आप सभी ने अल्ट्रासाउंड के बारे में सुना होगा। सभी को कभी न कभी इससे गुजरे की जरूर पड़ी होगी। आज हम यहां बात कर रहे हैं ट्रांसवजायनल अल्ट्रासाउंड की। प्रेग्नेंसी के दौरान इस टेस्ट की आवश्यकता होती है। इसमें भ्रूण की सुरक्षा और किसी प्रकार का कोई जोखिम तो नहीं है, यह पता लगाने के लिए यह टेस्ट की सलाह दी जाती है। डॉक्टर इसके लिए जिस डिवाइंस का इस्तेमाल करते हैं, उसे ट्रांसडयूसर नामक उपकरण कहते हैं।
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ट्रांसवजायनल अल्ट्रासाउंड (Transvaginal ultrasound) क्या है?
इस ट्रांसवजायनल अल्ट्रासाउंड (Transvaginal Ultrasound) का मतलब है योनि के माध्यम से डिवाइस द्वारा ऑर्गेंस की इंटरनल एग्जामिनेशन ( Internal Examination) करना हैे । इसमें महिला के प्रजनन अंगों जैसे कि अंडाशय का, गर्भाशय का, फैलोपियन ट्यूब आदि का प्रेग्नेंसी प्लानिंका या प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे की सिचुएशन का पता लगाने के लिए इसे इस्तेमाल किया जा सकता है। वैसे प्रेग्नेंसी एग्जामीनेशन के लिए दो तरह के अल्ट्रासाउंड किया जाता है। पहला ट्रान्सएब्डोमिनल अल्ट्रासाउंड (ट. ऐ. स), जिसमें इंटरनली परिक्षण होता है। दूसरा ट्रांसवजायनल अल्ट्रासाउंड, इसमेंं अंदर से गर्भाशय और दूसरे पेल्विक अंगों की ज्यादा संवेदनशील तरीके से जांच की जाती है।
निम्नलिखित आंतरिक अंगों की जांच के लिए ट्रांसवजायनल अल्ट्रासाउंड का उपयोग किया जा सकता है, जैसे कि
- योनि (vagina) के लिए
- गर्भाशय ग्रीवा के लिए ( (cervix)
- फैलोपियन ट्यूब (Fallopian Tube)
- अंडाशय (Ovary)
- मूत्राशय मार्ग (Bladder passage)
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प्रेग्नेंसी के अलावा, ट्रांसवजायनल अल्ट्रासाउंड भी जांच के लिए उपयोगी होते हैं:
- डिम्बग्रंथि अल्सर या ट्यूमर
- फाइब्रॉएड
- पाॅलिप होने पर
ऐसे में विभिन्न कारणों से डाक्टरों का सुझाव हो सकता है कि लोगों को ट्रांसवजायनल अल्ट्रासाउंड की सलाह के लिए। उदाहरण के लिए, प्रक्रिया किसी ऐसे व्यक्ति के लिए आवश्यक हो सकती है जो निम्नलिखित संकेतों और लक्षणों का अनुभव कर रहा है:
- पेट में दर्द
- बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना
- बांझपन
- पैल्विक की जांच के लिए
प्रेग्नेंसी में ट्रांसवजायनल अल्ट्रासाउंड की आवयकता निम्नलिखित रूप से आवश्यक हो सकता है,
- भ्रूण के हार्ट रेट की जांच करना
- गर्भावस्था की तारीख निश्चित करने के लिएअस्थानिक गर्भावस्था के लिए जाँच
- गर्भपात के जाेखिमो को जानने के लिए
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ट्रांसवजायनल अल्ट्रासाउंड करने के कारण (Causes of Transvaginal ultrasound)
किन-किन परिस्थितियों में ट्रांसवेजायनल अल्ट्रासाऊंड करने से लाभ होता है।
- ओव्यूलेशन के मॉनिटरिंग के लिए
- फीमेल इनफर्टिलिटी की जांच के लिए
- गर्भाशय में किसी प्रकार की गांठ तो नहीं है, यह जानने के लिए
- सामान्य गर्भावस्था की जांच के लिए
- भ्रूण के दिल की धड़कन की जांच के लिए
- अस्थानिक (Ectopic) गर्भावस्था का पता लगाने के लिए
- गर्भपात के निदान से बचाव के लिए
- फाइब्रॉइड की समस्या का पता लगाने के लिए
- कुछ प्रकार के बांझपन की जांच के लिए
- गर्भाशय के विस्तृत अवलोकन के लिए
- बच्चेदानी की कंडिशन देखने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
- अंडाशय में अंडों की संख्या का पता करने के लिए
- पीसीओडी यानी पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम की जांच के लिए
- आईवीएफ के दौरान अंडों के विकास का विश्लेषण के लिए। यह देखने के लिए कि ओवरी में कितनी संख्या और साइज में अंडे बड़े हो रहे। इस प्रक्रिया को ‘फॉलिक्यूलर मोनिटरिंग’ कहते है ।
- पीरियड के दौरान हैवी ब्लीडिंग के कारणों को जानने के लिए
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भ्रूण के प्रारंभिक विकास की पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए भी यह टेस्ट किया जाता है, जैसे कि
- गेस्टेशनल सैक (Gestation Sac) के बारे में जानने के लिए यह प्रकिया किया जाता है
- योक सैक (Yolk sac) की जानकारी के लिए
- भ्रूण की लंबाई से जुड़ी चीजें जानने के लिए
- गर्भावस्था में भ्रूण के शारीरिक संरचना का पता लगाने के लिए
- भ्रूण की हृदय गति कैसी है यह जानने के लिए
कुछ अन्य की जानकारी के लिए भी यह स्कैन किए जा सकते हैं,जैसे कि:
- सिस्ट का पता लगाने के लिए
- फाइब्रॉइड ट्यूमर की जांच के लिए
- मासिक धर्म की समस्याएं होने पर
- पेल्विक की जांच के लिए
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ट्रांसवजायनल स्कैन (Scan) के दौरान क्या होता है?
ट्रांसवजायनल अल्ट्रासाउंड में क्या होता है, इसका प्रॉसेस में ये चीजें होती है, जैसे कि:
- जैसा कि यह इंटरनल जांच है, इसके लिए आपको डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देश पर कपड़े हटाने पड़ते हैं
- गायनेकोलॉजिकल टेबल व बेड पर लेटने की सलाह देंगे, ताकि जांच की जा सके
- इस दौरान पैरों को ढकने के लिए एक चादर और घुटनों को मोड़ने के लिए डाॅक्टर बोलेंगे।
- पैरों के बीच गैप रखने को बोला जाएगा।
- फिर डॉक्टर वजायना में उपकरण प्रवेश कराने से पहले प्रोब पर एक डिस्पोजेबल कवर, आमतौर पर एक लेटेक्स कंडोम लगाएंगे। ताकि किसी प्रकार का इंफैक्शन न हो।
- फिर प्रोब पर जेल लगाकर वजायन के अंदर उसे ट्रांसड्यूसर को इंसर्ट किया जाएगा।
- फिर ध्वनि तरंगों को प्रसारित द्वारा प्रतिबिंमबो को रिकॉर्ड किया जाता है।
- वहीं, अल्ट्रासाउंड मशीन शरीर के अंग की एक छवि बनाती है, जिसे मॉनिटर पर देखा जाता है।
- इस दौरान जांचकर्ता आवश्यकता के अनुसार प्रोब को चारों ओर घुमाता है और पूरे जगह की छवि को निकालता है।
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किन लोगों काे सलाह दी जाती है:
गर्भपात होने के कारण (Due to miscarriage)
अगर किसी महिला को बार बार गर्भपात हो रहा है, तो उस स्थिति में डॉक्टर इस टेस्ट की सलाह दे सकते हैं। इससे उन कारणों के बारे में पता लगाया जाता है, जिससे बार-बार उनके होने के कारणों का पता लगाया जाता है, जैसे कि ही आनुवंशिक विकार के शिकार तो नहीं ,किसी प्रकार की कोइ गांठ होना, ग्रीवा की कोई समस्या होना या बच्चेदानी का कमजोर होना आदि।
प्रीमैच्योर प्रेग्नेंसी (Premature Labor)
अगर किसी महिला को समय से पहले पेन शुरू हो गया है, तो उस केस में गर्भावस्था के दौरान टीवीएस द्वारा सर्विस की लंबाई को मापा जाता है। सर्वाइकल की लेंथ के आधार पर महिला के बच्चेदानी के नीचे के रास्ते को जरूरत पड़ने पर टांका लगाया जाता है। मां और शिशु की सुरक्षा को देखते हुए।
गर्भावस्था के फस्ट स्टेज में (Pregnancy First Stage)
प्रेग्नेंसी क दौरान मुख्य रूप से ट्रांसएब्डॉमिनल अल्ट्रासाउंड का प्रयोग किया जाता है। ट्रांसवजायनल अल्ट्रासाउंड की जरूरत विशेष रूप से प्रेगनेंसी के फस्ट ट्रीमेस्टर में होती है। पहले के 10-12 हफ्तों तक बच्चेदानी के पेट के निचले हिस्से में होती है। ऐसे में यह टेस्ट थोड़ा मुश्किल होता है। इसलिए इस जांच द्वारा गर्भाशय के शुरुआत में भ्रूण के विकास को देखने के लिए ज्यादा सुरक्षित माना जाता है।
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ट्रांसवजायनल अल्ट्रासाउंड करवाने के जोखिम (Risk Factor of transvaginal ultrasound)
ट्रांसवजायनल अल्ट्रासाउंड करवाने के कोई जोखिम नहीं है। डॉक्टर द्वारा यह सुरक्षित तरीके से होता है। आपको हल्का सा दर्द महसूस हो सकता है। ट्रांसवजायनल स्कैन के दौरान डॉक्टर पेल्विक संरचना और भ्रूण के विकास को जांचने के लिए इस टेस्ट को करवा हैं।
इसके अलावा, अधिक जानकारी के लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इनके अलावा अन्य कई प्रॉब्लम के लिए भी इस जांच की आवश्यकता हो सकती है।
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