सीजनिंग किसी भी डिश का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ उसकी प्रेजेंटेशन को भी बेहतर बनाता है। ऐसा भी नहीं है कि आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले मसाले जैसे नमक, मिर्च, काली मिर्च, धनिया पाउडर आदि हमारे खाने का स्वाद नहीं बढ़ाते हैं, लेकिन कुछ मसाला पाउडर जैसे अजवायन और अनियन सॉल्ट स्वाद को अगले स्तर पर ले जाते हैं। सीजनिंग को पसंद करने वाले लोगों के पास इस तरह के कई ऑप्शन उपलब्ध होते हैं। ऐसें में इनमें आपको गार्लिक सॉल्ट भी जरूर देखने को मिलता है। सूखे लहसुन पाउडर और नमक से बनी इस सीजनिंग का इस्तेमाल सादा नमक की जगह या खाने को लहसुन के स्वाद के साथ एक अलग ट्वीस्ट देने के लिए किया जा सकता है।
गार्लिक सॉल्ट का कैसे कर सकते हैं इस्तेमाल?
गार्लिक सॉल्ट का इस्तेमाल सलाद, इटैलियन डिश जैसे कि पास्ता और पिज्जा या फिर पॉपकॉर्न, फ्रेंच फ्राइज, ग्रिल्ड सब्जियां, ब्रेड टोस्ट्स और मीट के मैरिनेशन के लिए किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें: क्या आपने लहसुन के इन लाभों के बारे में कभी सुना है?
घर पर कैसे बनाएं गार्लिक सॉल्ट
- तीन चम्मच नमक के साथ एक चम्मच लहसुन पाउडर के हिसाब से साथ में मिलाएं। आप स्टोर से खरीदे गए लहसुन पाउडर का उपयोग कर सकते हैं या इसे छीलकर और पीसकर घर पर ही बना सकते हैं।
- इस मिश्रण को फूड प्रोसेसर में डाल दें और इसे तब तक ग्राइंड करें जब तक की इसकी कंसिस्टेंसी रेत जैसी न हो जाए।
- इसके बाद ओवन में इस मिश्रण को एक घंटे के लिए 180 F पर बेक करें।
- इस मिश्रण को फूड प्रोसेसर में फिर से पीस लें।
- आपका गार्लिक सॉल्ट तैयार है अब इसे एयर टाइट कंटेनर में स्टोर कर लें।
गार्लिक सॉल्ट का उपयोग क्यों करना चाहिए?
लहसुन इंडियन किचिन का एक पॉपुलर पार्ट है। साथ ही लहसुन की न्यूट्रीशन वैल्यू के बारे में भी बात होती रहती है। इस तरह से इस्तेमाल करने पर इसके फायदे और बढ़ जाते हैं।
गार्लिक सॉल्ट के फायदे
बीपी लेवल को स्थिर रखने में करता है मदद
गार्लिक वैसोडिलेटर के रूप में काम करता है और ब्लड प्रेशर को बेहतर बनाने के लिए रक्त वाहिकाओं को खोलता है। इस तरह यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है।
डायबिटीज से जूझ रहे लोगों के लिए बेहतर विकल्प
यह सीजनिंग इंसुलिन के स्तर को बढ़ाता है। साथ ही इंसुलिन को और सक्रिय करता है जो डायबिटीज से निपटने में फायदेमंद साबित होता है।
हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाता है
गार्लिक सॉल्ट एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को नीचे ला सकता है और साथ ही एचडीएल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ा सकता है।
वजन कम करने में करता है मदद
क्योंकि गार्लिक सॉल्ट में बड़ी मात्रा में डाइटरी फाइबर होता है। यह पाचन क्रिया में सुधार ला सकता है। इससे तेजी से वजन कम करने में मदद मिलती है।
गार्लिक इम्यूनिटी बढ़ाने में है सहायक
गार्लिक आपके इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है। साथ ही लहसुन मौसम के साथ होने वाले इंफेक्शंस जैसे कि सर्दी से लड़ने में भी सहायक हैं।
यह भी पढ़ें: गले का इंफेक्शन कर रहा है परेशान तो करें लहसुन का उपयोग
लहसुन क्या है
लहसुन एलियम (प्याज) परिवार का एक पौधा है। एक लहसुन की प्रत्येक खंड को एक कली कहा जाता है। एक लहसुन को लगभग 10 से 20 कलियां होती हैं। लहसुन दुनिया के कई हिस्सों में पैदा किया जाता है और इसकी तेज गंध और स्वादिष्ट स्वाद के कारण खाना पकाने में एक लोकप्रिय घटक है। हालांकि, प्राचीन इतिहास में लहसुन का मुख्य उपयोग इसके स्वास्थ्य और औषधीय गुणों के लिए किया जाता था।
कई प्रमुख सभ्यताओं द्वारा इसके उपयोग को अच्छी तरह से भी बताया गया है, जिसमें मिस्र, बेबीलोनियन, यूनानी, रोमन और चीनी शामिल थे। अब वैज्ञानिकों को पता है कि इसके अधिकांश स्वास्थ्य लाभ सल्फर यौगिकों के कारण होते हैं, जब एक लहसुन की कली को कटा हुआ, कुचल या चबाया जाता है। शायद उनमें से सबसे प्रसिद्ध एलिसिन के रूप में जाना जाता है। हालांकि, एलिसिन एक अस्थिर यौगिक है, जो केवल ताजा लहसुन में कुचलने के बाद ही होने के बाद भी मौजूद होता है।
लहसुन के स्वास्थ्य लाभ में भूमिका निभाने वाले अन्य यौगिकों में डायलील डाइसल्फ़ाइड और एस-एलिल सिस्टीन शामिल हैं। लहसुन के सल्फर यौगिक पाचन तंत्र से शरीर में प्रवेश करते हैं और पूरे शरीर में पहुंचते हैं, जहां यह अपने शक्तिशाली जैविक प्रभावों को बढ़ाता है।
पौष्टिक होने के साथ-साथ कम कैलोरीज
लहसुन अत्यधिक पौष्टिक होता है लेकिन इसमें बहुत कम कैलोरी होती है। कच्चे लहसुन की एक कली (3 ग्राम) होता है:
मैंगनीज – रोज की जरूरत का 2% मैंगनीज लहसुन की एक कली में मौजूद होता है।
विटामिन बी 6- रोज की जरूरत का 2% विटामिन बी 6 लहसुन की एक कली में मौजूद होता है।
विटामिन सी – रोज की जरूरत का 1% विटामिन सी लहसुन की एक कली में मौजूद होता है।
सेलेनियम- रोज की जरूरत का 1% सेलेनियम लहसुन की एक कली में मौजूद होता है।
फाइबर – रोज की जरूरत का 0.06 ग्राम फाइबर लहसुन की एक कली में मौजूद होता है।
साथ ही लहसुन में कैल्शियम, तांबा, पोटेशियम, फास्फोरस, लोहा और विटामिन बी 1 की भी मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा इसमें 4.5 कैलोरी, 0.2 ग्राम प्रोटीन और 1 ग्राम कार्ब्स पाया जाता है।
लहसुन में विभिन्न अन्य पोषक तत्वों की मात्रा भी होती है। वास्तव में, इसमें आपकी जरूरत की लगभग हर चीज शामिल है।
जुकाम-बुखार में लहसुन
लहसुन की खुराक प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती है। एक 12 सप्ताह के अध्ययन में पाया गया कि रोजाना एक लहसुन के सेवन से प्लेसबो के कारण सर्दी के मामलों 63 फिसदी कम कर दिए। प्लेसबो समूह में पांच दिनों से लहसुन के समूह में ठंड के लक्षणों औसतन 70 फिसदी कम हो गई थी। एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि लहसुन के अर्क (2.56 ग्राम प्रति दिन) की एक उच्च खुराक ने ठंड या फ्लू से बीमार दिनों की संख्या को 61% से कम कर दिए। हालांकि, एक समीक्षा ने निष्कर्ष निकाला कि सबूत अपर्याप्त हैं और अधिक शोध की आवश्यकता है। मजबूत सबूतों की कमी के बावजूद, अपने आहार में लहसुन को शामिल करने की कोशिश की जा सकती है यदि आपको अक्सर सर्दी होती है।
हालांकि, आप बाजार में आसानी से गार्लिक सॉल्ट खरीद सकते हैं, लेकिन ताजा लहसुन के साथ घर पर बनाया गया गार्लिक सॉल्ट एक बेहतर ऑप्शन होगा। इस आसान नुस्खे के साथ आप अपना गार्लिक सॉल्ट बनाएं और टेस्टी फूड के मजे लें।
और पढ़ें :
प्याज के फायदे जो शायद आप भी नहीं जानते होंगे
चारकोल फेस मास्क के फायदे : ब्लैकहेड्स की होगी छुट्टी तो निखरेगी त्वचा चुटकियों में
[embed-health-tool-bmi]