वल्वर लाइकेन स्क्लेरोसस (Vulvar lichen sclerosus) क्रॉनिक इंफ्लामेट्री डर्मेटोसिस है। इस बीमारी के कारण योनी में सफेद पैच या सफेद दाग दिखने लगते हैं। ये सफेद पैच वल्वा और एनस ( vulva and anus) में हो सकते हैं। इस समस्या के कारण व्यक्ति को जलन (Irritation,), खराश (Soreness), डिस्पेर्यूनिया (dyspareunia), यूरीनरी या फीकल इनकॉन्टिनेंस की समस्या हो सकती है। इस बीमारी के कारण जननांग का स्थान थोड़ा सिकुड़ जाता है, जिसके कारण सेक्स, शौच या फिर यूरिन पास करने के दौरान दर्द का एहसास होता है।
वल्वर लाइकेन स्क्लेरोसस (Vulvar lichen sclerosus) खुजली का कारण भी बन सकती है। अक्सर पेशेंट को इस बीमारी के बारे में जल्दी जानकारी नहीं मिल पाती है, जिससे इसका निदान (Diagnosis) होने में अधिक समय लग जाता है। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको वल्वर लाइकेन स्क्लेरोसस (Vulvar lichen sclerosus) के बारे में जानकारी देंगे और बताएंगे कि इसका इलाज संभव है या फिर नहीं।
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वल्वर लाइकेन स्क्लेरोसस (Vulvar lichen sclerosus)
महिलाओं में योनी संरचना में वल्वा महत्वूर्ण स्थान है लेकिन महिलाओं का ध्यान यहां कम ही जाता है। मेडिकल लिट्रेचर में इसे फॉरगोटन पेल्विक ऑर्गन (Forgotten pelvic organ) के नाम से भी जाना जाता है। वीएलएस क्रॉनिक इंफ्लामेट्री (Lymphocyte-mediated) डर्माटोज में से एक है, जो कि कम लोगों में होती है। जिन लोगों को इस बीमारी का सामना करना पड़ता है, उन्हें कई वर्षों तक इस बीमारी के बारे में जानकारी नहीं मिल पाती है। कुछ पेशेंट में इस बीमारी को अक्सर इंफेक्शन समझ लिया जाता है। कैंडिडा संक्रमण (Candida infection) वीएलएस रोगियों में अनकॉमन नहीं है, जो एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन ले रहे हो।
योनी के किनारे बालों से ढके होते हैं। इसे लेबिया माजोरा (Labia majora) कहा जाता है। लेबिया मेजा को फैलाने पर पर जो होंठे के समान लिप्स दिखाई पड़ते हैं, उनमें यानी योनी में सफेद पैच दिखने लगते हैं। इस स्थान के टिशू यानी ऊतक को वेस्टिबुल (Vestibule) कहा जाता है।वेस्टिबुल और लेबिया मेजा जिस स्थान पर मिलते हैं, उसे क्लाइटोरिस (Clitoris) कहा जाता है। वल्वर लाइकेन स्क्लेरोसस (Vulvar lichen sclerosus) इस स्थान को डैमेज करने के साथ ही पेरिनम (area between the anus and the vaginal opening) को भी प्रभावित करता है। ये बीमारी महिलाओं में अधिक कॉमन होती है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन ज्यादातर उन लड़कियों में होता है जिनके अभी तक पीरियड्स (Periods) शुरू नहीं हुए हैं। वहीं महिलाओं में मेनोपॉज ( menopause) के बाद इसकी अधिक संभावना रहती है।
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वल्वर लाइकेन स्क्लेरोसस के लक्षण (Symptoms of Vulvar Lichen Sclerosus)
वल्वर लाइकेन स्क्लेरोसस (Vulvar lichen sclerosus) के लक्षण आमतौर पर नहीं दिखते हैं। कुछ महिलाओं में इस बीमारी के लक्षण दिख भी सकते हैं। जानिए क्या होते हैं वल्वर लाइकेन स्क्लेरोसस के लक्षण।
- खुजली होना (Itching)
- वुल्वा और एनस के आसपास दर्द (pain around the vulva or anus)
- सेक्स के दौरान दर्द
- यूरिनेशन के दौरान दर्द
वल्वर लाइकेन स्क्लेरोसस के कारण अगर कोई लक्षण न दिख रहा हो, तो आपको समय समय पर जांच कराने की जरूरत पड़ सकती है। ऐसा रूटीन एक्जामिनेशन (Routine examination) के दौरान किया जा सकता है। अगर इस बीमारी का इलाज समय पर न कराया जाए, तो यूरिन पास करने के दौरान अधिक समस्या का सामना करना पड़ सकता है। निशान भी लेबिया ( Labia) को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे वे स्थायी रूप से एक साथ चिपक जाते हैं। इस कारण से सेक्स के दौरान भी समस्या हो सकती है। आपको इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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योनी में सफेद पैच के क्या हैं कारण?
योनी में सफेद पैच का कारण ज्ञात नहीं है लेकिन इसे एक ऑटोइम्यून बीमारी (Autoimmune disease) माना जा सकता है। ऑटोइम्यून डिजीज में शरीर का इम्यून सिस्टम नॉर्मल ऑर्गन को ही नुकसान पहुंचाने का काम करने लगता है। इस कारण से शरीर के ऑर्गन को नुकसान हो सकता है। जो महिलाएं वल्वर लाइकेन स्क्लेरोसस (Vulvar lichen sclerosus) से पीड़ित हैं, उनमें निष्क्रिय थायरॉयड ग्रंथि (Underactive thyroid gland) हो सकती है। इस कारण से ये बेहद जरूरी हो जाता है कि वल्वर लाइकेन स्क्लेरोसस (Vulvar lichen sclerosus) का समय रहते ट्रीटमेंट करवा लेना चाहिए। अगर आपको वल्वर लाइकेन स्क्लेरोसस डायग्नोज हुआ है, तो डॉक्टर आपको ब्लड टेस्ट के लिए कह सकते हैं ताकि थायरॉयड की जांच की जा सके। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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वल्वर लाइकेन स्क्लेरोसस का ट्रीटमेंट (Vulvar Lichen Sclerosus Treatment)
योनी में सफेद पैच की समस्या को पूरी तरह से खत्म करना मुमकिन नहीं होता है। डॉक्टर आपको इस बीमारी के लक्षण को कम करने के लिए दवा देते हैं। दवा का सेवन आपको कई समस्याओं से बचाने का काम करता है।अगर आपको योनी में सफेद पैच की समस्या हो गई है, तो डॉक्टर आपको परफ्यूम से युक्त साबुन या बॉडी वॉश आदि को इस्तेमाल न करने की सलाह देंगे। ऐसे में आपको वुल्वा और एनल एरिया को अच्छे से साफ करना चाहिए और हल्की खुशबू वाले माइल्ड सोप का इस्तेमाल करना चाहिए। आपको उस स्थान को हल्के से साफ करना चाहिए और तौलिए से रगड़ने की भूल नहीं करनी चाहिए। बेहतर होगा की आप मुलायम सूती कपड़े पहने। डॉक्टर आपको स्टेरॉयड मरहम (Steroid ointment) लगाने की सलाह देंगे, जो आपको समस्या से राहत पहुंचाने का काम करेगा। डॉक्टर से जानकारी लें आपको दवाओं का सेवन कब करना है और मरहम को दिन में कितनी बार इस्तेमाल करना है।
क्या वल्वर लाइकेन स्क्लेरोसस बढ़ा सकता है स्किन कैंसर का खतरा?
वल्वर लाइकेन स्क्लेरोसस की समस्या महिलाओं में स्क्वैमस सेल स्किन कैंसर (squamous cell carcinoma of the vulva) के खतरे को थोड़ा बढ़ा सकता है। पुरुषों में भी स्किन कैंसर की संभावन इस बीमारी के कारण बढ़ सकती है। अगर समय पर जांच के दौरान बायोप्सी करवा ली जाए, तो बड़ी समस्या से बचा जा सकता है। इस बीमारी की संभावना कम लोगों को रहती है लेकिन एहतियात ही बीमारी को रोकने में मदद करता है।
कैंसर की समस्या से बचने के लिए अवेयरनेस बहुत जरूरी है। अगर आपको स्किन कैंसर के लक्षण दिखते हैं, तो उन्हें पहचानकर तुरंत इलाज कराएं।कैंसर का शुरुआती ट्रीटमेंट कैंसर के साथ ही आपको कई समस्याओं से बचा सकता है। आप वल्वर लाइकेन स्क्लेरोसस (Vulvar lichen sclerosus) के बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। आप डॉक्टर से हर शंका का समाधान पा सकते हैं। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको वल्वर लाइकेन स्क्लेरोसस (Vulvar lichen sclerosus) के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको हेल्थ से संबंधित अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।