backup og meta

Flexura D: फ्लेक्सुरा डी क्या है? जानिए इसके उपयोग और साइड इफेक्ट्स

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Satish singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/06/2020

Flexura D: फ्लेक्सुरा डी क्या है? जानिए इसके उपयोग और साइड इफेक्ट्स

फंक्शन

फ्लेक्सुरा डी (Flexura D) कैसे काम करती है?

फ्लेक्सुरा डी टैबलेट का इस्तेमाल दर्द को मिटाने के साथ ही मांसपेशियों से जुड़ी जकड़न और इंज्युरी को ठीक करने के लिए किया जाता है। अच्छे नतीजे पाने के लिए इस दवा को देने के साथ मरीज को आराम करने की सलाह दी जाती है वहीं जरूरत पड़े तो मरीज को फिजिकल थेरिपी की सलाह भी दी जाती है।

बता दें कि इस दवा में मेटाक्सालोन और डिफिनेक मुख्य इंग्रीडिएंट्स हैं। यह दोनों ही ड्रग्स मसल्स रिलेक्सेंट कैटेगरी से आते हैं और नॉन स्टेरॉयडल एंटी इंफ्लमेटरी ड्रग्स हैं। इनमें मेटाक्सालोन मांसपेशियों की जकड़ने से निजात दिलाने में जहां मदद करता है, वहीं दर्द से निजात भी दिलाता है। वहीं डिफिनेक ऐसे कैमिकल्स मैसेंजर्स को रोकने का काम करते हैं जिसके कारण दर्द व जलन होती है। यह दवा रेडनेस, सूजन, दर्द और बुखार से निजात दिलाती है।

डोसेज

फ्लेक्सुरा डी (Flexura D) का सामान्य डोज क्या है?

फ्लेक्सुरा डी को एक्सपर्ट मरीज की उम्र, हाइट, वेट और मेंटल स्टेटस को देखने के साथ एलर्जिक रिएक्शन व हेल्थ कंडिशन को देखकर देते हैं। व्यस्कों को यह दवा दो से तीन बार दी जा सकती है। कई केस में तीन से चार बार भी दवा दी जाती है। वहीं बच्चों को पीडिएट्रिक की सलाह के बाद ही यह दवा देनी चाहिए।

फ्लेक्सुरा डी (Flexura D) की खुराक मिस हो जाए तो क्या करूं?

यदि आप फ्लेक्सुरा डी टैबलेट का सेवन करना भूल जाते हैं तो उस परिस्थिति में जरूरी है कि जितनी जल्दी आपको याद आए दवा का सेवन करें। अगर दूसरी डोज का समय आ गया है तो छूटी हुई डोज को छोड़ दें और निर्धारित डोज का सेवन करें। डबल डोज न लें।

ओवरडोज या आपात स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए?

डॉक्टर के सुझाए डोज से यदि आप ज्यादा मात्रा में डोज का सेवन कर लेते हैं तो जरूरी है कि जल्दी से जल्दी डॉक्टरी सलाह लें। इस परिस्थिति में आपको मेडिकल इमरजेंसी तक की जरूरत पड़ सकती है।

[mc4wp_form id=’183492″]

और पढ़ें : Diclomol: डिक्लोमोल क्या है? जानिए इसके उपयोग और साइड इफेक्ट्स

उपयोग

फ्लेक्सुरा डी (Flexura D) का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए?

फ्लेक्सुरा डी का सेवन आप चाहें तो खाने के साथ या बिना भोजन के पानी के साथ कर सकते हैं, लेकिन खाने के बाद यदि इसका सेवन करेंगे तो फायदा पहुंचेगा और स्टमक संबंधी परेशानी भी नहीं होगी, लेकिन जरूरी है कि पहले डॉक्टरी सलाह ली जाए, उसके बाद ही दवा का सेवन शुरू करें।

फ्लेक्सुरा डी टैबलेट के सेवन को लेकर जरूरी है कि खुराक संबंधी डॉक्टर के दिए दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। वहीं इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि डॉक्टर के द्वारा सुझाए गए डोज का न कम और न ही ज्यादा मात्रा में सेवन करना चाहिए। वहीं दवा के सेवन को लेकर रिएक्शन होता है या फिर स्थिति और गंभीर होती है तो जरूरी है कि जल्द से जल्द इमरजेंसी ट्रीटमेंट करवाना चाहिए। वहीं सबसे जरूरी है कि दवा का सेवन डॉक्टर से पूछकर और दवा को छोड़ने संबंधी निर्णय भी डॉक्टर से पूछकर ही करना चाहिए। इस दवा का उपयोग निम्न परिस्थितियों में किया जाता है।

निम्न समस्याओं से निजात दिलाने में होता है फ्लेक्सुरा डी का इस्तेमाल

और पढ़ें : Nurokind: न्यूरोकाइंड क्या है? जानिए इसके उपयोग और साइड इफेक्ट्स

साइड इफेक्ट्स

फ्लेक्सुरा डी (Flexura D) के क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?

इस दवा के सेवन से निम्न प्रकार के साइड इफेक्ट्स देखने को मिले हैं।

और पढ़ें : Perinorm: पेरिनोर्म क्या है? जानिए इसके उपयोग और साइड इफेक्ट्स

सावधानी और चेतावनी

फ्लेक्सुरा डी (Flexura D) का इस्तेमाल करने से पहले मुझे क्या जानना चाहिए?

फ्लेक्सुरा डी का सेवन करने को लेकर कई मामलों में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है, यदि वे पहले से किसी बीमारी की दवा का सेवन रहे हैं या फिर उन्हें कोई बीमारी है। इन कंडिशन में जरूरी है कि मरीज को डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए या यूं कहें लोगों को सावधान रहना चाहिए।

इन मामलों में लोगों को नहीं करना चाहिए फ्लेक्सुरा डी का सेवन

  • एलर्जी : यदि आपको पता है कि मेटाक्सालोन दवा या इस दवा में मौजूद तत्वों से एलर्जी है तो उस मामले में इस दवा का सेवन कतई नहीं करना चाहिए। इस मामले में संबंधित डॉक्टर से बात करना चाहिए।
  • हिमोलेटिक एनीमिया को देता है बढ़ावा : बता दें कि इस दवा का सेवन ऐसे लोगों को नहीं करना चाहिए जो पहले से ही एनीमिक या हेमोलेटिक एनीमिया की बीमारी से पीड़ित होते हैं। ऐसे में संभावनाएं बनती हैं कि मरीज की स्थिति और गंभीर हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि इन बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति इस दवा का सेवन करने के पूर्व डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

ये लोग भी सतर्कता के साथ करें फ्लेक्सुरा डी का सेवन

  • ब्रेस्टफीडिंग : शिशु को दूध पिलाने वाली महिलाओं को इस दवा का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है। महिलाओं को इस दवा का सेवन करने के पूर्व डॉक्टर से इस दवा को लेकर चर्चा करनी चाहिए। जरूरत हो तो डोज परिवर्तन कर सकते हैं या फिर वैकल्पिक दवाओं का सेवन कर सकते हैं, लेकिन उसके पहले जरूरी है कि डॉक्टरी सलाह लेते रहें।
  • प्रेग्नेंसी : इस दवा का सेवन गर्भवती महिलाओं को नहीं करने की सलाह दी जाती है, वहीं एकदम जरूरी मामलों में ही डॉक्टर इस दवा का सेवन करने की इजाजत देते हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को इस दवा का सेवन करने के पूर्व डॉक्टर से इस दवा को लेकर चर्चा करनी चाहिए। जरूरत हो तो डोज परिवर्तन कर सकते हैं या फिर वैकल्पिक दवाओं का सेवन कर सकते हैं।
  • बच्चों के इस्तेमाल को लेकर : 12 साल के कम उम्र के बच्चों पर इस दवा के सेवन को लेकर ज्यादा शोध नहीं किए गए हैं। दवा का बच्चों की सेफ्टी पर क्या और कितना असर होता है इस पर शोध होना बाकी है। ऐसे में सही यही होगा कि बच्चों को दवा देने के पूर्व डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
  • रेनल डिजीज : गुर्दे की बीमारी (रेनल डिजीज) से ग्रसित मरीजों के मामले में देखा गया है कि उनकी स्थिति सामान्य से गंभीर हो सकती है। इसलिए इसके सेवन को लेकर डॉक्टरी सलाह लेनी बेहद ही जरूरी है। वहीं एक्सट्रीम मामलों में ही जरूरत पड़ने पर डॉक्टर अपनी निगरानी में दवा लेने की सलाह देते हैं। मरीज की क्लीनिकल कंडिशन को ध्यान में रखते हुए जरूरत पड़ने पर डोज एडजस्टमेंट किया जाता है। वहीं गंभीर गुर्दे की बीमारी से ग्रसित मरीजों को इस दवा के सेवन की सलाह नहीं दी जाती है।
  • लिवर डिजीज : लीवर डिजीज से ग्रसित मरीजों की बात करें तो बेहद ही जरूरी मामलों में ही इस दवा को मरीज को दिया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि संभावनाएं रहती हैं कि यदि इस दवा को मरीज को दिया जाए तो उनके लक्षण बढ़ सकते हैं। इस मामले में डॉक्टरी सलाह के अनुसार मरीज की क्लीनिकल कंडिशन को देखते हुए डोज एडजस्टमेंट कर सकते हैं। वहीं गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों को इस दवा का सेवन की सलाह नहीं दी जाती है। क्योंकि उनकी सेहत बिगड़ने की संभावनाएं रहती है।
  • मरीज हो सकता है बेहोश (सिडेशन-बेहोशी की क्रिया) : दवा का सेवन करने से व्यक्ति थोड़ा से लेकर गंभीर रूप से बेहोश हो सकता है। ऐसे में इसके सेवन को लेकर सजग रहना चाहिए। जरूरी है कि दवा का सेवन करने के बाद काफी सजग होकर ड्राइविंग करना चाहिए। वहीं यदि आप कंपनी में काम करते हैं और हैवी मशीन चलाते हैं तो उस दौरान भी दवा का सेवन करने के बाद सजग होने की आवश्यकता होती है। जरूरी है कि मेंटल अलर्टनेस के साथ काम करें।

और पढ़ें : Bro Zedex: ब्रो जेडेक्स क्या है? जानिए इसके उपयोग और साइड इफेक्ट्स

रिएक्शन

कौन-सी दवाइयां फ्लेक्सुरा डी (Flexura D) के साथ रिएक्शन कर सकती हैं?

वैसे तो हर दवा हर व्यक्ति पर अलग अलग तरीके से रिएक्ट करती है। फ्लेक्सुरा डी को लेने से पहले भी इसके रिएक्शन को लेकर डॉक्टरी सलाह जरूर लेना चाहिए ताकि उसके रिएक्शन से समय रहते बचा जा सके।

इन दवाओं के साथ हो सकता है फ्लेक्सुरा डी का रिएक्शन 

  • एमिट्रिफिटिलीन (Amitriptyline)
  • फ्लूवोक्सामीन (Fluvoxamine)
  •  ट्रेमाडोल (Tramadol)
  •  सोडियम ऑक्सीबेट (Sodium oxybate)
  •  मिप्रोबामेट (Meprobamate)
  • शराब के साथ सेवन : इस दवा का सेवन करने के साथ शराब का सेवन करने की सलाह डॉक्टर नहीं देते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि लोगों को दवा के साथ शराब का सेवन करने से नींद न आना, सिर चकराना, एकाग्र करने में परेशानी आ सकती है। इतना ही नहीं इस दवा का सेवन करने के बाद डॉक्टर सलाह देते हैं कि संभव हो सके तो गाड़ी न चलाएं, हैवी मशीन पर काम न करें, मशीन ऑपरेट न करें।

 इन बीमारियों के साथ रिएक्शन की होती है संभावनाएं 

  • एनीमिया : ऐसे मरीज जो हिमोलेटिक एनीमिया या एनीमिया की अन्य बीमारी से ग्रसित होते हैं उन्हें इस फ्लेक्सुरा डी का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि संभावनाएं रहती हैं कि दवा का सेवन करने के कारण मरीज के लक्षण और बढ़ सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि मरीज के क्लीनिकल कंडिशन को भांपते हुए ट्रीटमेंट की अलग प्रक्रिया अपनानी चाहिए। इसलिए जरूरी है कि ऐसे मामलों में डॉक्टरी सलाह ली जाए।

और पढ़ें : Prothiaden: प्रोथीआडेन क्या है? जानिए इसके उपयोग और साइड इफेक्ट्स

स्टोरेज

फ्लेक्सुरा डी (Flexura D) को कैसे करूं स्टोर?

फ्लेक्सुरा डी को घर में सामान्य रूम टेम्प्रेचर में ही रखें, कोशिश करें कि उसे सूर्य कि किरणों से बचाकर रखें। 25 डिग्री तापमान दवा के लिए बेस्ट है, लेकिन फ्रिज में रखने की गलती कतई न करें। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो यह दवा सामान्य रूप से काम नहीं कर पाएगी। इसके अलावा इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए। एक्सपायरी डेट चेक करें। वहीं इसे एयरटाइट कंटेनर में रखना चाहिए। इतना ही नहीं दवा को फ्लश नहीं करना चाहिए, इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच सकता है। दवा एक्सपायर हो जाए तो उसे कैसे डिस्पोज करना है उसको लेकर फॉर्मासिस्ट से सलाह लेनी चाहिए।

 फ्लेक्सुरा डी (Flexura D) किस रूप में उपलब्ध है?

  •  टैबलेट

इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डॉक्टरी सलाह लें। ।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Satish singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/06/2020

advertisement iconadvertisement

Was this article helpful?

advertisement iconadvertisement
advertisement iconadvertisement