के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
आर्टेरिअल ब्लड गैसेस टेस्ट खून में मौजूद ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा का पता लगाता है। खून में पीएच या एसिडिक यानी अम्लीय होने का पता लगाने के लिए इस टेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है। आमतौर पर आर्टेरिअल ब्लड गैसेस टेस्ट को ब्लड गैस एनालिसिस या ब्लड गैस टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है।
हमारे शरीर में मौजूद लाल रक्त कोशिकाएं पूरे शरीर में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड पहुंचाने का कार्य करती हैं। इन्हें ब्लड गैसेस के नाम से जाना जाता है।
सांस अंदर लेने या बाहर छोड़ने पर फेफड़े ऑक्सीजन को रक्त में परिवर्तित कर देते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर फेंक देते हैं। इस प्रक्रिया को गैस एक्सचेंज कहा जाता है, जो कि जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन प्रदान करती है।
यदि आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो डॉक्टर आपको आर्टेरिअल ब्लड गैसेस (एबीजी) टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं। यह एक आसान व सुरक्षित प्रक्रिया है जिसे पूरा करने में केवल कुछ ही मिनटों का समय लगता है।
आर्टेरिअल ब्लड गैसेस टेस्ट शरीर में मौजूद ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के सही स्तर के बारे में बताता है। यह फेफड़ों और गुर्दों की सही स्थिति के बारे में जानने में मदद करता है। अक्सर आर्टेरिअल ब्लड गैसेस टेस्ट की सलाह निम्न स्थितियों में दी जाती है :
इसके अलावा अक्सर आर्टेरिअल ब्लड गैसेस टेस्ट को अन्य टेस्ट के साथ कराने की सलाह दी जाती है, जैसे कि रक्त में शुगर की मात्रा जांचने के लिए ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट और गुर्दों की सही स्थिति के लिए क्रिएटिनिन टेस्ट।
आमतौर पर यह टेस्ट किसी अस्पताल या इमरजेंसी रूम में किया जाता है। हालांकि, कुछ डॉक्टर आर्टेरिअल ब्लड गैसेस टेस्ट को अपने क्लीनिक में भी कर सकते हैं।
डॉक्टर सुईं की मदद से आपका ब्लड सैंपल लेते हैं, यह आमतौर पर कलाई से लिया जाता है। कुछ मामलों में सैंपल ग्रोइन (पेट और जांघ के बीच का भाग) की धमनी या बांह के ऊपरी हिस्से के अंदर से लिया जा सकता है।
आर्टेरिअल ब्लड गैसेस टेस्ट से पहले आपकी कलाई की धमनियों पर दबाव बनाया जा सकता है। इस प्रकिया को मॉडिफाइड एलन टेस्ट कहा जाता है जो हाथ के रक्त प्रवाह की जांच करता है।
अगर आप किसी दवा या विटामिन सप्लीमेंट का सेवन कर रहे हैं तो आर्टेरिअल ब्लड गैसेस टेस्ट करवाने से पहले डॉक्टर को इस बारे में जरूर बताएं। यदि आप ऑक्सीजन थेरेपी ले रहे हैं तो ब्लड गैस टेस्ट से पहले 20 से 30 मिनट के लिए उसे रोकना पड़ सकता है।
आपको टेस्ट के दौरान या बाद में किसी तरह की समस्या महसूस हो सकती है। धमनी से रक्त इकट्ठा करना नसों के मुकाबले अधिक दर्दनाक होता है। धमनियां नसों से अधिक गहरी और कई संवेदनशील नसों से घिरी होती हैं।
खून निकालते समय आपको सिर हल्का लगना, बेहोशी, चक्कर आना या मतली जैसा महसूस हो सकता है। चोट की आशंका को कम करने लिए सुईं के बाहर आने पर उस हिस्से पर आराम से दबाव बनाएं।
इस प्रकिया में अधिक ब्लड सैंपल की आवश्यकता नहीं होती है, जिसके कारण इसे कम जोखिम वाला माना जाता है। हालांकि, हमेशा डॉक्टर को अपनी मौजूदा चिकित्सकीय स्थितियों के बारे में बताना चाहिए क्योंकि इनकी वजह से ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है।
लंबे समय तक कोई भी दुष्प्रभाव दिखाई देने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
आर्टेरिअल ब्लड गैस टेस्ट के असामान्य परिणाम चिकित्सकीय स्थितियों और चोट के बारे में दर्शातें हैं, जिसके कारण व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ हो रही हो। परिणाम निम्न बाते सुनिश्चित करने में मदद करते हैं :
सामान्य से कम या अधिक स्तर होने पर डॉक्टर कुछ और टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं। इससे स्वास्थ्य समस्या को सही ढंग से निर्धारित करने में मदद मिलेगी।
ऐसा अक्सर पीएच या ऑक्सीजन के आंशिक दबाव के सामान्य स्तर से अलग होने पर होता है। यदि आपका पीएच संतुलन सामान्य स्तर से बाहर आता है तो यह फेफड़ों या गुर्दे से संबंधित रोगों का संकेत हो सकता है। इसके अलावा ऑक्सीजन के आंशिक दबाव का स्तर यदि 80 एमएम एचजी से कम है तो इसका मतलब है कि आपको सही ढंग से ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है। इसके कारण कई गंभीर समस्याएं जैसे हृदय रोग, पल्मोनरी फाइब्रोसिस या एम्फसीमा हो सकती है।
उम्र, हेल्थ हिस्ट्री और सेक्स परिणाम पर असर डाल सकता है। परिणाम में विभिन्नता का मतलब जरूरी नहीं कि आपको हृदय, फेफड़ों या गुर्दे संबंधित कोई समस्या है। अपने परिणामों को सही ढंग से समझने के लिए डॉक्टर से सलाह लें।
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