बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन (Bacterial Vaginal Infection) क्या है?
इंफेक्शन के कारण वजायना में सूजन और रेडनेस (लाल होना) की समस्या होने की स्थिति को बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन कहते हैं। बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन को बैक्टीरियल वजायनल या वजायनल यीस्ट इंफेक्शन भी कहा जाता है। यीस्ट के साथ इंफेक्शन होना कैंडिडा अल्बीकन्स (Candida albicans) होता है, जो एक तरह का फंगस होता है। अगर एक साथ ज्यादा कैंडिडा यीस्ट हो जाए तब इसके लक्षण नजर आते हैं।
हालांकि, कैंडिडा वैजिनाइटिस का इलाज आसान होता है। वहीं कुछ महिलाओं में बैक्टीरियल वैजिनाइटिस बार–बार होताहै।
कितना सामान्य है बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन (Bacterial Vaginal Infection) ?
बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन बहुत सामान्य है, तकरीबन 75% महिलाओं में वजायनल यीस्ट इंफेक्शन की समस्या देखी गई है। वैसे तो यह महिलाओं को किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन, 15-44 साल तक महिलाओं में ज्यादा होता है।
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बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन के लक्षण क्या हैं ?
बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन (Bacterial Vaginal Infection) के कुछ सामान्य कारण:
- वजायना में जलन और खुजली
- वाइट डिस्चार्ज ज्यादा होना
- कम डिस्चार्ज होना
अन्य लक्षण जैसे:
- इंटरकोर्स के दौरान दर्द होना
- यूरिन के दौरान दर्द होना
- वल्वा लाल होना या जलन होना
कुछ ऐसे भी लक्षण हो सकते हैं जो ऊपर नहीं दिए गए हों । अगर आपको कोई लक्षण दिखाई देती है या नजर आती है तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए ।
हमें डॉक्टर से कब मिलना चाहिए ?
वजायनल लक्षण समझ में आते ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । आपको अपने डॉक्टर को अपनी परेशानी बताकर इलाज जानना चाहिए ।
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बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन का क्या कारण है?
कैंडिडा अल्बीकन्स फंगस इसका सबसे अहम कारण है। अगर आप एंटी-बायोटिक्स ले रहीं हैं तो यह हेल्दी बैक्टेरिया को नष्ट कर देते हैं, जो वजायनल यीस्ट इंफेक्शन का कारण होता है। इसके अलावा कई अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे- नींद की कमी, असंतुलित आहार या अत्यधिक पानी के संपर्क में रहना।
बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन (Bacterial Vaginal Infection) के कारण क्या हैं?
कुछ आदतें बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन को और बढ़ा सकते हैं:
- स्मोकिंग करना
- अत्यधिक वजन
- लक्षणों को नजरअंदाज करना
- डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन नहीं करना
- इंफेक्शन के दौरान भी सेक्स करना
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किन-किन कारणों से बढ़ सकता है बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन ?
बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन होने के कुछ अहम कारण:
- डायबिटीज
- मोटापा
- प्रेग्नेंसी
- ओरल कान्ट्रसेप्शन
- लंबे वक्त से स्टेरॉयड का सेवन करना
- लैक्टोबसिलस बैक्टेरिया की कमी (lactobacilli bacteria)
इलाज
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। ज्यादा जानकारी के लिए बेहतर होगा की आप अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन का इलाज कैसे किया जाता है?
- आपके डॉक्टर आपको वजायनल क्रीम, सपाजिटोरी या फिर खाने की दवाइयां दे सकते हैं।
- वजायनल क्रीम और सपाजिटोरी का इस्तेमाल तो किया जा सकता है लेकिन, खाने की दवाइयां बिना डॉक्टर के सलाह की नहीं लेनी चाहिए।
- डॉक्टर आपको एंटि-फंगल, निस्टैटिन जैसी दवाएं दे सकते हैं।
- डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं का ही सेवन करें।
- दवाओं का साइड इफेक्ट भी हो सकता है।
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बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन होने पर कौन-कौन से जांच किए जा सकते हैं?
डॉक्टर पैल्विक जांच और पेल्विक की जांच कर सकते हैं। कैंडिडा यीस्ट की जांच के लिए डिस्चार्ज के सैंपल को लैब में भेज सकते हैं।
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नीचे बताए गए कुछ जरूरी स्टेप्स को फॉलो करने से हो सकता है फायदा:
- डॉक्टर द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन करें। दवा का कोर्स पूरा करें नहीं तो इंफेक्शन का खतरा बना रहेगा।
- अगर आपको खुजली या जलन होती है तो सिट्ज बाथ ले सकते हैं।
- नियमित रूप से दही का सेवन करें। दही में मौजूद एसिडोफिलिक बैक्टेरिया लाभकारी होता है। दही में मौजूद कैल्शियम भी हेल्थ को फायदा पहुंचाता है।
- अगर परेशानी कम नहीं होती है तो डॉक्टर से मिलें ।
- डॉक्टर द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन करें। दवा का कोर्स पूरा करें नहीं तो इंफेक्शन का खतरा बना रहेगा।
- अगर आपको खुजली या जलन होती है तो सिट्ज बाथ ले सकते हैं।
- नियमित रूप से दही का सेवन करें। दही में मौजूद एसिडोफिलिक बैक्टेरिया लाभकारी होता है। दही में मौजूद कैल्शियम भी हेल्थ को फायदा पहुंचाता है।
- टाइट कपड़े न पहनें। कोशिश करें कॉटन कपड़ें ही पहने।
- एंटीबायोटिक्स से बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन का इलाज किया जा सकता है। लेकिन, इसके साथ ही आपको ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए। आपको हर घंटे में एक गिलास पानी पीना चाहिए। पानी का जितना ज्यादा सेवन करेंगे उससे मूत्रमार्ग में बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन के बैक्टीरिया पेशाब के साथ बाहर निकल जाएंगे।
- बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन में मादक पदार्थों का सेवन न करें। ये दवा के असर को कम करने के साथ ही आपकी रिकवरी में बाधक बनता है। उत्तेजक पदार्थों के सेवन से ब्लैडर तक ब्लड का फ्लो धीमा हो जाता है। इसके अलावा आप सॉफ्ट ड्रिंक्स, कैफीन और एल्कोहॉल का भी सेवन न करें।
- विटामिन सी एक एंटीऑक्सिडेंट है, जो इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में मदद करता है। क्रैनबेरी का जूस पीने से विटामिन सी की भरपूर मात्रा मिलती है। एक अध्ययन के अनुसार विटामिन सी, प्रोबायोटिक्स और क्रैनबेरी को 20 दिनों तक रोज लेने और फिर 10 दिन तक इस कॉम्बिनेशन को बंद कर दें। इसे फिर 10 दिन बात शुरू करें। फिर इस प्रक्रिया को तीन महीनों तक करें। जिससे आपको बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन नहीं होगा। वहीं, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ का कहना है कि 19 साल से ज्यादा उम्र की महिला को 75 मिलीग्राम विटामिन सी रोज लेनी चाहिए। वहीं, पुरुषों को लगभग 90 मिलीग्राम विटामिन सी रोज लेना चाहिए।
- संक्रमण को रोकने का सबसे आसान उपाय है सेफ सेक्स करना। सेक्स करने के बाद योनि और पेनिस को साफ करना चाहिए। इससे अगर योनि में कोई बैक्टीरिया चला भी गया है तो यूरीन के साथ बाहर चला आए। इसके बाद गुप्तांग तो पोछ कर के सफाई कर लें। वहीं, सेक्स के दौरान ल्यूब्रिकेंट्स के रूप में तेल या बॉडी लोशन का इस्तेमाल न करें, क्योंकि ये इंफेक्शन को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इसके अलावा हमेशा सुरक्षित सेक्स करें।
इस आर्टिकल में हमने आपको बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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