के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
फ्लेक्सुरा डी टैबलेट का इस्तेमाल दर्द को मिटाने के साथ ही मांसपेशियों से जुड़ी जकड़न और इंज्युरी को ठीक करने के लिए किया जाता है। अच्छे नतीजे पाने के लिए इस दवा को देने के साथ मरीज को आराम करने की सलाह दी जाती है वहीं जरूरत पड़े तो मरीज को फिजिकल थेरिपी की सलाह भी दी जाती है।
बता दें कि इस दवा में मेटाक्सालोन और डिफिनेक मुख्य इंग्रीडिएंट्स हैं। यह दोनों ही ड्रग्स मसल्स रिलेक्सेंट कैटेगरी से आते हैं और नॉन स्टेरॉयडल एंटी इंफ्लमेटरी ड्रग्स हैं। इनमें मेटाक्सालोन मांसपेशियों की जकड़ने से निजात दिलाने में जहां मदद करता है, वहीं दर्द से निजात भी दिलाता है। वहीं डिफिनेक ऐसे कैमिकल्स मैसेंजर्स को रोकने का काम करते हैं जिसके कारण दर्द व जलन होती है। यह दवा रेडनेस, सूजन, दर्द और बुखार से निजात दिलाती है।
फ्लेक्सुरा डी को एक्सपर्ट मरीज की उम्र, हाइट, वेट और मेंटल स्टेटस को देखने के साथ एलर्जिक रिएक्शन व हेल्थ कंडिशन को देखकर देते हैं। व्यस्कों को यह दवा दो से तीन बार दी जा सकती है। कई केस में तीन से चार बार भी दवा दी जाती है। वहीं बच्चों को पीडिएट्रिक की सलाह के बाद ही यह दवा देनी चाहिए।
यदि आप फ्लेक्सुरा डी टैबलेट का सेवन करना भूल जाते हैं तो उस परिस्थिति में जरूरी है कि जितनी जल्दी आपको याद आए दवा का सेवन करें। अगर दूसरी डोज का समय आ गया है तो छूटी हुई डोज को छोड़ दें और निर्धारित डोज का सेवन करें। डबल डोज न लें।
डॉक्टर के सुझाए डोज से यदि आप ज्यादा मात्रा में डोज का सेवन कर लेते हैं तो जरूरी है कि जल्दी से जल्दी डॉक्टरी सलाह लें। इस परिस्थिति में आपको मेडिकल इमरजेंसी तक की जरूरत पड़ सकती है।
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फ्लेक्सुरा डी का सेवन आप चाहें तो खाने के साथ या बिना भोजन के पानी के साथ कर सकते हैं, लेकिन खाने के बाद यदि इसका सेवन करेंगे तो फायदा पहुंचेगा और स्टमक संबंधी परेशानी भी नहीं होगी, लेकिन जरूरी है कि पहले डॉक्टरी सलाह ली जाए, उसके बाद ही दवा का सेवन शुरू करें।
फ्लेक्सुरा डी टैबलेट के सेवन को लेकर जरूरी है कि खुराक संबंधी डॉक्टर के दिए दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। वहीं इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि डॉक्टर के द्वारा सुझाए गए डोज का न कम और न ही ज्यादा मात्रा में सेवन करना चाहिए। वहीं दवा के सेवन को लेकर रिएक्शन होता है या फिर स्थिति और गंभीर होती है तो जरूरी है कि जल्द से जल्द इमरजेंसी ट्रीटमेंट करवाना चाहिए। वहीं सबसे जरूरी है कि दवा का सेवन डॉक्टर से पूछकर और दवा को छोड़ने संबंधी निर्णय भी डॉक्टर से पूछकर ही करना चाहिए। इस दवा का उपयोग निम्न परिस्थितियों में किया जाता है।
निम्न समस्याओं से निजात दिलाने में होता है फ्लेक्सुरा डी का इस्तेमाल
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इस दवा के सेवन से निम्न प्रकार के साइड इफेक्ट्स देखने को मिले हैं।
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फ्लेक्सुरा डी का सेवन करने को लेकर कई मामलों में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है, यदि वे पहले से किसी बीमारी की दवा का सेवन रहे हैं या फिर उन्हें कोई बीमारी है। इन कंडिशन में जरूरी है कि मरीज को डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए या यूं कहें लोगों को सावधान रहना चाहिए।
इन मामलों में लोगों को नहीं करना चाहिए फ्लेक्सुरा डी का सेवन
ये लोग भी सतर्कता के साथ करें फ्लेक्सुरा डी का सेवन
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वैसे तो हर दवा हर व्यक्ति पर अलग अलग तरीके से रिएक्ट करती है। फ्लेक्सुरा डी को लेने से पहले भी इसके रिएक्शन को लेकर डॉक्टरी सलाह जरूर लेना चाहिए ताकि उसके रिएक्शन से समय रहते बचा जा सके।
इन दवाओं के साथ हो सकता है फ्लेक्सुरा डी का रिएक्शन
इन बीमारियों के साथ रिएक्शन की होती है संभावनाएं
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फ्लेक्सुरा डी को घर में सामान्य रूम टेम्प्रेचर में ही रखें, कोशिश करें कि उसे सूर्य कि किरणों से बचाकर रखें। 25 डिग्री तापमान दवा के लिए बेस्ट है, लेकिन फ्रिज में रखने की गलती कतई न करें। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो यह दवा सामान्य रूप से काम नहीं कर पाएगी। इसके अलावा इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए। एक्सपायरी डेट चेक करें। वहीं इसे एयरटाइट कंटेनर में रखना चाहिए। इतना ही नहीं दवा को फ्लश नहीं करना चाहिए, इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच सकता है। दवा एक्सपायर हो जाए तो उसे कैसे डिस्पोज करना है उसको लेकर फॉर्मासिस्ट से सलाह लेनी चाहिए।
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डॉक्टरी सलाह लें। ।
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