शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए अच्छे खानपान और दिनचर्या को बेहतर बनाये रखने की जरूरत होती है। स्वस्थ्य रहने के लिए हमलोग सुबह शाम टहल लेते हैं, योग करते हैं या फिर जिम में जाकर एक्सरसाइज कर लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्वस्थ्य रहने के लिए जितना आवश्यक व्यायाम करना है तो उतना ही अच्छे खानपान की जरूरत। इसलिए क्या आपने कभी अपने आहार में प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स (Proteolytic Enzymes) को शामिल करने पर विचार किया है या प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स (Proteolytic Enzymes) को समझने की कोशिश की है कि शरीर के लिए प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स की क्या भूमिका है?
- प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स क्या है?
- प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स के फायदे क्या हैं?
- प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स के नुकसान क्या हो सकते हैं?
- पैनक्रिएटिन की कमी ना हो या इसके कमी से बचने के लिए किन-किन खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है?
- पैनक्रिएटिन सप्लिमेंट्स के कौन-कौन से फॉर्म उपलब्ध हैं?
चलिए प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं, जिससे स्वस्थ्य रहने में मदद मिल सके।
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प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स (Proteolytic Enzymes) क्या है?
प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स सप्लिमेंट्स के रूप में उपलब्ध होता है और ये फूड डायजेशन (Food digestion) की प्रक्रिया को आसान बनाने में सहायक होता है। इसके साथ ही प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स मेटाबॉलिक फंक्शन (Metabolic functions) यानि प्रोटीन (Protein) को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़कर उसे डायजेस्ट होने में सहायक है। वैसे ये तो है प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स सप्लिमेंट्स से जुड़ी जानकारी, लेकिन पैंक्रियाज (Pancreas) में प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स का निर्माण नैचुरल तरीकों से होता है। वहीं कुछ विशेष खाद्य पदार्थ जैसे पपीता (Papaya) और अनानास (Pineapple) के सेवन से भी इसकी पूर्ति हो सकती है, क्योंकि इसमें प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स लेवल (Proteolytic Enzymes level) ज्यादा होता है। प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स को अलग-अलग मेडिकल टर्म या नामों से भी जाना जाता है।
नोट: डायजेशन से जुड़ी समस्या होने पर या अनहेल्दी डायजेशन (Unhealthy Digestion) के लक्षण नजर आने पर मेडिकल एक्सपर्ट से कंसल्ट करना चाहिए, क्योंकि किसी भी मेडिकल कंडिशन (Medical condition) का इलाज खुद से करना या इलाज में देरी करना गंभीर स्थितियों को पैदा कर सकती है।
प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स के अलग-अलग टर्म (Different terms of Proteolytic Enzymes)-
- प्रोटीनेज (Proteinase)
- पेप्टाइड (Peptidase)
- ब्रोमलेन (Bromelain)
- काइमोट्रिप्सिन (Chymotrypsin)
- डायजेस्टिव इन्जाइम्स (Digestive enzymes)
- पैनक्रिएटिन (Pancreatin)
- पपैन (Papain)
- सेराटियोपेप्टाइडेज (Serrapeptase)
- ट्रिप्सिन (Trypsin)
ये हैं प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स के अलग-अलग नाम।
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प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स के फायदे क्या हैं? (Benefits of Proteolytic Enzymes)
प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स के फायदे एक नहीं, बल्कि 5 खास फायदे हैं जैसे:
- इम्यून सिस्टम (Healthy immune system) को हेल्दी रखना।
- टिशू से जुड़ी समस्याओं (Healing of tissues) को दूर करना।
- मसल रिकवरी (Muscle recovery) जल्द होना।
- डायजेस्टिव फंक्शन (Digestive function) बेहतर होना।
- अन्य कंडिशन (Other Conditions) जैसे सूजन (Inflammation), ऑटोइम्यून डिसऑर्डर (Autoimmune disorders), वायरल इंफेक्शन (Viral infections), कैंसर (Cancer) एवं हेपेटाइटिस सी (Hepatitis C) जैसी तकलीफों को दूर रखने में या इनसे बचाव में मददगार है।
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प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स के नुकसान क्या हो सकते हैं? (Side effects of Proteolytic Enzymes)
प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स को सुरक्षित माना गया है हालांकि कुछ केसेस में इससे एलर्जी की समस्या देखी गई। वहीं इससे स्टमक अपसेट (Stomach upset) डायरिया (Diarrhea) की समस्या, जी मिचलाने (Nausea) की समस्या एवं उल्टी (Vomiting) आने की भी समस्या हो सकती है।
नोट: प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स की वजह से फोलेट अब्सॉर्ब्शन (Folate absorption) की समस्या हो सकती है। इसलिए पैनक्रिएटिन के सेवन (Use of Pancreatin) के साथ-साथ फोलेट सप्लिमेंट्स (Folate supplement) का सेवन किया जा सकता है। हालांकि आप अपनी मर्जी से इन सप्लिमेंट्स का सेवन का करें और डॉक्टर से सलाह लें।
पैनक्रिएटिन की कमी ना हो या इसके कमी से बचने के लिए किन-किन खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है? (Natural foods for Proteolytic Enzymes)
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information), डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ, स्टेट गवर्मेंट ऑफ़ विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया (Department of Health, State Government of Victoria, Australia) एवं पैंक्रिएटिक कैंसर एक्शन नेटवर्क (Pancreatic Cancer Action Network) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार निम्नलिखित खाद्य पदार्थों के सेवन से पैनक्रिएटिन की कमी से बचने में मदद मिल सकती है। जैसे:
- पपीता (Papaya)
- अनानास (Pineapple)
- कीवी फ्रूट (Kiwifruit)
- अदरक (Ginger)
- एस्परैगस (Asparagus)
- साउरक्राउट (Sauerkraut) (एक प्रकार की गोभी)
- किमची (Kimchi)
- योगर्ट (Yogurt)
- केफिर (Kefir)
इन खाद्य पदार्थों का सेवन करने से लाभ मिल सकता है।
नोट: फूड एवं डायट्री सप्लिमेंट्स की सहायता से प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स (Proteolytic enzyme supplements) को लेवल में रखने में मदद मिल सकती है और इससे शारीरिक परेशानियों में बचने में मदद भी मिल सकती है।
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पैनक्रिएटिन सप्लिमेंट्स (Pancreatin supplements) के कौन-कौन से फॉर्म उपलब्ध हैं?
पैनक्रिएटिन सप्लिमेंट्स निम्नलिखित फॉर्म में मिल सकते हैं। जैसे:
- जेलकैप्स (Gelcaps)
- चबाने वाले टैबलेट्स (Chewable tablets)
- पाउडर (Powders)
- टैबलेट (Tablets)
इन फॉर्म्स में पैनक्रिएटिन सप्लिमेंट्स (Pancreatin supplements) उपलब्ध हैं, लेकिन सेवन से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
नोट: प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स सप्लिमेंट्स (Proteolytic enzyme supplements) की डोज उम्र (Age), हेल्थ कंडिशन (Health Condition) एवं कई अन्य फैक्टर्स (Other factors) को ध्यान में रखकर दिए जाते हैं। इसलिए प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स सप्लिमेंट्स की डोज हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकती है। अगर आप प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स सप्लिमेंट्स (Proteolytic enzyme supplements) का सेवन करना चाहते हैं, तो इसका सेवन तभी करें जब डॉक्टर ने इसे प्रिस्क्राइब किया हो।
अगर आप प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स (Proteolytic Enzymes) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य के हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब जल्द से जल्द देने की कोशिश करेंगे। अगर आप किसी हेल्थ कंडिशन की समस्या से पीड़ित हैं, तो प्रोटियोलिटिक एंजाइम्स (Proteolytic Enzymes) के सेवन से पहले विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा, क्योंकि डॉक्टर पेशेंट की हेल्थ कंडिशन (Health Condition) को समझकर और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर इलाज करते हैं और खाने-पीने की सलाह देते हैं।
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