सावधानी और चेतावनी
ग्रिलिंक्टस बीएम (Grilinctus BM) का इस्तेमाल करने से पहले मुझे क्या जानना चाहिए?
इस दवा का सेवन करने से पहले आपको निम्न बातें जानना चाहिए।
- एलर्जी होने पर ग्रिलिंक्टस बीएम (Grilinctus BM) का न करें इस्तेमाल : ऐसे मरीज जिनको टेरबुटालीन (terbutaline), ब्रोमहीक्सीन (bromhexine) सहित अन्य तत्व जो इस दवा में मौजूद होते हैं उनसे किसी को एलर्जी है तो ऐसे व्यक्ति को इस दवा का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है।
क्या प्रेग्नेंसी के दौरान ग्रिलिंक्टस बीएम (Grilinctus BM) को लेना सुरक्षित है?
इस दवा का सेवन गर्भवती महिलाओं को कतई नहीं करना चाहिए। बेहद जरूरी मामलों में डॉक्टरी सलाह के बाद और उनकी निगरानी में ही इस दवा का सेवन किया जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि इस दवा का सेवन करने के पूर्व उसके रिस्क व बेनिफिट्स के बारे में डॉक्टर से सलाह कर लेनी चाहिए।
क्या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ग्रिलिंक्टस बीएम (Grilinctus BM) को लेना सुरक्षित है?
शिशु को दूध पिलाने वाली महिलाओं को इस दवा का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है। बेहद जरूरी होने पर डॉक्टरी सलाह के बाद और उनकी निगरानी में ही इस दवा का सेवन किया जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि संभावनाएं रहती है कि कहीं इस दवा का सेवन करने से कोई साइड इफेक्ट हो। जरूरी है कि इस दवा का सेवन करने के पूर्व उसके रिस्क व बेनिफिट्स के बारे में डॉक्टर से सलाह कर लेना चाहिए।
- ड्राइविंग और हैवी मशीनरी चलाने को लेकर : इस दवा का सेवन करने से लोगों को सिर चकराना, जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। ऐसे में मरीज को सलाह दी जाती है कि वे दवा का सेवन करने के बाद गाड़ी न चलाए या फिर वे हैवी मशीन चलाते हैं तो उन्हें ऐसा नहीं करने की सलाह दी जाती है। ऐसा करना उनकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
- बच्चों के इस्तेमाल पर एक नजर : छह साल से कम उम्र के बच्चों को यह दवा नहीं दी जानी चाहिए। उनकी सुरक्षा को लेकर यह कदम उठाया जाता है। यदि वे सेवन कर लेते हैं तो उनकी तबियत खराब हो सकती है।
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रिएक्शन
कौन-सी दवाइयां ग्रिलिंक्टस बीएम (Grilinctus BM) के साथ रिएक्शन कर सकती हैं?
हर दवा हर व्यक्ति पर अलग-अलग तरीके से रिएक्ट करती है। इस दवा को लेने से पहले भी इसके रिएक्शन को लेकर डॉक्टरी सलाह जरूर लेना चाहिए। ताकि उसके रिएक्शन से समय रहते बचा जा सके।
इन दवाओं के साथ हो सकता है इंटरैक्शन
- एससिटालोप्राम (Escitalopram)
- प्रोप्रनोलोल (Propranolol)
- फूरोसिमाइड (Furosemide)
- एंटीबायटिक (Antibiotics)
- क्लोजापीन (Clozapine)
- कारवेडिलोल (Carvedilol)
- एमिओडरोन (Amiodarone)
- लेबेटालोल (Labetalol)
- मॉक्सीफिलोक्सीन (Moxifloxacin)
क्या ग्रिलिंक्टस बीएम (Grilinctus BM) भोजन या एल्कोहॉल के साथ रिएक्शन करती है?
इस दवा का सेवन करने के साथ शराब का सेवन करने की सलाह डॉक्टर नहीं देते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि लोगों को दवा के साथ शराब का सेवन करने से कई प्रकार की समस्या हो सकती है। बता दें कि इस पर इतने ज्यादा शोध नहीं हुए हैं, जरूरी है कि आप नियमित तौत पर शराब का सेवन करते हैं तो जरूरी है कि इसको लेकर डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
इन बीमारियों के साथ इस दवा का सेवन करने के हो सकता है रिएक्शन
- कार्डियोवस्कुलर डिजीज
- डायबिटीज
- सीजर्स
- हाइपोकेलिमिया
क्या ग्रिलिंक्टस बीएम (Grilinctus BM) स्वास्थ्य स्थितियों के साथ रिएक्शन कर सकती है?
यह दवा निम्न स्वास्थ्य स्थितियों के साथ रिएक्ट कर सकती है।
- सीजर डिसऑर्डर (Siezure disorder) : ऐसे मरीज जिन्हें पहले सीजर डिसऑर्डर की बीमारी हुई हो उन्हें इस दवा का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि संभावनाएं रहती हैं कि कहीं इस दवा का सेवन करने से व्यक्ति को यह बीमारी फिर से न हो जाए। ऐसे में जरूरी है कि डॉक्टरी सलाह जरूर लें। वहीं बिना सलाह के किसी ने यह दवा ले ली है तो जरूरी है कि नेगेटिव लक्षण दिखने पर जल्द से जल्द डॉक्टरी सलाह लेना चाहिए। ऐसे में इस दवा के अलावा दूसरी दवा दवा मरीज को दी जाती है वो भी डॉक्टर के निर्देशानुसार।
- ग्लूकोमा (Glaucoma) : ऐसे मरीज जो ग्लूकोमा की बीमारी से ग्रसित हैं या फिर जिनको पूर्व में यह बीमारी हुई हो, ऐसे लोगों को काफी सावधानीपूर्वक यह दवा दी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह दवा देने से संभावनाएं बनती हैं कि कहीं मरीज की बीमारी और न बढ़ जाए। ऐसे में जरूरी है कि एक्सपर्ट मरीज की क्लीनिकल कंडीशन को ध्यान में रखते हुए डोज एडजस्टमेंट करें या फिर वैकल्पिक दवाओं को देकर उपचार करें।
- हार्ट डिजीज : ऐसे मरीज जिन्हें हार्ट डिजीज है या फिर पूर्व में हार्ट डिजीज रहा है को काफी सावधानीपूर्वक यह दवा दी जाती है। बता दें कि ऐसे मरीजों में संभावनाएं रहती हैं कि इस दवा को देने के कारण उनकी तबियत खराब हो सकती है। वहीं समय-समय पर जरूरी है कि ऐसे मरीजों का लिवर फंक्शन टेस्ट भी करवाया जाए। इसके अलावा वाइटल साइन, इलेक्ट्रोलाइट लेवल की जांच की जाती है। मरीज की तबियत और अधिक न बिगड़े इसलिए यह क्लीनिकल इग्जामिनेशन जरूरी हो जाता है। ऐसे में जरूरी है कि एक्सपर्ट मरीज की क्लीनिकल कंडिशन को ध्यान में रखते हुए डोज एडजस्टमेंट करें या फिर इस दवा की वैकल्पिक दवाओं को देकर उपचार करें।
- हाइपरथायरोडिज्म : ऐसे मरीज को जो हाइपरथायरॉडिज्म की बीमारी से ग्रसित होते हैं उनको यह दवा काफी सावधानीपूर्वक दी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि संभावनाएं रहती हैं कि इस दवा को देने से कहीं मरीज के लक्षण और अधिक न बढ़ जाएं। इसके साथ ही समय-समय पर मरीज के थायराॅइड हार्मोन लेवल की जांच के साथ क्लीनिकल कंडिशन को ध्यान में रखते हुए डोज एडजस्टमेंट करें या फिर इस दवा की वैकल्पिक दवाओं को देकर उपचार करें।
- गैस्ट्रिक अल्सरेशन (Gastric ulceration) : ऐसे मरीज जो गैस्ट्रिक अल्सरेशन सहित अन्य गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर से ग्रसित होते हैं उन लोगों को इस दवा का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि संभावनाएं रहती हैं कि कहीं इस दवा को देने से मरीज की तबियत और ज्यादा न बिगड़ जाए। वहीं यदि मरीज दवा का सेवन करता है तो जरूरी है कि नकारात्मक लक्षण दिखाई देने पर जल्द से जल्द डॉक्टरी सलाह लेना चाहिए। इस मामले में मरीज की क्लीनिकल कंडीशन को ध्यान में रखते हुए डोज एडजस्टमेंट करें या फिर इस दवा की वैकल्पिक दवाओं को देकर उपचार करें।
- लिवर डिजीज : लिवर डिजीज से ग्रसित मरीजों को काफी सावधानी पूर्वक इस दवा को दिया जाता है। वह भी सिर्फ जरूरी केस में ही। ऐसा इसलिए है क्योंकि संभावनाएं रहती हैं कि कहीं उनकी तबियत और न बिगड़ जाए। वहीं यदि मरीज को यह दवा दी जा रही है तो समय -समय पर लिवर फंक्शन टेस्ट करवाना जरूरी हो जाता है। इसके अलावा जरूरी है कि मरीज की क्लीनिकल कंडीशन को देखते हुए डॉक्टर को दिखाने के बाद डोज एडजस्टमेंट के साथ इस दवा के बदले वैकल्पिक दवाओं को देना सुरक्षित होता है।
- किडनी डिजीज : किडनी डिजीज से ग्रसित मरीजों को काफी सावधानीपूर्वक इस दवा को दिया जाता है। वह भी सिर्फ जरूरी केस में। ऐसा इसलिए है क्योंकि संभावनाएं रहती हैं कि कहीं उनकी तबियत और न बिगड़ जाए। वहीं यदि मरीज को यह दवा दी जा रही है तो समय-समय पर किडनी फंक्शन टेस्ट करवाना जरूरी हो जाता है। इसके अलावा जरूरी है कि मरीज की क्लीनिकल कंडीशन को देखते हुए डॉक्टर को दिखाने के बाद डोज एडजस्टमेंट के साथ इस दवा के बदले वैकल्पिक दवाओं को दिया जाए।
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स्टोरेज
ग्रिलिंक्टस बीएम (Grilinctus BM) को कैसे करूं स्टोर?
दवा को घर में सामान्य रूम टेंप्रेचर पर ही रखें। कोशिश करें कि इसे सूर्य कि किरणों से बचाकर रखें। 25 डिग्री तापमान दवा के लिए बेस्ट है, लेकिन फ्रिज में रखने की गलती कतई न करें। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो यह दवा सामान्य रूप से काम नहीं कर पाएगी। इसके अलावा इसे बच्चों और पालतू जानवरों की पहुंच से दूर रखना चाहिए। एक्सपायरी होने के पहले ही दवा का सेवन करें, लंबे समय तक सेवन करना हो तो डॉक्टरी सलाह लें। इसे एयरटाइट कंटेनर में रखें। इतना ही नहीं दवा को डिस्मेंटल करने के लिए इसे फ्लश नहीं करना है। इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच सकता है। दवा एक्सपायरी हो जाए तो उसे कैसे डिस्पोज करना है इसको लेकर फॉर्मासिस्ट से सलाह लेनी चाहिए।
ग्रिलिंक्टस बीएम (Grilinctus BM) किस रूप में उपलब्ध है?
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डाक्टरी सलाह लें। ।