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इओसिनोफिलिया के घरेलू उपाय (Home remedies for Eosinophilia)
ईओसिनोफिलिया का उपचार इस तरह से किया जाता है ताकि इस रोग में होने वाली सूजन कम हो और एसोफैगल फाइब्रोसिस सही रहे। एसोफैगल फाइब्रोसिस लंबे समय तक प्रभावित स्थान में सूजन रहने का कारण होता है। इसमें होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए अपने खाने -पीने का ध्यान रखें और अन्य ईओसिनोफिलिया के घरेलू उपाय करें। जानिए क्या हैं यह घरेलू उपाय-
डाइट का रखें ध्यान
इओसिनोफिलिया के घरेलू उपाय में मुख्य है अपनी डाइट का ध्यान रखना। इसलिए सिक्स फ़ूड एलिमिनेशन डाइट और एलेमेंटल डाइट ये दोनों तरीके अपनाएं जाते हैं। जानिए क्या है यह तरीके।
सिक्स फ़ूड एलिमिनेशन डाइट (SFED)
- ईओसिनोफिलिया से पीड़ित रोग रोगों को सिक्स फ़ूड एलिमिनेशन डाइट दी जाती है। इस आहार में आमतौर पर गेहूं, दूध, अंडा, नट, सोया, मछली और आदि का सेवन रोगी को नहीं करने दिया जाता।
- इस डाइट को रोगी को देने के 6 हफ्ते बाद एंडोस्कोपी और बायोप्सी कराई जाती है ।
- फिर हर दो से चार सप्ताह बाद एक नया फूड ग्रुप फिर से तैयार किया जाता है।
- इसोफेगस हिस्टोलॉजिक नमूना भोजन की रीइंट्रोडक्श अवधि के दौरान बार-बार लेना आवश्यक है, क्योंकि यही एक तरीका है जिससे यह निर्धारित होता है कि कौन से खाद्य पदार्थ सूजन को बढ़ा रहे हैं।
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एलेमेंटल डाइट
इस डाइट में रोगी को प्रोटीन युक्त आहार नहीं दिया जाता बल्कि एमिनो एसिड फार्मूला पीने को देते हैं। जिन लोगों को इसका स्वाद पसंद नहीं होता उन्हें ट्यूब के मध्यम से इसे दिया जाता है। अगर आपके लक्षण और जलन पूरी तरह से ठीक हो जाती है तो आपको आपके आहार में एक चीज जोड़ कर दी जाती है और देखा जाता है कि आप उसे पचा पाते हैं या नहीं।
खानपान संबंधी अन्य सावधानियां
- ईओसिनोफिलिया के रोगी के लिए शुरू में जूस और फल लेना फायदेमंद है। उसके बाद सूप और खिचड़ी भी दी जा सकती है।
- ठंडी चीजे या पेय न पीएं।
- कुछ मात्रा में कच्ची या थोड़ी उबली हुई सब्जियां ली जा सकती है।
- सोने से पहले हल्दी और अदरक गर्म दूध में डाल कर पीने से भी लाभ होता है।
- इस रोग में खट्टी चीजें जैसे अचार, दही आदि का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती।
- दूध और दूध से बनी चीजो को भी इस रोग में न खाने के लिए कहा जाता है।
व्यायाम
इओसिनोफिलिया के घरेलू उपाय में मुख्य है व्यायाम करना। व्यायाम करने से आप इस रोग के लक्षणों से कुछ हद तक राहत पा सकते हैं। इसके लिए पहले डॉक्टर की सलाह ले लें, कि आपको कौन-सी एक्सरसाइज या व्यायाम करने चाहिए। रोजाना व्यायाम करें या सैर करें ताकि आपके फेफड़े मजबूत बने और आप स्वस्थ रहें।
योग करें
कुछ योगासन भी इस समस्या में राहत पाने के लिए आपकी मदद कर सकते हैं जैसे प्राणायाम , सूर्य नमस्कार, वज्रासन, भुजंगासन, पद्मासन, हलासन आदि। इसके साथ ही ध्यान करने से भी आपको लाभ मिलेगा।
मौसम
इस रोग का एक कारण मौसम भी हो सकता है। अगर आपको मौसम से समस्याहै तो घर से बाहर निकलने से परहेज़ करें। ऐसी जगह पर न रहें, जहां हवा का प्रवाह सही न हो जैसे बंद या गर्म कमरा। ठंडी जगहों पर रहने से भी बचे। अपने गले और छाती को गर्म रखें।
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धूम्रपान
इओसिनोफिलिया के घरेलू उपाय यह भी है कि अगर आप धूम्रपान करते हैं तो उसे तुरंत छोड़ दें। धूम्रपान से यह समस्या बढ़ सकती है। इसके साथ ही ऐसी जगहों पर जाने से भी बचे, जहां धुआं या प्रदूषण हो।
दवाईयां
इसके साथ ही कुछ दवाईयां जैसे एस्पिरिन भी इस रोग के लक्षणों को बढ़ा सकती है। ऐसे में इन दवाईयों लेने से पहले डॉक्टर की पहले सलाह ले लें।
पालतू जानवर
पालतू जानवर भी इस विकार को बढ़ा सकते हैं जैसे बिल्ली, कुत्ते या पक्षी आदि। अगर आपके घर पालतू जानवर या पक्षी हैं। तो उनकी साफ-सफाई का खास ध्यान रखें और उन्हें अपने बैडरूम से दूर रखें। कॉकरोच या अन्य कीड़े -मकोड़ों से भी बचे। मोल्ड, पराग, और धूल आदि को अपने घर में न आने दें, इसके लिए खिड़की-दरवाजों को बंद रखें। अपने बिस्तर को भी समय-समय पर गर्म पानी से धोएं और धूप में सुखाएं।
इसके साथ ही रोगी की उम्र और अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर आपको अन्य इओसिनोफिलिया के घरेलू उपाय और उपचार लेने की सलाह दे सकते हैं।