों में विकसित होता है, जो शुरूआती लक्षण के रूप में गर्दन में गांठ, सूजन, आवाज में भारीपन, वजन बढ़ना, वजन घटना आदि लक्षणों के रूप में दिखाई देता है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में थॉयराइड कैंसर (Thyroid cancer) होने का खतरा ज्यादा रहता है। हालांकि समय के साथ विकसित हो रही तकनीकों से थायरॉइड कैंसर के अधिकांश मामलों में इलाज से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।
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प्रकार
थायरॉइड कैंसर के प्रकार (Types of thyroid cancer) क्या हैं?
थायरॉइड कैंसर (Thyroid cancer) को थायरॉइड में पाई जाने वाली कोशिकाओं के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। थायराइड कैंसर के प्रकारों में निम्न शामिल है-
पैपिलरी थायरॉइड कैंसर की बीमारी
थायरॉइड हार्मोन का उत्पादन और भंडारण करने वाली कूपिक कोशिकाओं में होने वाला कैंसर पैपिलरी Thyroid Cancer कहलाता है। वैसे तो पैपिलरी थायरॉइड कैंसर होने की कोई उम्र नही है लेकिन फिर भी इसका खतरा 30 से 50 वर्ष की उम्र के लोगों को ज्यादा रहता है।
फॉलिक्युलर थायरॉइड कैंसर की बीमारी
यह कैंसर भी हार्मोन का उत्पादन और भंडारण करने वाली कूपिक कोशिकाओं में होता है। फॉलिक्युलर थायरॉइड कैंसर का खतरा अधिकतर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को रहता है।
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मेडयुलरी थायरॉइड कैंसर
मेड्युलरी थायरॉइड कैंसर की ‘सी’ कोशिकाओं में होता है। थायराइड की ‘सी’ कोशिकाएं कैल्सीटोनिन हार्मोन का उत्पादन करने के लिए उत्तरदायी होती है। जब ब्लड में कैल्सीटोनिन का उच्च स्तर पाया जाता है तब मेड्युलरी थायरॉइड कैंसर का संकेत मिलता है। इस तरह के Thyroid Cancer में डॉक्टर ब्लड में कैल्सीटोनिन के स्तर की जांच करते है।
एनाप्लास्टिक थायरॉइड कैंसर की बीमारी
थायरॉइड की कूपिक कोशिकाओं में होने वाला एनाप्लास्टिक थायरॉइड कैंसर एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है और इसके मामलें दूसरे थायरॉइड कैंसर के मुकाबले बहुत ही कम देखने को मिलते है। अधिकतर एनाप्लास्टिक थायरॉइड कैंसरु होने का खतरा 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के व्यक्ति को रहता है।
थायरॉइड लिंफोमा
थायराइड लिंफोमा एक दुर्लभ प्रकार का Thyroid Cancer है जो थाइराइड की प्रतिरक्षा प्रणाली कोशिकाओं में होता है। यह कैंसर आमतौर पर बड़ी उम्र के व्यक्तियों में होता है।
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लक्षण
थायरॉइड कैंसर की बीमारी के लक्षण (Symptoms of thyroid cancer)
शुरूआती तौर पर थायरॉइड कैंसर की बीमारी के निम्न लक्षण दिखाई देते हैं-
- गले में गांठ होना
- गर्दन में सूजन होना
- निगलने में कठिनाई
- खांसी की समस्या बनी रहना
- गला बैठना
- आवाज में परिवर्तन होना
- सोचन और बोलने की क्षमता में परिवर्तन
- याददाश्त कमजोर होना
- स्किन का रूखापन
- बालों का ड्राई होना
- आंखों में समस्या होना
- अनियमित रूप से वजन घटना या बढ़ना
कारण
थायरॉइड कैंसर की बीमारी के कारण क्या है?
थायरॉइड कैंसर की बीमारी या गले की गांठ का मुख्य कारण अभी तक अज्ञात है, लेकिन फिर भी विशेषज्ञों द्वारा इसके कुछ कारण बताएं गएं है जो निम्न है-
- अन्य कैंसर की तरह थायरॉइड कैंसर की बीमारी में भी कोशिकाओं में डीएनए परिवर्तन या म्यूटेशन एक कारण होता है।
- आनुवांशिक या थायरॉइड कैंसर की बीमारी का पारिवारिक इतिहास भी इसका कारण बन सकता है।
- व्यक्ति में आयोडीन की कमी के कारण भी थायरॉइड कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- रेडिएशन जैसे एक्स-रे या सीटी-स्कैन की नजह भी थायरॉइड कैंसर हो सकता है।
जांच
थायरॉइड कैंसर की बीमारी की जांच कैसे करें?
शुरूआती लक्षणों और शारीरिक परीक्षण (जिसमें गर्दन की जांच कर थायरॉइड के छोटे या बड़े साइज का पता लगाया जाता है) के आधार पर डॉक्टर थायरॉइड कैंसर की बीमारी होने को सुनिश्चित करने के लिए निम्न परीक्षण करने की सलाह देते है-
- ब्लड में कैल्शियम के स्तर की जांच
- ब्लड में फास्फोरस के स्तर की जांच
- थायरॉइड फंक्शन टेस्ट
- थायरोग्लोबुलिन परीक्षण
- थायरॉइड की स्कैनिंग
- थायरॉइड की बायोप्सी
- ब्लड में कैल्सीटोनिन के स्तर की जांच
- लैरिंगोस्कोपी
जोखिम
थायरॉइड कैंसर की बीमारी (Thyroid cancer) के जोखिम क्या हैं?
थायरॉइड कैंसर (Thyroid cancer) की बीमारी के जोखिम को बढ़ाने वाले कारक निम्न है-
- पुरुषों की तुलना में महिलाओं को थायरॉइड कैंसर की बीमारी का जोखिम ज्यादा रहता है।
- रेडिएशन के संपर्क में आने से थायरॉइड कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। यदि सिर और गर्दन पर विकिरण चिकित्सा के दौरान रेडिएशन का संपर्क पड़ा है तो थायरॉइड कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- कुछ आनुवांशिक कारणों जैसे मज्जा थायरॉइड कैंसर, मल्टीपल एंडोक्राइन नियोप्लासिया, काउडेन सिंड्रोम और पारिवारिक एडिनोमेटस पॉलीपोसिस से भी थायरॉइड कैंंसर का खतरा बढ़ जाता है।
इलाज
थायराॅइड कैंसर की बीमारी का इलाज क्या है?
थायराॅइड कैंसर की बीमारी का इलाज मरीज की आयु, कैंसर का प्रकार, कैंसर का स्तर और सामान्य स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। सामान्यतौर पर थायरॉइड कैंसर का इलाज निम्न तरह से किया जाता है-
- लोबेक्टॉमी (Lobectomy)
- टोटल थायरॉयडेक्टॉमी (Total Thyroidectomy)
- लिम्फ नोड रिसेक्शन (Lymph Node Resection)
- ओपन बायोप्सी (Open Biopsy)
निम्न परिस्थितियों में थायरॉइड कैंसर की बीमारी का इलाज शुरू किया जाता है-
- यदि गले और गर्दन में लगातार दर्द हो रहा हो
- यदि निगलने में कठिनाई हो रही हो
- यदि गर्दन में गांठ महसूस हो रही हो और जो लगातार बढ़ रही हो
- यदि आवाज में भारीपन या आवाज का बैठना काफी दिन से हो
- यदि लिम्फ नोड्स में सूजन हो
गले में दर्द हमेशा सर्दी-जुकाम का लक्षण नहीं होता है और इन्हें इग्नोर किए बिना जांच कराना जरूरी हो जाता है। अगर समय पर ट्रीटमेंट मिल जाए, तो बड़ी समस्या से बचा जा सकता है। कैंसर की स्टेड बढ़ने पर ट्रीटमेंट अधिर जटिल हो जाता है।
थायरॉइड कैंसर की बीमारी: गले में गांठ को न करें इग्नोर
अगर आपको गले में गांठ का अनुभव हो रहा है तो उसे इग्नोर बिल्कु भी न करें। गले में गांठ कैंसर भी हो सकता है। लेकिन ऐसा जरूरी नहीं होता है कि गले में गांठ कैंसर ही हो। अगर आपको ऐसा कुछ भी अनुभव होता है तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। कैंसर का इलाज संभव है लेकिन कैंसर का समय पर इलाज कराने से इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। अगर समय पर इलाज न कराया जाए तो बीमारी बढ़ भी सकती है। अगर आपको गले में गांठ या थायरॉइड कैंसर (Thyroid cancer) की बीमारी के बारे में अधिक जानकारी चाहिए तो डॉक्टर से परामर्श करें। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।