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फीमेल इजेकुलेशन कितना सामान्य है?
महिला स्खलन पूरी तरह से सामान्य है, फिर भी लोग बहुत बार इसकी चर्चा नहीं करते हैं। इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर सेक्सुअल मेडिसिन के अनुसार, अलग-अलग अनुमान बताते हैं कि 10 से 50 प्रतिशत महिलाओं में सेक्स के दौरान एजेकुलेशन होता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सभी महिलाएं स्खलन का अनुभव करती हैं, लेकिन उनमें से बहुत कम का ही ध्यान इस तरफ जाता है।
एक पुरानी स्टडी जिसमें 233 महिलाओं को शामिल किया गया, उनमें से 14 प्रतिशत प्रतिभागियों ने बताया कि उन्होंने सभी या ज्यादातर सेक्शुअल इंटरकोर्स के दौरान स्खलन का अनुभव किया। वहीं, 54 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि उन्होंने कम से कम एक बार एजेकुलेशन का अनुभव किया था।
जब शोधकर्ताओं ने संभोग से पहले और बाद में यूरिन सैम्पल्स की तुलना की, तो पाया कि बाद वाले यूरिन सैंपल में अधिक पीएसए था। इससे उन्होंने रिजल्ट निकाला कि सभी महिलाएं इजेकुलेशन फील करती हैं लेकिन, इसे हमेशा बाहर नहीं निकालती हैं। इसके बजाय, स्खलन कभी-कभी ब्लैडर में वापस लौट जाता है, जो बाद में यूरिन के दौरान बाहर निकलता है।
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फीमेल इजेकुलेशन के स्वास्थ्य लाभ क्या हैं?
इस बात का कोई सबूत नहीं है कि महिला स्खलन के कोई स्वास्थ्य लाभ हैं। हालांकि, शोध से सेक्स के स्वास्थ्य लाभ जरूर पता चलते हैं। सेक्स के दौरान, शरीर-दर्द से राहत देने वाले हार्मोन रिलीज करता है जो पीठ, पैर, सिरदर्द और पीरियड्स क्रैम्प्स में राहत देता है। वहीं, ऑर्गेज्म के तुरंत बाद, बॉडी से जो हार्मोन निकलते हैं वे आरामदायक नींद को बढ़ावा देता है। ये हार्मोन प्रोलैक्टिन (prolactin) और ऑक्सीटोसिन (oxytocin) हैं। सेक्स के अन्य स्वास्थ्य लाभ में शामिल हैं:
- स्ट्रेस कम होना,
- प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को बढ़ावा देना,
- हृदय रोग से बचाव,
- रक्तचाप कम होना आदि।
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अक्सर पूछें जाने वाले सवाल
स्क्विर्टिंग के दौरान कैसा महसूस होता है?
यह हर महिला के लिए एक अलग अनुभव है। कुछ महिलाओं के अनुसार यह सेक्स के दौरान मिलने वाले ऑर्गेज्म की तरह ही महसूस होता है। कुछ महिलाओं का मानना है कि स्खलन के दौरान थाइज के बीच गर्माहट महसूस होती है। हालांकि, रियल फीमेल इजेकुलेशन ऑर्गेज्म के साथ ही होता है। लेकिन, कुछ रिसर्चर का मानते हैं कि जी-स्पॉट में उत्तेजना के माध्यम से ऑर्गेज्म के बिना भी हो सकता है।
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