अगर इस कैंसर का निदान जल्दी हो जाता है, तो सर्जरी इसका सबसे प्रभावी उपचार है। लेकिन अगर यह एडवांस्ड लेवल पर डिटेक्ट होता है, तो कैंसर को पर्याप्त रूप से नियंत्रित करने के लिए उपचार संभव नहीं हो सकता है और इसके साथ ही सपोर्टिव केयर की भी जरूरत होती है। जिसमें इस दौरान नजर आने वाले लक्षणों का उपचार शामिल है। अब जानते हैं कि पैंक्रियाटिक कैंसर और डायबिटीज (Pancreatic Cancer and Diabetes) में क्या लिंक है?
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पैंक्रियाटिक कैंसर और डायबिटीज में क्या संबंध है? (Link Between Pancreatic Cancer and Diabetes)
पैंक्रियाटिक कैंसर और डायबिटीज(Pancreatic Cancer and Diabetes) में सबसे मुख्य लिंक यह है कि डायबिटीज पैंक्रियाटिक कैंसर (Pancreatic Cancer) का रिस्क फैक्टर या लक्षण हो सकता है। उन लोगों को यह कैंसर होने की संभावना और भी बढ़ जाती है जिन्हें लंबे समय से डायबिटीज की समस्या हो। कुछ अध्ययन यह भी बताते हैं कि पचास से अधिक उम्र के लोगों में भी इस कैंसर की स्थिति में डायबिटीज एक लक्षण के रूप में नजर आ सकती है। अगर किसी को डायबिटीज हो, लेकिन उनकी ब्लड शुगर लेवल अच्छे से कंट्रोल हों। इस कंट्रोल्ड डायबिटीज की स्थिति में भी अचानक ब्लड शुगर में बदलाव आना भी पैंक्रियाटिक कैंसर का लक्षण हो सकता है।
सर्कुलेटिंग इन्सुलिन का सामान्य से अधिक लेवल और इन्सुलिन के उत्पादन के लिए पैंक्रियाज पर प्रेशर के बढ़ने को डायबिटीज के संभावित कारणों के रूप में सुझाया गया है। जिससे पैंक्रियाटिक कैंसर का खतरा अधिक होता है। लेकिन जब हम सिक्के के दूसरे पहलू को देखते हैं तो पैंक्रियाटिक कैंसर (Pancreatic Cancer) पैंक्रियाज के द्वारा इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ाकर इन्सुलिन रेजिस्टेंस (Insulin Resistance) का कारण भी बन सकता है। यही नहीं, पैंक्रियाटिक कैंसर इन्सुलिन प्रोड्यूसिंग कैपेसिटी में कमी का कारण भी बन सकता है। यह दोनों स्थितियां ही डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकती हैं। अगर कैंसर ट्रीटमेंट के भाग के रूप में पैंक्रियाज को रिमूव कर दिया जाता है तो इससे भी डायबिटीज की समस्या हो सकती है।
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नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) की अनुसार पैंक्रियाटिक कैंसर (Pancreatic Cancer) एक गंभीर समस्या है और अस्सी प्रतिशत पैंक्रियाटिक कैंसर से पीड़ित मरीजों को डायबिटीज कि समस्या से पीड़ित पाया गया है। टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) इस कैंसर से जुड़ा एक रिस्क फैक्टर है। जल्दी इसके निदान से रोगी सामान्य जीवन जीने में सफल हो सकता है। अब जान लेते हैं डायबिटीज के उपचार के बारे में।
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डायबिटीज का उपचार कैसे संभव है? (Treatment of Diabetes)
अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज की समस्या है तो दवाईयों, थेरेपी या इन्सुलिन के साथ ही आपको अपने खानपान और जीवनशैली में बदलाव के लिए कहा जाएगा। डायबिटीज की समस्या को मैनेज करने के लिए आपको किसी खास डायटिशन की सलाह की जरूरत हो सकती है। इसके साथ ही नियमित रूप से ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) को मॉनिटर करना भी जरूरी है। अगर आपको पैंक्रियाटिक कैंसर और डायबिटीज (Pancreatic Cancer and Diabetes) दोनों की समस्या है, तो आपके लिए डायबिटीज को मैनेज करना थोड़ा मुश्किल और परेशानीभरा हो सकता है। लेकिन, अपने खानपान को सही रख कर और जीवनशैली में हेल्दी बदलाव कर के ऐसा संभव है।
जान लेते हैं कि रोगी का पैंक्रियाटिक कैंसर और डायबिटीज (Pancreatic Cancer and Diabetes) की स्थिति में खानपान कैसा होना चाहिए?
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पैंक्रियाटिक कैंसर और डायबिटीज में कैसा होना चाहिए आहार?