एंडोमेट्रियोसिस और पीसीओएस (Endometriosis and PCOS) कितना है कॉमन?
एंडोमेट्रियोसिस और पीसीओएस के लक्षण काफी हद तक समान होते हैं। साल 2017 में हुई स्टडी के मुताबिक करीब 5 से 20 प्रतिशत महिलाओं को प्रसव की उम्र में पीसीओएस की समस्या होती है। जिन महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या है, उनमें से करीब 80 प्रतिशत महिलाओं को पीसीओएस की समस्या है।
एस्ट्राडायल (Estradiol) के हाय लेवल के कारण यूटेराइन टिशू ग्रोथ (Uterine tissue) करते हैं। एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) की समस्या के कारण एंडोमेट्रियम टिशू बढ़ने लगते हैं, जिसके कारण रिप्रोडक्टिव ऑर्गन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यूट्रस के बाहर, फैलोपियन ट्यूब, ओवरी, पेरिटोनियम, वजायना के पास का भाग आदि प्रभावित होते हैं। एंडोमेट्रियोसिस पेल्विक एरिया के बाहरी तरह जैसे कि छोटी और बड़ी आंत, डायाफ्राम,रेक्टम, लंग्स आदि भी प्रभावित होते हैं। पीरियड्स के दौरान इन ऊतकों से खून निकलता है और दर्द, सूजन पैदा होती है। ये बांझपन का कारण भी बनता है।
पीसीओएस हॉर्मोनल डिसऑर्डर है, जो अंडाशय को प्रभावित करता है। इस डिसऑर्डर में एंड्रोजन का लेवल हाय हो जाता है और ओवरी में सिस्ट की समस्या हो जाती है। बिना सिस्ट के भी पीसीओएस की समस्या हो सकती है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श करें।
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एंडोमेट्रियोसिस और पीसीओएस के कारण (Causes of endometriosis and PCOS)?
रेट्रेग्रेट मेंस्ट्रुएशन (Retrograde menstruation), इम्यून सिस्टम प्रॉब्लम (Immune system problems), एंडोमेट्रियल सेल ट्रांसपोर्ट (Endometrial cell transport), पोस्ट सर्जरी इम्प्लांटेशन आदि के कारण एंडोमेट्रियोसिस की समस्या होती है। इम्यून सिस्टम में समस्या के कारण भी एंडोमेट्रियोसिस की समस्या हो सकती है। गर्भाशय की असामान्यताएं भी एंडोमेट्रियोसिस की समस्या पैदा हो सकती है।
वहीं पीसीओएस (PCOS) की समस्या हॉर्मोन में असंतुलन के कारण पैदा होती है। कुछ हॉर्मोन जैसे कि टेस्टोस्टेरॉन के हाय लेवल के कारण ( High levels of testosterone), इंसुलिन रिसिस्टेंस (Insulin resistance) जिसमें शरीर इंसुलिन का सही से इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं और शरीर में इंसुलिन का लेवल बढ़ जाता है। इस कारण से ओवरी अधिक मेल हॉर्मोन प्रोड्यूस करने लगती है। कई बार शरीर में अधिक सूजन के कारण भी मेल हॉर्मोन का लेवल बढ़ जाता है।