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प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में प्रसव की तैयारी कैसे करें होने वाली मां?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 26/03/2021

    प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में प्रसव की तैयारी कैसे करें होने वाली मां?

    प्रेग्नेंसी का तीसरा पड़ाव (Third Trimester) यानी गर्भावस्था का अंतिम चरण, इस दौरान प्रसव को कुछ ही समय शेष होता है। ऐसे में, आपके मन में उत्साह और खुशी चरम सीमा पर होगा। लेकिन, यह तीसरी तिमाही को सबसे मुश्किल माना जाता है। यह चरण शारीरिक और भावनात्मक रूप से भी आपके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। गर्भ में शिशु का संपूर्ण विकास होने के कारण आप बैचैन महसूस कर सकते हैं। जानिए, कैसा गुजरेगा आपका प्रेग्नेंसी का तीसरा पड़ाव (Third Trimester) और पाएं टिप्स कि कैसे करें प्रसव की तैयारी।

    क्या है प्रेग्नेंसी का तीसरा पड़ाव (What is Third Trimester)

    प्रेग्नेंसी का तीसरा पड़ाव (Third Trimester) यानी गर्भावस्था के अंतिम तीन महीने। जिसमे सातवां, आठवां और नौवां महीना शामिल है। यह समय 27वें से लेकर 40वें हफ्ते तक हो सकता है। अगर शिशु 37वें से 42वें हफ्ते में जन्म लेता है, तो वो पूरी तरह से विकसित होता है। लेकिन अगर शिशु 37वें महीने से पहले जन्म लेता है, तो उसे प्री मच्योर कहा जाता है। तीसरी तिमाही में शिशु का साइज बढ़ता रहता है। आप इसमें ऐसा भी महसूस कर सकते हैं, जैसे आप अन्य दो तिमाहियों की तुलना में अधिक थकावट महसूस कर रही हैं। तीसरी तिमाही गर्भावस्था का एक महत्वपूर्ण चरण है। इस दौरान आपका बेहद सावधान और सतर्क रहना जरूरी है।

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    प्रेग्नेंसी के तीसरे पड़ाव में मां के शरीर में होने वाले बदलाव (Change in Mother’s body in Third Trimester) 

    प्रेगनेंसी के तीसरा पड़ाव होने वाली मां के लिए परेशानी भरा हो सकता है। क्योंकि इस समय गर्भ में शिशु का आकार अधिक बढ़ जाता है। जैसे-जैसे भ्रूण आकार में बढ़ता है और एब्डोमिनल कैविटी भर जाती है, कुछ माताओं को गहरी सांस लेने या रात में आराम से सोने में कठिनाई होती है। इस दौरान क्या-क्या परिवर्तन होता है, होने वाली मां के शरीर में जानें:

    Third Trimester

    • प्रेग्नेंसी के तीसरे पड़ाव में मां की त्वचा का तापमान बढ़ता है उसे अधिक गर्मी महसूस होती है।
    • इस तिमाही में ब्लैडर पर दबाव पड़ने की वजन से अधिक मूत्र त्याग की समस्या होती है।
    • वॉटर रिटेंशन के कारण होने वाली मां के हाथ, चेहरा और एड़ियां सूज जाते हैं।
    • हेयर फॉलिकल (hair follicles) के हार्मोन की वृद्धि के कारण महिला के हाथ, पैर और चेहरे पर बाल उगने शुरू हो सकते हैं। यह बाल सामान्य की तुलना में अधिक मोटे होते हैं।
    • गर्भवती महिलाएं लगातार पैर में  ऐंठन महसूस कर सकती हैं।

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    • ब्रेक्सटन-हिक्स कॉन्ट्रैक्शन (Braxton-Hicks contractions) यानी फॉल्स लेबर भी बार-बार हो सकता है।
    • प्रेग्नेंसी का तीसरा पड़ाव (Third Trimester) स्ट्रेच मार्क्स का कारण भी बनता है। पेट, ब्रेस्ट, जांघों आदि पर स्ट्रेच मार्क्स होने लगते हैं।
    • कोलोस्ट्रम (Colostrum) यानी ब्रेस्ट में होने वाला एक फ्लूइड भी निप्पल्स में से लीक होने लगता है।
    • त्वचा शुष्क, खुजली वाली हो सकती है। खासकर पेट का हिस्सा, क्योंकि त्वचा बढ़ती है और खिंचाव बना रहता है।
    • तीसरी तिमाही में महिलाएं सेक्शुअल ड्राइव में कमी महसूस कर सकती हैं। इसके साथ ही कब्ज, हार्टबर्न और अपच की समस्या भी हो सकती है।
    • इस दौरान पीठ में दर्द हो सकता है और आप इसे सामान्य से अधिक महसूस करते हैं।।
    • पैरों में वैरिकाज वेंस (Varicose veins) की समस्या हो सकती हैं और यह गंभीर हो सकती है।

    गर्भावस्था के अंतिम कुछ हफ्तों में होने वाली मां यह परिवर्तन महसूस कर सकती है:

    अंतिम के कुछ हफ्ते बेहद जटिल होते हैं। इस दौरान आप शिशु की हलचल को महसूस कर सकती हैं। जानिए अंतिम कुछ हफ्तों में होने वाली मां में क्या परिवर्तन आते हैं।

    35वां हफ्ता (35 Week)

    इस हफ्ते महिला का गर्भाशय 6 इंच तक का होता है और वजन बहुत अधिक बढ़ चुका होता है। इस दौरान डॉक्टर आपको ग्रुप बी स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया (Group B Streptococcus Bacteria) का टेस्ट कराने के लिए कहेंगे।

    36वां हफ्ता (36 Week)

    इस हफ्ते गर्भाशय पिछले कुछ हफ्तों की तुलना में अधिक बड़ा हो चुका होता है।  इस के बाद आपकी डॉक्टर हर हफ्ते जांच करेंगे। आप इस समय थकावट और ऊर्जा में कमी महसूस  करेंगी। आपकी पीठ में खुजली और नितंबों व पेल्विस में असुविधा महसूस कर सकते हैं।

    37वां हफ्ता (37 Week)

    इस हफ्ते आपका यूटरस पिछले हफ्ते के समान आकार का ही होगा। इस दौरान आपका वजन और बढ़गा और डॉक्टर आपको पेल्विक जांच की सलाह दे सकते हैं।

    प्रेग्नेंसी का तीसरा पड़ाव

    38वां हफ्ता (38 Week)

    हो सकता है, कि इस हफ्ते आपके गर्भाशय का आकार न बढे। लेकिन, आप अधिक असुविधा महसूस करेंगे। अब आपको तैयार हो जाना चाहिए अस्पताल के लिए क्योंकि अधिकतर बच्चे ड्यू डेट से पहले दो हफ्तों में ही जन्म लेते हैं।

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    39वां हफ्ता (39 Week)

    इस सप्ताह आप और अधिक बैचैन अनुभव करेंगी। गर्भाशय ने आपके पेल्विस और अधिकतर पेट को कवर कर लिए होगा। खुद को लेकर आप कुछ अजीब महसूस कर सकती हैं।

    40वां हफ्ता (39 Week)

    अब समय आ चुका है। किसी भी समय आप मां बन सकती है। हालांकि, केवल पांच प्रतिशत शिशु ही अपनी ड्यू डेट पर जन्म लेते हैं। प्रेग्नेंसी का तीसरा पड़ाव (Third Trimester) आपकी नींद उड़ा सकता है। इस हफ्ते रात की नींद लेना आपके लिए अधिक कठिन हो सकता है। 

    तीसरी तिमाही और शिशु का कितना विकास होता है? (Growth of Baby in Third Trimester)

    प्रेग्नेंसी का तीसरा पड़ाव (Third Trimester) में आपके शिशु का पूरी तरह से विकास हो जाता है। तीसरी तिमाही में शिशु का आकार और वजन  तेजी से बढ़ता है। जहां  28वें हफ्ते में उसका वजन 1.2 किलोग्राम के लगभग होता है। वहीं 40 हफ्ते में यह 2.8  किलोग्राम से लेकर 3.7 किलोग्राम तक हो सकता है। जानिए, शिशु में प्रेग्नेंसी का तीसरा पड़ाव (Third Trimester) क्या बदलाव ले कर आता है: 

    • हड्डियां (Bones) : सातवें और आठवें महीने में आपके शिशु की हड्डियां बन चुकी होती है और इसके लिए उसके कैल्शियम अपनी मां से ही मिलता है। ऐसे में भरपूर मात्रा में कैल्शियम लें।
    • त्वचा (Skin) :  गर्भावस्था के 32वें सप्ताह तक बच्चे की पारदर्शी त्वचा अपारदर्शी हो जाएगी।
    • मेकोनियम (Meconium): गर्भावस्था के अंतिम सप्ताहों में, मेकोनियम (Meconium) , जिसमें ज्यादातर रक्त कोशिकाएं, वर्निक्स  (Vernix)और लैनुगो  (Lanugo) शामिल होते हैं, वो भी बच्चे की आंतों में बनना शुरू हो जाता है।
    • दिमागी विकास (Mental Growth): तीसरी तिमाही में शिशु का दिमाग बहुत तेजी से बढ़ता है। यही नहीं वो ब्लिंकिंग आदि भी शुरू कर देता है।
    • शिशु की स्थिति (Position of Baby) : लगभग 34वें सप्ताह की गर्भावस्था के दौरान, बच्चे का दिशा बदल जाती है। उसका सिर नीचे और धड़ ऊपर की तरफ होगा। इस दौरान बच्चा लगातार ब्रीच स्थिति में रहता है। 

    तीसरे ट्रायमेस्टर में आपको डॉक्टर किन टेस्ट्स की सलाह दे सकते हैं?  (Tests in Third Trimester)

    प्रेग्नेंसी का तीसरा पड़ाव (Third Trimester) बेहद खास होता है। जिसमें आपके डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट्स की सलाह दी जाएगी। हालांकि, यह टेस्ट आपकी मेडिकल स्थिति और शिशु की सेहत पर निर्भर करते हैं। यह टेस्ट इस प्रकार हैं

    • मां के वजन की जांच (Mother’s Weight)
    • ब्लड प्रेशर की जांच (Mother’s Blood Pressure)
    • यूरिन टेस्ट (Urine Test)
    • शिशु की स्थिति, ग्रोथ और विकास का टेस्ट (Position, Growth and Development of the Fetus)
    • फंडस की ऊंचाई की जांच (Height of the Fundus)
    • फीटल हार्टबीट की जांच(Fetal Heartbeat)

    जैसे ही आपकी प्रेग्नेंसी का तीसरा पड़ाव (Third Trimester) शुरू होता है। डॉक्टर आपको हर हफ्ते जांच के लिए बुला सकते हैं। हालांकि, यह आपकी मेडिकल स्थिति, शिशु की ग्रोथ आदि पर निर्भर करता है।

    Quiz: प्रेग्नेंसी के बारे में कितना जानते हैं आप?

    प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में क्या करें और क्या न करें? (Do’s and Don’ts in the Third Trimester)

    अपने और अपने विकासशील बच्चे की देखभाल करने के लिए आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, इसके बारे में जानकारी होना महत्वपूर्ण है। जानिए इस बारे में विस्तार से:

    क्या करना चाहिए (What To Eat)

    गर्भावस्था और प्रसव की जटिलताओं को कम करने के लिए आपको निम्नलिखित चीजें करनी चाहिए:

    फोलिक एसिड और विटामिन का सेवन (Folic Acid and Vitamin)

    न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स को कम करने के लिए आपके लिए फोलिक एसिड और विटामिन का सेवन का सेवन करना जरूरी है। विटामिन डी हेल्दी हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों के लिए जरूरी है। इसके साथ ही इससे कैल्शियम और फॉस्फेट का लेवल भी सही रहता है।

    सही आहार (Right Diet)

    तीसरे ट्राइमेस्टर में शिशु का आकार बहुत जल्दी बढ़ता है यही नहीं उसके शरीर के कई हिस्सों की ग्रोथ होती है।ऐसे में आपको अपने आहार में फल सब्जियों, प्रोटीन, साबुत अनाज, हेल्दी फेट्स और ऑयल्स, लौ फैट या फैट फ्री पाश्चराइजड़ डेयरी आदि को शामिल करना चाहिए। जानिए इस दौरान क्या खाएं:

    • आयरन से भरपूर आहार जैसे मीट, डेयरी प्रोडक्ट, अंडे, बींस आदि । 
    • प्रोटीन से भरपूर आहार जैसे टोफू, फिश और मीट आदि।
    • DHA से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे अंडे, दूध और फ्रूट आदि।
    • फोलिक एसिड युक्त चीजें जैसे पालक, बींस, साइट्रस फल आदि।
    • कैल्शियम से भरपूर आहार जैसे मेवे, पनीर, दही आदि।
    • मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे बादाम, पम्पकिन सीड, ओट्स आदि।
    • इसके साथ ही कच्ची मछली या सीफ़ूड, प्रोसेस्ड फ़ूड आदि का सेवन करने से बचे।

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    शारीरिक रूप से सक्रिय रहें (Be Physically Active)

    प्रेग्नेंसी के आखिरी पड़ाव में आपका सक्रिय रहना जरूरी है। क्योंकि, इससे आपका वजन अधिक होगा जिससे आपको गर्भावधि मधुमेह (Gestational Diabetes), प्री-एक्लम्पसिया (Pre-Eclampsia) , वैरिकाज़ नसों (Varicose Veins) और आपको सांस की तकलीफ और पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने की अधिक संभावना रहती है। इसलिए, प्रेग्नेंसी का तीसरा पड़ाव (Third Trimester) हो या कोई और व्यायाम करना न भूलें। जैसे:

    लेकिन, इन एक्सरसाइजेज को हमेशा डॉक्टर की सलाह के बाद और किसी विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में ही करें।

    शिशु की मूवमेंट मॉनिटर करें (Do Monitor Your Baby’s Movements)

    प्रेग्नेंसी का आखिरी पड़ाव आपके लिए नए अनुभव ले कर आएगा। इस दौरान शिशु की मूवमेंट नोटिस करें और अगर आपको लगे कि मूवमेंट कम है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। अभी शिशु की मूवमेंट इस बात का संकेत है कि वो ठीक है। 

    इन लक्षणों के ध्यान रखें (Things to Remember)

    कुछ ऐसे लक्षण हैं जो आपको ध्यान में रखने चाहिए, जैसे:

    • वजाइना से ब्लीडिंग (Bleeding from the Vagina)
    • मूत्र त्याग के समय दर्द (Painful Urination)
    • अचानक पेट के दर्द या क्रैम्प्स (Sudden, Sharp or continuing Abdominal Pain or Cramps)
    • तेज और गंभीर सिरदर्द (Persistent or Severe Headache)
    • चेहरे, हाथ और टांगे और सूजन  (Swelling in Face, Hands or Legs)
    • नजर में समस्या(Problem in Vision)
    • हाथ और पैर में खुजली (Itching on Hands or Feet)
    • शिशु के मूवमेंट का कम होना या ब्लडना (Baby’s movements slowing Down or Changing)

    प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में क्या न करें (Things not to do in Third Trimester)

    प्रेग्नेंसी का तीसरा पड़ाव (Third Trimester) हो या पहले, आपको कुछ चीजों को करने से बचना चाहिए। शिशु और आपके स्वास्थ्य के लिए यह जरूरी है। जानिए इस दौरान आपको क्या नहीं करना चाहिए:

    • स्मोक न करें (Don’t Smoke)
    • शराब न पीएं (Don’t Drink)
    • ड्राइविंग न करें (Don’t Drive)
    • कैफीन युक्त पेय पदार्थ न पीएं (Don’t take Caffeine)
    • प्रेग्नेंसी में डायट न करें (Don’t Diet in Pregnancy)

    प्रेग्नेंसी का तीसरा पड़ाव

    प्रेग्नेंसी का तीसरा पड़ाव में  कैसे करें प्रसव की तैयारी (Preparation of Delivery in Third Trimester)

    प्रेग्नेंसी का तीसरा पड़ाव (Third Trimester) आते ही आपको प्रसव की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। प्रसव के बाद आपका जीवन पूरी तरह से बदल जाएगा। लेकिन, इसके लिए आपको कुछ बातों का पहले ही ख्याल रखना पड़ेगा। जानिए क्या तैयारी करनी चाहिए प्रसव की: 

    • यदि आपने पहले प्रीनेटल क्लास नहीं लगाई है, तो प्रीनेटल क्लास (Prenatal Class) में भाग लें। यह प्रसव के लिए उपलब्ध विभिन्न विकल्पों के बारे में जानने का अच्छा अवसर है।
    • परिवार के सदस्य या मित्र की मदद लें,  वो आपके अस्पताल में होने के दौरान आपके  घर, अन्य बच्चों और पालतू जानवरों की देखभाल कर सकते हैं।
    • अपने और अपने बच्चे के लिए अस्पताल के लिए जरूरी सामान की पैकिंग करना शुरू कर दें।
    • अपने डॉक्टर से बर्थ प्लान के बारे में जानें। इसमें प्रसव के तरीके , खर्चे और अन्य चीजों के बारे में सब कुछ शामिल होगा।
    • अपने बच्चे के लिए प्रसव के बाद प्रयोग होने वाली चीजें जैसे उसके कपड़े, साबुन, शैंपू आदि। ताकि, बाद में आपको और अपने बच्चे को कोई असुविधा न हो। 
    • आपातकालीन नंबरों को भी नोट कर लें ताकि भविष्य में किसी इमरजेंसी में आप उनका प्रयोग कर सके।

    यह भी पढ़ें: जानिए कैसे पाएं प्रेग्नेंसी में ब्लैडर और बॉवेल प्रॉब्लम से छुटाकारा!

    प्रेग्नेंसी का तीसरा पड़ाव (Third Trimester) थोड़ा असुविधाजनक हो सकता है लेकिन इसे आसान व सुखदायी बनाने के लिए सही आहार लें और नियमित रूप से डॉक्‍टर से चेकअप कराएं। इससे मां और शिशु दोनों ही स्‍वस्‍थ रहेंगे। आप अभी गर्भावस्था के इस आखिरी पढ़ाव पर हैं, इसलिए नए अनुभव का मजा लें और अपने और शिशु के लिए इन्हें यादगार बनाएं।

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