परिचय
कालमेघ (Kalmegh) क्या है?
कालमेघ एक हर्ब है जिसका इस्तेमाल सालों से आयुर्वेद और चाइनीज दवाओं में किया जा रहा है। स्वाद में यह हर्ब कड़वी होती है। इसमें मौजूद एंड्रोग्राफिस (andrographis) पदार्थ के लिए यह हर्ब जानी जाती है। इस पदार्थ में एंटी-इन्फलामेटरी, एंटीवायरल और एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज होती हैं। कालमेघ का वानस्पातिक नाम एन्ड्रोग्राफिस पैनिक्युलाता (Andrographis paniculata) है। इसके एन्ड्रोग्राफिस, ग्रीन चिरेट्टा (green chiretta) और किंग ऑफ बिटर (king of bitter) के नाम से भी जाना जाता है। सालों से इसका इस्तेमाल कोल्ड, अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, फीवर, गले में खराश आदि के लिए किया जाता है। इसकी पत्तियों और जड़ में औषधीय गुण होते हैं।
कालमेघ (Kalmegh) का उपयोग किस लिए किया जाता है?
अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Upper Respiratory Tract Infections)
2017 के एक शोध के अनुसार, कालमेघ अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लक्षण को दूर करने में मदद करता है। कफ और गले में खराश के लिए इसे रिकमेंड किया जाता है। इसके अलावा टॉन्सिल, रेस्पिरेटरी इंफेक्शन और टीबी के इलाज में भी इसे उपयोगी माना जाता है।
मल्टीपल स्कलेरोसिस (Multiple Sclerosis)
बीएमसी न्यूरोलॉजी की एक स्टडी के अनुसार, कालमेघ का सेवन करने से मल्टीपल स्केलेरोसिस से ग्रसित लोगों में थकान को कम करने में मदद मिल सकती है। जिन लोगों को इस शोध में शामिल किया गया था उन्हें एक साल तक दिन में दो बार कालमेघ दिया गया। इन लोगों में क्रोनिक फैटिग की परेशानी में काफी कमी देखने को मिली।
ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis)
कुछ शोध के अनुसार, रोजाना इस हर्ब का एक्सट्रेक्ट लेने से ऑस्टियोअर्थराइटिस से होने वाले जोड़ों में सूजन, दर्द और कठोरता कम होती है।
अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis)
कई शोध के अनुसार, अल्सरेटिव कोलाइटिस और क्रोहन रोग में कालमेघ का प्रयोग हर्बल उपचार के तौर पर किया जाता है।
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इन परेशानियों में भी मददगार है कालमेघ का इस्तेमाल:
- कैंसर (Cancer)
- रयूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis)
- एलर्जी (Allergies)
- एनोरेक्सिया (Anorexia)
- हृदय रोग (Heart disease)
- एचआईवी एड्स HIV/AIDS)
- इंफेक्शन (Infections)
- लिवर रोग (Liver problems)
- पैरासाइडट्स (Parasites)
- साइनस इंफेक्शन (Sinus infections)
- त्वचा रोग (Skin diseases)
- अल्सर (Ulcers)
- डिस्पेप्सिया (dyspepsia)
- इंफ्लूएंजा (influenza)
- डिसेंटरी (dysentery)
- मलेरिया (malaria)
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कालमेघ (Kalmegh) कैसे काम करता है?
- हेपाटोप्रोटेक्टिव (Hepatoprotective): लिवर और गॉलब्लेडर को सुरक्षित रखने में मदद करती हैं
- एंटी-एक्ने (Anti-acne): त्वचा पर पिंपल्स होने से बचाता है
- वर्मसिडल (Vermicidal): पेट में कीड़ों को मारती है साथ ही इंटेस्टाइन को दुरुस्त रखती है
- लैक्सेटिव (Laxative): कब्ज संबंधित परेशानियों में मददगार
- हाइपोग्लाइसेमिक(Hypoglycemic): ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के साथ इम्यूनल सिस्टम को दुरुस्त रखता है
- एक्सपेक्टोरेंट (Expectorant): श्वसन प्रणाली से बलगम के निर्वहन को बढ़ावा देता है
- एंटीबैक्टीरियल (Antibacterial): बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है। आयुर्वेद में इसे बैक्टीरियल इंफेक्शन में रिकमेंड किया जाता है।
- एंटी-इन्फलामेटरी (Anti-inflammatory): सूजन को कम करती है
- वेनोमॉस (venomous): सांप के कांटने या कीड़ों के जहरीले डंक के लिए यह एंटीडॉट की तरह काम करती है।
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सावधानियां और चेतावनी
कालमेघ (Kalmegh) का उपयोग करना कितना सुरक्षित है?
निम्नलिखित परिस्थितियों में कालमेघ का सेवन करने से परहेज करना बेहतर होगा:
प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग: कालमेघ का सेवन इन दोनों ही स्थितियों में खतरनाक साबित हो सकता है। इसके कारण मिसकैरेज होने का खतरा बढ़चा है। अपने और अपने बच्चे की सेफ्टी का ख्याल रखते हुए इसका सेवन एवॉइड करें।
बच्चों: बच्चों के लिए भी एंड्रोग्राफिस का सेवन सुरक्षित नहीं है। एंड्रोग्राफिस को दूसरी हर्ब्स के साथ मिलाकर कई परेशानियों के इलाज के लिए तीन से पंद्राह साल के बच्चों को दिया जाता है।
लो ब्लड प्रेशर (Low blood pressure): कई शोध के अनुसार, कालमेघ शुगर लेवल को कम कर सकता है। इसलिए जिन लोगों का ब्लड शुगर कम रहता है उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
ब्लीडिंग कंडिशन (Bleeding conditions): एंड्रोग्राफिस रक्त के थक्के को धीमा कर सकता है। इससे ब्लीडिंग डिसऑर्डर वाले लोगों में रक्तस्राव या चोट लगने का खतरा बढ़ सकता है।
एक्यूट किडनी इंजरी (Acute kidney injury): एक्यूट किडनी इंजरी के पेशेंट्स को भी इस हर्ब का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
ऑटोइम्यून डिजीज (Auto-immune Diesease): जिन लोगों को मल्टीपल स्कलेरोसिस, ल्यूपस, रयूमेटाइड अर्थराइटिस या कोई दूसरी परेशानी है तो हो सकता है इसका सेवन करने के बाद उनके लक्षण पहले से ज्यादा हो जाएं। इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें।
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इन दवाओं के साथ कालमेघ का सेवन नुकसानदेह साबित हो सकता है:
एंटीहायपरटेंसिव ड्रग्स (Antihypertensive drugs): कालमेघ का सेवन करने से ब्लड प्रेशर लो होता है। यदि आप हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं ले रहे हैं तो इसके साथ कालमेघ का सेवन न करें। क्योंकि दोनों को साथ में लेने से आपका ब्लड प्रेशर अत्यधिक कम हो सकता है। हाई ब्लड प्रेशर के लिए दी जाने वाली कुछ दवाएं कैप्टोप्रिल (captopril), इनालाप्रिल (Enalapril), डिल्टिजेम (diltiazem), लोसारटन (losartan), वलसार्टन (Valsartan), एम्लोडीपिन (Amlodipine), हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड (Hydrochlorothiazide), फ्युरोसेमाइड (furosemide) आदि शामिल हैं।
इम्युनो-सप्रेसेंट दवाएं (Immunosuppressants): यदि आप इम्युनो-सप्रेसेंट दवाएं ले रहे हैं तो कालमेघ का सेवन न करें। इससे दवाओं का असर प्रभावित हो सकता है। इन दवाओं से आपकी स्थिति गंभीर हो सकती है। इम्युनो-सप्रेसेंट दवाओं की लिस्ट में एजेथायोप्रीन (azathioprine), बेसिलिक्सीमाब (basiliximab), साइक्लोस्पोरिन (Cyclosporine), प्रिडनिसोन (prednisone), डेक्लिजुमेब (daclizumab), टैक्रोलीमस (Tacrolimus), मायकोफेनोलेट (mycophenolate), सिरोलिमुस (sirolimus), कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स (Corticosteroids) आदि शामिल हैं।
एंटीकोग्युलेंट/ एंटी-प्लेटलेट ड्रग्स (Anticoagulant / Antiplatelet drugs): कालमेघ ब्लड क्लॉटिंग को धीमा करता है। इस हर्ब के साथ एंटीकोग्युलेंट/ एंटी-प्लेटलेट ड्रग्स का सेवन करना खतरनाक साबित हो सकता है। क्योंकि ये दवाएं भी ब्लड क्लॉटिंग यानि खून के थक्को का बनना धीमा करती हैं। इस हर्ब और दवा का साथ में सेवन करने से ब्लीडिंग का खतरा अधिक होता है। एंटीकोग्युलेंट/ एंटी-प्लेटलेट ड्रग्स में एस्पिरिन (Aspirin), क्लोपिडोग्रेल (Clopidogrel) डिक्लोफेनाक (diclofenac), आइबूप्रोफेन (Ibuprofen), नेप्रोक्सेन (Naproxen), डेल्टेपेरिन (dalteparin), इनोक्सापेरिन (enoxaparin), वार्फरिन (Warfarin) आदि शामिल हैं।
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साइड इफेक्ट्स
कालमेघ (Kalmegh) से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
ज्यादातर लोगों के लिए सीमित मात्रा में कालमेघ का सेवन सुरक्षित है। कुछ लोगों में इससे निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स नजर आ सकते हैं:
- भूख न लगना (loss of appetite)
- डायरिया (diarrhea)
- उल्टी (vomiting)
- रैशेज (rash)
- सिरदर्द (headache)
- नाक बहना (runny nose)
- थकान (fatigue)
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अत्यधिक मात्रा में कालमेघ को लेने से नीचे बताए साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं:
- लिम्फ नोड्स में सूजन (swollen lymph glands)
- एलर्जी के गंभीर रिएक्शन (serious allergic reactions)
- लिवर एंजाइम का बढ़ना (elevations of liver enzymes)
कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जिनके बारे में ऊपर जानकारी नहीं दी गई है। कालमेघ का सेवन करने के बाद आपको अपने शरीर में किसी भी तरह के बदलाव नजर आते हैं तो इसे लेकर अपने चिकित्सक या हर्बलिस्ट से बात करें।
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डोसेज
कालमेघ (Kalmegh) को लेने की सही खुराक क्या है?
कालमेघ की डोसेज को लेकर कोई पुश्ता जानकारी नहीं है। इसे लेकर अधिक शोध की जरूरत है। उदाहरण के तौर पर एक शोध में कोमन कोल्ड (common cold) के लिए 4 से 5.6 मिलीग्राम कालमेघ के साथ 400 मिलीग्राम साइबेरियन जिसेंग के साथ मिलाकर दिन में तीन बार लेने की सलाह दी गई गै। वहीं एक दूसरे शोध में 200 मिलीग्राम कालमेघ एक्सट्रैक्ट को पांच दिन तक लेने के लिए बताया गया है।
हर किसी के लिए कालमेघ की खुराक अलग हो सकती है। यह व्यक्ति की उम्र, मेडिकल हिस्ट्री आदि पर निर्भर करता है। बेहतर होगा सही खुराक के लिए डॉक्टर से चर्चा करें। कभी भी अपनी खुराक को खुद से निर्धारित न करें। किसी भी हर्ब को लेने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से कंसल्ट करना जरूरी होता है।
उपलब्ध
कालमेघ (Kalmegh) किन रूपों में उपलब्ध है?
कालमेघ निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है:
- पाउडर (Powder)
- कैप्सूल (capsule)
- टिंचर (tincture)
अगर आपका इससे जुड़ा किसी तरह का कोई सवाल है, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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