निमोनिया स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया (Streptococcus Bacteria) के कारण होने वाला डिजीज है। यह फेफड़ों के वायुमार्ग में वायरल बैक्टीरियल या फंगल के कारण होने वाल इंफेक्शन है। वैसे तो निमोनिया के कई प्रकार होते हैं, पर आज हम बात करेंगे निमोनिया और वाॅकिंग निमोनिया (Pneumonia and Walking Pneumonia) की। वॉकिंग निमोनिया एक नॉन मेडिकल टर्म है। इसके लक्षण निमोनिया के मुकाबले काफी हल्के होते हैं। जिसे मेडिकल टर्म में एटिपिकल निमोनिया (Atypical pneumonia) कहते हैं। निमोनिया के लक्षण मरीज में कई दिनों तक नजर आ सकते हैं। कुछ गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती हाेने की भी जरूरत पड़ सकती है। निमोनिया के संक्रमण होने के कई कारण हो सकते हैं। इनके कारणों को जानने से पहले आइए जानते हैं कि निमोनिया और वाॅकिंग निमोनिया (Pneumonia and Walking Pneumonia) के बीच संबंध क्या है?
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निमोनिया और वॉकिंग निमोनिया में क्या संबंध है? (Pneumonia and Walking pneumonia)
निमोनिया एक प्रकार का लंग इंफेक्शन (Infection) है, जोकि फेफड़ों में हवा के छोटे थैली को प्रभावित करता है। जिसके कारण फेफड़े में फ्लूइड (Fluid) और मवाद (Pus) भरने लगता है। जिस कारण फेफड़ों में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का आदान-प्रदान सुचारु रूप से नहीं हो पाता है। निमोनिया और वॉकिंग निमोनिया दोनों ही फेफड़ों के संक्रमण हैं – वॉकिंग निमोनिया, सामान्य निमोनिया की तुलना में कम गंभीर होता है। इसके अलावा, वाॅकिंग निमोनिया की तुलना में निमोनिया के मरीजों में जान का खतरा ज्यादा होता है। निमाेनिया के लक्षण (Symptoms of pneumonia) भी ज्यादा गंभीर होते हैं, जैसे कि निमोनिया में मरीज को काफी तेज बुखार आता है और मरीज को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। लेकिन वॉकिंग निमोनिया में मरीज को हल्का बुखार ही आता है। इसके लक्षण इतने ज्यादा गंभीर नहीं होते हैं। इन दोनों को जानने के लिए पहले आप इन दोनों के बीच को अंतर को समझें।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention (CDC) की रिसर्च के अनुसार निमोनिया की तुलना में वॉकिंग निमोनिया के मरीजों की रिकवरी जल्दी होती है। इसलिए यह नियमोनिया की तुलना में कम खतरनाक होते हैं।
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निमोनिया और वाॅकिंग निमोनिया के लक्षण (Pneumonia and Walking pneumonia Symptoms)
- हल्का बुखार आना (Mild fever)
- गले में खराश (Sore throat)
- एक सप्ताह से ज्यादा सूखी खांसी होना (Dry cough lasting more than a week)
- सिर दर्द होना (Headache)
- सीने में दर्द होना (Chest pain)
- भूख कम लगना (Loss of appetite)
Quiz: क्यों जरूरी है निमोनिया की रोकथाम?
निमोनिया के लक्षण कुछ इस प्रकार है:
- तेज बुखार आना (High fever)
- थकान महसूस होना (Fatigue)
- खांसी आना (cough)
- खांसी के साथ सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ होना (Chest pain, especially with deep breathing or coughing)
- सिरदर्द होना
- सांस लेने में दिक्कत (Shortness of breath)
- गले में खराश (Sore throat)
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निमोनिया और वॉकिंग निमोनिया के कारण (Pneumonia and Walking pneumonia Causes)
निमोनिया और वाॅकिंग निमोनिया दोनों ही रेस्पिटरेटरी में होने वाला इंफेक्शन है, जोकि अलग-अलग बैक्टेरिया के कारण हो सकते हैं, जैसे कि:
वॉकिंग निमोनिया (Walking pneumonia)
वॉकिंग निमोनिया आमतौर पर माइकोप्लाज्मा निमाेनिया (Mycoplasma pneumoniae) नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। अन्य बैक्टीरिया जो वॉकिंग निमोनिया का कारण बन सकते हैं उनमें शामिल हैं:
- क्लैमाइडोफिला निमोनिया (Chlamydophila pneumoniae)
- लीजियोनेला निमोनिया (Legionella pneumoniae), जो लेगियोनेरेस रोग (Legionnaires’ disease) का कारण बनता है, एक अधिक गंभीर प्रकार का वॉकिंग निमोनिया।
निमोनिया (Pneumonia)
जबकि निमोनिया बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial infection) के कारण होता है। निमोनिया में वायरस, बैक्टीरिया या कवक शामिल हो सकते हैं। बैक्टीरियल निमोनिया का सबसे आम कारण स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया (Streptococcus pneumoniae) नामक बैक्टीरिया है, जिसमें हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा (Haemophilus influenza) दूसरा सबसे आम कारण है।
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निमोनिया और वॉकिंग निमोनिया को बढ़ाने वाले रिस्क फैक्टर (Risk Factor)
निमोनिया को बढ़ाने वाले कुछ रिस्क फैक्ट इस प्रकार हैं, जैसे कि:
- यह छोटे बच्चे को जल्दी होता है
- 60 साल अधिक उम्र वाले लोगों में इसके होने का खतरा ज्यादा होता है
- अस्थमा पेशेंट को (Asthma)
- अधिक स्मोकिंग करने वालो में (Smoking)
- प्रदूषण की समस्या अधिक होने पर
निमोनिया और वाॅकिंग निमोनिया की जांच (Pneumonia and Walking pneumonia Diagnosis)
वैसे वॅाकिंग निमोनिया के शिकार व्यक्ति को बहुत की हल्के लक्षण होने पर मेडिकेशन की सलाह देते हैं। लेकिन कुछ मामलों में और निमोनिया में डॉक्टर कुछ जांच की सलाह दे सकते हैं, जैसे कि:
- डॉक्टर अपने स्टेथोस्कोप (Stethoscope) से फेफड़ों की जांच कर सकते हैं
- सीने का एक्सरे (X-ray) करवा सकते हैं
- लक्षणों को देखते हुए ब्लड टेस्ट की सलाह दे सकते हैं
- ऑक्सिजन लेवल चेक कर सकते हैं
- गंभीर मामलों में डॉक्टर सीटी स्कैन की सलाह दे सकते हैं।
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निमोनिया और वाॅकिंग निमोनिया उपचार (Pneumonia and Walking pneumonia Treatment)
- सांस की दिक्कत होने पर ऑक्सिजन लगा सकते हैं
- इंट्रावेनस फ्लूइड
- ब्रिदिंग ट्रीटमेंट
- सूजन को कम करने के लिए कोर्टिकोस्टेरोइड
- ओरल और आईवी एंटीबायोटिक दवाएं
वॉकिंग निमोनिया यानि कि एपीटिकल निमोनिया की तुलना में निमोनिया में मरीज की स्थिति ज्यादा गंभीर होती है। गंभीर स्थिति महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें। घर पर ही खुद इलाज करने से बचें। कुछ मामलों में इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
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वाॅकिंग निमोनिया में मेडिकेशन आपके लक्षणों पर निर्भर करता है। इसके अलावा डाॅक्टर आपको कुछ सलाह दे सकते हैं, जैसे कि:
- पानी पीने और अपने आप को हायड्रेट रखने की (Drinking fluids)
- डाॅक्टर लक्षणों को कम करने के लिए ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) एंटीथिस्टेमाइंस (Over-the-counter antihistamines) और खांसी की दवाएं दे सकते हैं।
इसके अलावा, डॉक्टर बुखार कम करने वाली दवाएं, जैसे कि एसिटामिनोफेन (Acetaminophen ) या इबुप्रोफेन (Ibuprofen) लेने को बोल सकते हैं।
- डॉक्टर आपको आराम करने के लिए बोलेंगे।
जैसा कि आपने निमोनिया और वाॅकिंग निमोनिया में अंतर जाना। लेकिन इन दोनों को आप एक समझने की गलती न करें। ऐसा भी न करें कि निमोनिया के शुरुआती लक्षण को वाॅकिंग निमोनिया समझकर घर पर ही इलाज शुरू कर दें। दोनों की केस में आप डॉक्टर से मिलें । बस इतना है कि वाॅकिंग निमोनिया में मरीज की जान को खतरा नहीं होता है। अधिक जानकारी के लिए आप आप डॉक्टर से बात करें।