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मोबाइल से कैंसर का क्या संबंध है, जानिए इस पर एक्सपर्ट की राय

मोबाइल से कैंसर का क्या संबंध है, जानिए इस पर एक्सपर्ट की राय

हममें से कई ऐसे लोग हैं, जिनकी रात और सुबह मोबाइल फोन (Mobile Phone) से ही शुरु होकर, उसी पर ही खत्म होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि जो मोबाइल फोन हमारी आदत बन चुका है, वो हमारे लिए कितनी नुकसानदेह है। यहां तक कि बात हमारी जान पर आ सकती है। जी हां,आप सही पढ़ रहे हैं। मोबाइल फोन का अधिक इस्तेमाल कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का कारण बन सकती है। मोबाइल से कैंसर के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के कैंसर विशेषज्ञों का भी यही मानना है कि लोगों में बढ़ता मोबाइल फोन का इस्तेमाल, उनमें ब्रेन टयूमर या कैंसर के खतरे को बढ़ सकता है। लेकिन सच तो यही है कि हम मोबाइल के बिना खुद की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। कुछ आकड़ो में भी यह पाया गया है कि ब्रेन कैंसर और ब्रेन ट्यूमर बुजुर्गों की तुलना में युवा वर्ग को बहुत तेजी से अपने चपेट में ला रहा है। यदि आप मोबाइल से कैंसर ( Cancer due to mobile) जैसी गंभीर बीमारी से बचना चाहते हैं, तो मोबाइल का इस्तेमाल केवल जरूरत पड़ने पर ही करें। यहां ब्रेन टयूमर के लक्षणों को भी समझें, ताकि आप खुद काे बचा सकें।

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मोबाइल से कैंसर : ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor)

मोबाइल से कैंसर की बात करें, तो अधिक मोबाइल के इस्तेमाल से ब्रेन टयूमर का खतरा (Brain Tumor Risk) बढ़ जाता है। मोबाइल से निकलने वाली तरंगे सीधी दिमाग को प्रभावित करती हैं। मोबाइल से कैंसर का खतरा और अधिक तब बढ़ जाता है, जब हम उसे अपने सिर से पास रखकर सोते हैं। जब शरीर के किसी भी अंग में आसामन्य कोशिकाओं का एक जगह निमार्ण होने लगता है, तो इसे ट्यूमर कहा जाता है। ये आसामन्य कोशिकाएं जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में उत्पन्न होने लगते हैं, तो इस स्थिति को ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। लेकिन सभी ब्रेन टयूमर कैंसर का रूप हो, यह नहीं कहा जा सकता है। कुछ ब्रेन ट्यूमर कैंसर वाले और कुछ बिना कैंसर (Cancer) वाले हो सकते हैं। इनके होने पर व्यक्ति में ब्रेन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। ब्रेन कैंसर यदि लास्ट स्टेज में पहुच जाए तो इलाज और जान बचाना बहुत मुश्किल हो जाता है। अक्सर इसक पता लोगों को आखरी स्टेज पर ही जाकर पता है चलता है। ऐसा नहीं है कि इसके कुछ शुरूआती लक्षण नहीं है। लक्षण होते है, पर लोग इस पर ध्यान नहीं देते हैं।

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मोबाइल  से कैंसर : ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण (Symptoms)

मोबाइल से कैंसर की बात कर रहे हैं, तो साथ में आपको ब्रेन ट्यूमर के शुरूआती लक्षणों के बारे में भी जानें यहां, जिस पर लोगों का ध्यान नहीं जाता है। ऐसे कुछ लक्षणों के बारे में जानते हैं यहां:

  • उल्टी होना (Vomiting) और खाना नहीं पचना
  • सिर में दर्द (Headache) ब्रेन ट्यूमर के शुरूआती लक्षण में से एक है। सुबह सोकर उठने के बाद खासतौर पर।
  • काम करते-करते चक्कर (Dizziness) महसूस होना।
  • हैवी वर्कआउट (Heavy Workout) के दौरान और व्यायाम के दौरान तेजी से सिरदर्द होना।
  • दृष्टि संबंधी तकलीफ (Eye Sight Problem) जैसे कि कुछ मिनट के लिए अंधेरा छा जाना या धुंधला दिखाई देना।
  • कानों में हमेशा ही कुछ आवाज सुनाई देती रहती है।
  • कमजोरी (Weakness), बोलने व चलने में दर्द आदि।

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  • दौरे पड़ना (Seizure)
  • थोड़ा सा काम करते ही थकावट (Exhaustion) महसूसा होना।
  • मांसपेशियों में ऐठन महसूस होना (Muscle cramps)
  • कभी-कभी काम करते-करते बेहोश (Unconscious) हो जाना।
  • ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor) के रोगी की याददाश्त पर भी असर पड़ सकता है।

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क्या है ब्रेन ट्यूमर का इलाज (Treatment)

मोबाइल से कैंसर से बचाव के लिए सबसे पहले मोबाइल के अधिक इस्तेमाल से बचें। ब्रेन ट्यूमर का इलाज (Brain tumor treatment) अब हमारे देश में संभव है। शुरुआत में ही अगर इस बीमारी का पता, तो इलाज भी आसान  हो जाता है और इसे ठीक भी किया जा सकता है।  इससे रोगी के ब्रेन को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचता है। इसलिए इसका समय रहते इलाज बहुत जरूरी है। अगर आप लक्षणों को नजरअंदाज करते हैं, तो ये आगे जाकर ट्यूमर, कैंसर (Cancer) का रूप भी ले सकता है। आधुनिक तकनीकों और सर्जरी के द्वारा आजकल ब्रेन ट्यूमर का इलाज  (Treatment भारत में संभव है

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इसके इलाज के लिए भारत में कई तकनीक उपलब्ध हैं। एंडोस्कोपिक एवं माईक्रोस्कोपिक तकनीकों से ट्यूमर का ऑपरेशन सफलता से किया जा सकता है। लेकिन साथ में यह बात भी निर्भर करती है कि ट्यूमर किस स्टेज (Tumor stage) का है। लास्ट स्टेज के ट्यूमर (Last Stage tumor) में इलाज की सफलता के बारे में कुछ खास कहा नहीं जा सकता है। एंडोस्कोपिक (Endoscopic) एवं माईक्रोस्कोपिक (Microscopic) तकनीक की मदद से पूरा ब्रेन को खोले बिना ही ट्यूमर आसानी से निकाला जा सकता है। नाक से ऑपरेशन के द्वारा भी इसका उपचार संभव है। ऑपरेशन के बाद रेडियोथेरेपी (Radiotherapy) और कीमोथेरिपी (Chemotherapy) से बचे हुए ट्यूमर को भी नष्ट किया जा सकता है।

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मोबाइल से कैंसर: बचाव के टिप्स (Tips)

माेबाइल कहीं आपके लिए जानलेवा न बनें इसलिए आपको मोबाइल के इस्तेमाल के साथ कुछ खास बातों का भी ध्यान रखना आवश्यक है, जैसे कि:

  • सोते समय मोबाइल अपने पास न रखें, विशेषतौर पर सिर के पास।
  • मोबाइल का कम से कम इस्तेमाल करने की कोशिश करें, जब अधिक जरूर हो।
  • अपने डायट (Diet) में एंटी ऑक्सिडेंट युक्त फूड लें।
  • नींद (Sleep)का पूरा ध्यान रखें।

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यहां मोबाइल से कैंसर के बारे में जाना आपने यहां। ऐसी स्थिति को रोकेने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप मोबाइल का इस्तेमाल कर दें। बहुत अधिक जरूरत पड़ने पर ही करें। अपनी नींद और डायट का विशेष ध्यान रखें। ऊपर दिए गए लक्षणों को अनदेखा न करें। इसके अलावा अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Current Version

24/06/2021

Written by डॉ. अनीता मैथ्यू

Updated by: Niharika Jaiswal


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Written by

डॉ. अनीता मैथ्यू

फैमिली मेडिसिन · Fortis Hospital, Mulund


अपडेटेड 24/06/2021

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